
ज्योतिष में शनि ग्रह का विशेष महत्व है। इस ग्रह को सबसे मारक ग्रह कहा जाता है। कुंडली में अशुभ शनि होने से व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियां घेर लेती हैं। शनि एक साथ 5 राशियों को सीधे-सीधे अपना असर डालते हैं। एक समय में तीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और दो अन्य राशियों पर ढैय्या जरूर रहती है। शनि एक राशि में करीब ढाई साल रहते हैं।इस समय शनि धनु राशि में है। इस कारण वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती है। जबकि वृष और कन्या राशि पर शनि की ढैय्या का प्रभाव है।
शनि दोष को कम करने के उपाय
– शनि देव को प्रसंन्न करने के लिए शनिवार के दिन उन्हें तेल चढ़ाना चाहिए और पीपल के पेड़ की विशेष रूप से पूजा करनी चाहिए। शनिवार को काले तिल का दान, शमी के पेड़ की पूजा और चमड़े के जूते-चप्पल का दान करना भी शुभ माना गया है।