हाल ही में न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर आपने मैजिक देखा होगा, जिसमें मेंटलिस्ट यानी दिमाग को पढ़ने वाले सामने वाले शख्स के ज़हन में क्या चल रहा है, वह बता देते हैं. यह देखकर लोग हैरान रह जाते हैं. यह ट्रिक इन दोनों कुछ बाबा भी करते हैं. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इसी कला के जरिए पूरे देश में सुर्खियों में छाए हुए हैं. लेकिन उन पर चर्चा करने के बजाय हम आपको यह बता रहे हैं कि आखिर मेंटलिस्ट दिमाग की बातों को पढ़ कैसे लेते हैं।
क्या आप जानते हैं कि दिमाग पढ़ा जा सकता है? क्या संप्रेषण केवल कथनों के हॉजोब्लिन के बारे में है या इसमें कुछ अमूर्त है? यदि माइंड-रीडिंग ने आपको आकर्षित किया है और आप संचार की बेहतर शुद्धता में विश्वास करते हैं, तो निश्चित रूप से आपके लिए निम्न है। प्रसिद्ध जर्मन जादूगर और मानसिक विशेषज्ञ निकोलाई फ्रेडरिक दिमाग को पढ़ते हैं, जादू करते हैं और भ्रम पैदा करते हैं जैसा कोई और नहीं कर सकता। वह बताते हैं दिमाग को पढ़ने की कला कैसे काम करती है, कैसे पता करें कि कोई झूठ बोल रहा है, क्या बातचीत के बिना संवाद करना संभव है और कैसे वह मन पढ़कर जादू पैदा करता है। यह एक तरीका है, जिसमें बिना किसी फिजिकल इक्विपमेंट के आप सामने वाले की मन की बात जान लेते हैं. यह पूरी तरह दिमाग का खेल होता है. इसमें कुछ ऐसी ट्रिक्स होती हैं, जिनका उपयोग मेंटलिस्ट करते हैं और वे सामने वाले शख्स के मन की बात जानकर उसे बता देते हैं। मन पढ़ना, जैसा कि अक्सर माना जाता है, अलौकिक शक्ति होने के बारे में नहीं है। यह मनोविज्ञान और सुझावों की शक्ति का संयोजन है । इसमें बॉडी लैंग्वेज का अध्ययन भी शामिल है।
कैसे पढ़ते हैं दिमाग
कॉर्ल ह्यूम के कॉन्सेप्ट सिंक्रनाइजेशन की माने तो हर व्यक्ति का मस्तिष्क किसी दूसरे से कैसे ना कैसे जुड़ा होता है. जब कोई शख्स बेहद शांत मन से आपके मन को टटोलने की कोशिश करता है तो कुछ आपका दिमाग कुछ हद तक उसे सिग्नल दे देता है. ये सिग्नल सामने वाले को आभास की तरह महसूस होने लगते हैं और वह ठीक-ठाक तरीके से आपके मन की बात को जान लेते हैं। फर्ज करिए कि आप किसी से मोहब्बत करते हैं. वह आपसे दूर है. अगर वह किसी परेशानी में पड़ जाता है तो आपके अंदर खलबली मच जाती है. आपको मालूम चल जाता है कि वह मुश्किल में है. यह अकसर मांओं के साथ होता है. उनको भी अपने बच्चों की परेशानियों के बारे में पता चल जाता है।
लेकिन मालूम चलता कैसे है?
यूं तो साइकोलॉजी के जानकार सामने वाले व्यक्ति के मन की बात जान लेते हैं. वह हाथों-पैरों की मूवमेंट, चेहरे के हाव-भाव, कपड़ों और बैठने के तरीके को भांप लेते हैं. इसी ट्रिक से वह जान लेते हैं कि आपके ज़हन में क्या चल रहा है. ऐसे भी तांत्रिक या बाबा आपको मिल जाएंगे, जिन्होंने साइकोलॉजी की डिग्री हासिल नहीं की है लेकिन फिर भी वह मन की बातें मालूम कर लेते हैं. वहां भी यही ट्रिक काम आती है।
क्या वाकई मेन्टलिज़्म मानसिक शक्ति है या सिर्फ एक जादूगरी का खेल
मैंटलिज्म ट्रिक्स एक प्रदर्शन कला है जिसमें इसके अभ्यासी, जिन्हें मानसिकवादी के रूप में जाना जाता है, अत्यधिक विकसित मानसिक या सहज क्षमताओं का प्रदर्शन करते दिखाई देते हैं. प्रदर्शनों में सम्मोहन, टेलीपैथी, क्लेयरवोयंस, अटकल, पूर्वज्ञान, मनोविश्लेषण, माध्यमता, मन पर नियंत्रण, स्मृति करतब, कटौती और तेजी से गणित शामिल हो सकते हैं। मानसिकवादी एक नाटकीय कार्य करते हैं जिसमें ऐसे प्रभाव शामिल होते हैं जो मानसिक या अलौकिक शक्तियों को नियोजित करने के लिए प्रकट हो सकते हैं लेकिन वास्तव में “साधारण संयुग्मन साधनों” द्वारा प्राप्त किए जाते हैं, प्राकृतिक मानवीय क्षमताएं (अर्थात शरीर की भाषा पढ़ना, परिष्कृत अंतर्ज्ञान, अचेतन संचार, भावनात्मक बुद्धिमत्ता), और मानव मनोविज्ञान या अन्य व्यवहार विज्ञान से प्रमुख सिद्धांतों की गहन समझ। मैंटलिज्म ट्रिक्स को आमतौर पर जादू की उपश्रेणी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और जब एक मंच जादूगर द्वारा किया जाता है, तो इसे मानसिक जादू भी कहा जा सकता है. हालांकि, आज कई पेशेवर मानसिक चिकित्सक आमतौर पर जादूगरों से खुद को अलग कर सकते हैं, इस बात पर जोर देते हुए कि उनकी कला एक अलग कौशल का लाभ उठाती है। “मैजिक ट्रिक्स” करने के बजाय, मानसिकवादियों का तर्क है कि वे मन और कल्पना के लिए मनोवैज्ञानिक अनुभव पैदा करते हैं, और मनोविज्ञान, सुझाव और प्रभाव की खोज के साथ वास्तविकता का विस्तार करते हैं. मानसिकवादियों को अक्सर मानसिक मनोरंजनकर्ता भी माना जाता है, हालांकि उस श्रेणी में मानसिक पाठक और विचित्र जैसे गैर-मानसिक कलाकार भी शामिल हैं.. मैंटलिज्म ट्रिक्स यानि मानसिक शक्तियों के अभ्यास में से एक कला जिसका प्रदर्शन कर कई जादूगर लोगो को आश्चर्य में डाल देते है. मेन्टलिज़्म की कला हमारी मानसिक शक्तियों पर निर्भर करती है. इस कला में 2 चीजे होती है पहली माध्यम जिस पर मेन्टलिज़्म कला का प्रदर्शन किया जाता है और दूसरा इसे करने वाला. ये हमारी कल्पना शक्ति पर काम करती है जिसमे हमें सामने वाले के मन में चलने वाले विचारो को भांप कर समझना पड़ता है. इसे दूसरे शब्दों में हम सम्मोहन, टेलीपैथी और दिमाग को कण्ट्रोल करने की कला का मिश्रण कह सकते है।
मेंटलिसम ट्रिक्स कैसे काम करती है?
मेंटलिसम ट्रिक्स कैसे काम करती है? यानि दिमाग को कैसे पढ़ा जाए? मेंटलिसम एक ऐसी कला है जिसमे हर उस कला को जोड़ा गया है जो हमारे मानसिक अभ्यास में आती है. ऊपर बताया जा चूका है इस अभ्यास में हमें पैनी नजर और आत्मविश्वास से भरी प्रकृति का बनना आवश्यक है तभी हम इसमें कामयाब बन सकते है. देखा जाए तो मेन्टलिज़्म की पूरी कला सिर्फ और सिर्फ व्यक्ति के आत्मविश्वास और उसके द्वारा लोगो के सामने इल्लूजन पैदा करने पर टिकी हुई है. इसमें बैकग्राउंड म्यूजिक भी शामिल है जो लोगो के दिमाग को हर पल बिजी रखता है. मेंटलिसम ट्रिक्स की कला में 3 बाते होती है पहला माध्यम की हरकतों पर गौर करते रहना. दूसरा उसे मिस-गाइड करना और उसे मन में सोचने वाली बातो से अलग ले जाना या मन की बातो को जुबान पर ले आना तीसरा और महत्वपूर्ण हिस्सा है माध्यम पर आत्मविश्वास के साथ हावी होना. इसमें मीडियम को लगने लगता है की आप जो कह रहे है वही सही है. किसी के मन की बात को उसे पहले से बताना, ताश के पत्तो से माध्यम का सोचा हुआ पता दिखाना और भी इसी तरह की ट्रिक्स है जो इस कला के माध्यम से की जाती है. इन सबमे आपके विचार और मनोभाव पर हर पल नजर राखी जाती है जिससे की वो आपको पकड़ सके।
मेन्टलिज़्म की सफलता के सबसे खास राज
3 सबसे बड़ा मेंटलिस सिक्रेट्स जो इस अभ्यास को सफल बनाते है इनके बारे में जानने पर आपको अच्छे से समझ आ जायेगा की मेंटलिसम ट्रिक्स का अभ्यास कैसे काम करता है. क्या वाकई किसी के दिमाग को पढ़ा जा सकता है? बिलकुल और ऐसा संभव है जब आप निम्न 3 बातो में से किसी 2 पर अपनी अच्छी पकड़ बना लो।
माध्यम के होंटो (Lips) की हरकतों को पहचाने : आपने देखा होगा की ताश के पत्तो के या फिर नंबर के चुनाव के खेल में आपसे किसी एक पत्ते या न नंबर को चुनने को बोला जाता है। जब आप ऐसा करते है तब आपसे एक बार फिर से उस नंबर को याद करने को बोलते है. मेंटलिसम ट्रिक्स के लगभग 70% मामले में आप यही पर पकडे जाते है क्यों की ऐसा करने के पीछे मेंटलिस्ट की मंशा आपके जुबान पर उस नंबर को बुदबुदाने की है जो आप सोचते है. आपको यही लगता है की आप उस नंबर को फिर से अच्छे से याद कर रहे है. लेकिन वास्तव में वो आपके मन को पकड़ने की सबसे पहली चाल है. कई बार ऐसा होता है की मेटलिस्ट आपको 2 से ज्यादा बार भी ऐसा करने को कहते है।
सोच से हटाना सबसे बड़ी उपलब्धि है : आप अपने मन में लाख ऐसा सोच कर मेंटलिस्ट के सामने जाते है की वो आपको पकड़ नहीं पायेगा लेकिन वो आसानी से आपको अपने मायाजाल में फंसा लेता है. दरअसल लोगो की मानसिकता ये है की अगर उन्हें बार बार पुरे आत्मविश्वास के साथ कहा जाए की क्या आप अपनी बात पर कायम है तो ये जानते हुए भी की उनकी बात सही है वो दोबारा सोचने पर मजबूर हो जाते है. यही समय है जब मेंटलिस्ट आपकी सोच को हटा कर उन बातो को आपके दिमाग में बिठाता है जो उसके दिमाग में होती है. इसी वजह से वो आसानी से आपकी सोच को पकड़ लेता है. मान लीजिये की आप कई लड़कियों के साथ चक्कर रखते है. मेंटलिसम ट्रिक्स की कला के एक्सपर्ट को इसका शक हो जाता है और आप चाहते है की आप उसके जाल में ना फंसे. जब मेंटलिस्ट आपसे सवाल करता है तब वो कुछ ऐसे शब्दों पर जोर देता है जिनसे आपके मन में भ्रम की स्थिति पैदा होने लगती है. जैसे आपको पता था की आपने कल क्या देखा. लेकिन वो कहता है की क्या आपको लगता है की आपने वाकई वह सब देखा जो आप बता रहे है. एक बार जब आपके मन में शंका उत्पन हो जाती है तब वो आपके हावभाव समझ कर आपको मिस-गाइड करता है जैसे की वहा पर आपने ये देखा होगा या ये वहा पर होगा. जब वो कहता है उसी वक़्त माध्यम के मन में उस स्थिति से जुड़े विचार बनने शुरू हो जाते है जो वास्तव में मेंटलिस्ट के विचार थे।
शब्दों का जाल और इसके मायने
मेंटलिसम ट्रिक्स को गहराई से सोचने पर अगर उदहारण के जरिये समझे तो मान लीजिये आप मेंटलिस्ट के सामने जाते है वो आपसे पूछता है की आपने कल सुबह क्या खाया था सोच लीजिये जब आप सोचते है तो आपके मनोभाव को पढ़ने के साथ साथ वो ये कोशिश करता है की वो आपको मिस-गाइड कर सके या अपनी बातो में उलझा सके. अब वो बाते करते करते ये दिखावा करता है की वो आपके दिमाग को पढ़ रहा है और साथ ही साथ ऐसे शो करता है की आपने शायद ये खाया था नहीं नहीं ये खाया होगा तब आप के मन में फिर से वही चीज घूमने लगती है जो आपने कल सुबह खाई थी. ये सब मेंटलिसम ट्रिक्स का एक हिस्सा होता है. जब वो बोलता है तब आपकी आंखे उसके कण्ट्रोल में होती है उसकी नजर आपके लिप्स की हरकतों पर और वो गेस करते करते आपके मन की ही बात को आपको बता देता है. शब्दों के जाल में फंसने के बाद आपके होंठ खुद-ब-खुद वो शब्द बुदबुदाने लगते है जो आपके मन में है. ऐसा इसलिए क्यों की आपको लगता है की ऐसा कर आप अपने विश्वास को बढ़ा रहे है लेकिन वास्तव में मेंटलिस्ट को मौका दे रहे है खुद को पढ़ने का।
टॉप 5 मेंटल-इस्म ट्रिक टू डू
मेंटलिसम ट्रिक्स की कला पर आधारित कुछ खेल ऐसे है जिनसे आप अपने दोस्तों को आश्चर्यचकित कर सकते है. मेंटलिसम सीक्रेट तकनीक में कुछ ट्रिक्स शामिल की गई जिन्हे आप मेन्टलिज़्म के शुरुआती अभ्यास के तौर पर कर सकते है।
कार्ड रीडिंग ट्रिक्स : सबसे आसान और ज्यादा से ज्यादा की जाने वाली मेंटलिसम ट्रिक्स जिसे आप दोस्तों के साथ कर सकते है. मेंटलिसम ट्रिक्स के इस खेल में आपके माध्यम ताश के पातु में से एक पत्ते का चुनाव करते है और वापस उसे गड्डी के साथ मिला लिया जाता है. बाद में कुछ देर बाद जब माध्यम को पत्ते दिखाए जाते है तब संभावित कुछ पत्ते उसे दिखाते है और उस दौरान उसके हावभाव को पढ़ कर सही पत्ते को बताया जाता है. ये ऐसा खेल है जिसे आप अपने हिसाब से भी खेल सकते है।
मेन्टलिज़्म की कला-नंबर ट्रिक्स : इस मेंटलिसम ट्रिक्स में आप माध्यम को नंबर की लिमिट में से एक नंबर के चुनाव के लिए कहते है. जब वो ऐसा सोच लेते है तब उन्हें 2-3 बार उस नंबर को मन ही मन दोहराने के लिए कहते है. ऐसा करने के बाद आप उन्हें कुछ अन्य बातो के जाल में फंसा लेते है जो की सोचे गए वास्तविक नंबर को पकड़ने की ट्रिक में शामिल है. जब ऐसा होता है तब माध्यम के जुबान पर वो नंबर बार बार आता है और मेंटलिस्ट द्वारा समझ लिया जाता है।
सोच को शब्दों पर उकेरना की ट्रिक्स : ये ऐसी मेंटलिसम ट्रिक्स है जो शातिर दिमाग वाले के लिए बनी है. इस खेल में आपको सामने वाले पर बहुत गहरी नजर रखनी पड़ती है. आपके सामने कई नामो से भरी एक लिस्ट होती है जिसमे से किसी एक शब्द का चुनाव माध्यम करता है. इस खेल में आप उसकी नजर को लिस्ट में से पकड़ कर कुछ हद तक अंदाजा लगा सकते है. लेकिन वास्तविक शब्द को पकड़ने के लिए आपको माध्यम के मन में उस शब्द से जुड़े विचार पैदा करने पड़ते है।
सेल फोन कार्ड ट्रिक : क्या किसी सेल फोन से आप माध्यम के सोचे गए कार्ड को पहचान सकते है ? ज्यादा सोचिये मत ये सिर्फ मेंटलिसम ट्रिक्स का एक हिस्सा है जिसमे हम ताश के पत्ते में से एक मनपसंद पत्ते का चुनाव माध्यम द्वारा करवाते है. इसके बाद सेल फोन को पत्ते के पास रख कर सेल द्वारा खेल खेलते है जिसमे माध्यम के हावभाव को पढ़ने के लिए आपको समय मिल जाता है. इस खेल का राज सिर्फ इतना ही है की पत्ते के चुनाव के वक़्त माध्यम के हावभाव क्या रहते है खासतौर से तब जब वो दोबारा उसके सामने आता है।
कोल्ड रीडिंग गाइड सबसे मजेदार मेंटलिसम ट्रिक्स : इस मेंटलिसम ट्रिक्स में हम लोगो के बिच बोलते बोलते ये शो करते है की हम उनका मस्तिष्क पढ़ रहे है. लेकिन वास्तव में हम सिर्फ शब्दों के जाल फेंक कर उनके मन में सोची गई बातो को पढ़ने की कोशिश करते है. जब आप शब्दों का जाल फेंकते है तब माध्यम अपनी सोची गयी बात को मन में दोहराने लगता है और इसी दौरान वो मेंटलिस्ट की पैनी नजर का शिकार बन जाता है. इन तकनीक खासतौर से मेंटलिसम ट्रिक्स की कला को समझने के लिए आप Now you see me Hollywood मूवी देखा सकते है जिसमे अच्छे से इस कला को दिखाया गया है. अगर आप मेन्टलिज़्म पर आधारित बुक सर्च कर रहे है तो you can download mentalism pdf book here ये आपको शुरुआती तकनीकी समझने में काफी मदद कर सकती है।
(डिस्क्लेमर- यह खबर कई मीडिया रिपोर्ट के आधार पर बनाई गई है. ऐसी किसी भी वेबसाइट पर विजिट करने से पहले आप रिसर्च खुद करें. हम इन वेबसाइट का प्रमोशन नहीं कर रहे हैं.)