
शिप्रा नदी पार कर स्कूल जाने वाले हिरली गांव के बच्चों की पीड़ा महसूस करने के लिए सोमवार को देवास जिले के अफसर जुगाड़ की नाव पर सवार हुए। एक तरफ वजन आने से नाव पलटी और दो स्थानीय शिक्षकों समेत तीन अफसर किनारे से पहले ही नदी में जा गिरे। नदी में गर्दन तक पानी था। अफसरों को गिरता देख ग्रामीण कूदे और अफसरों को बाहर निकाला।
देवास जिले के हिरली गांव में पांचवीं तक ही स्कूल है। इसके बाद पढ़ने के लिए बच्चों को नदी पार इंदौर जिले की सांवेर तहसील के गांव सिमरोल जाना पड़ता है। जुगाड़ की नाव पर बच्चे जाते हैं, जिसके पलटने का खतरा हमेशा बना रहता है। यहां पुल बनाने के लिए ग्रामीण लंबे समय से मांग कर रहे हैं। 31 अगस्त को ग्रामीणों ने जल सत्याग्रह किया था। इसके बाद देवास कलेक्टर के निर्देश पर टीम सोमवार को यहां गई थी। आरईएस कार्यपालन यंत्री उमेश साहू, जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार खत्री, देवास जनपद सीईओ राजेंद्र यादव, डीपीसी राजीव सूर्यवंशी, बीआरसी दिनेश चौधरी, जनपद के उपयंत्री भरत जकाेरे व स्थानीय स्कूल के दो शिक्षक पहुंचे।
पानी से निकाल कर गांववाले अधिकारियों को प्राथमिक स्कूल ले गए। बातचीत में अधिकारी बोले-माध्यमिक स्कूल तत्काल स्वीकृत हो सकता है। इसके लिए रिपोर्ट बना कर कलेक्टर को भेजेंगे। लोग सहमत नहीं थे। उनका कहना था 10वीं तक स्कूल तो होना चाहिए। पुल बनना चाहिए।