
छत्तीसगढ़ में हुए नान (नागरिक खाद्य आपूर्ति निगम) घोटाला मामले में सोमवार को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) की टीम ने उप लेखाधिकारी रहे चिंतामणि चंद्राकर के ठिकानों पर दबिश दी। एक साथ चार ठिकानों पर दी गई दबिश में टीम ने करोड़ों रुपए की संपत्ति बरामद की है। इसके बाद उसके ऊपर आय से अधिक संपत्ति मामले में एफआईआर दर्ज की गई। उपलेखाधिकारी चंद्राकर के ऊपर कथित तौर पर 36 हजार करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
सांठगांठ कर महत्वपूर्ण पदों पर कराई नियुक्ति, मिले करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज
वर्ष 2015 में उजागर हुए नान घोटाले के दौरान चिंतामणि चंद्राकर वहीं पदस्थ था। आरोप है कि उस दौरान सांठगांठ कर चंद्राकर ने खुद की नियुक्ति कई महत्वपूर्ण पदों पर कराई और रैकेट बनाकर अपने और परिवार वालों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति बनाई। इसके बाद से ही ईओडब्ल्यू की नजर आय से अधिक संपत्ति के मामले में इसके ऊपर थी। टीम ने कोर्ट ने अनुमति मिलने के बाद सोमवार तड़के एक साथ चंद्राकर के चार ठिकानों पर दबिश दी।
वर्तमान में चंद्राकर स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड में उप लेखाधिकारी के पद पर तैनात है। ऐसे में टीम ने कांकेर स्थित उसके कार्यालय सहित दुर्ग के आदर्श नगर स्थित घर और स
क्या है नान घोटाला
साल 2015 में नागरिक वितरण प्रणाली में भारी गड़बड़ी होने का पता चला था। इस स्कीम के तहत छत्तीसगढ़ सरकार गरीबों को एक रुपए किलो के हिसाब से चावल बांटती है। ईओडब्ल्यू और एसीबी टीम ने फरवरी 2015 में नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसमें 36 हजार करोड़ की आर्थिक अनियमितता की जानकारी मिली। इसी गड़बड़ी की अब प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार नए सिरे से जांच करवा रही है।