जिंक भी आयरन और कैल्शियम की तरह शरीर के कार्यों के लिए बहुत जरूरी मिनरल है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। जिंक इम्यूनिटी, स्किन और ज़ख्मों का उपचार करने में बेहद असरदार है। यह शुगर को कंट्रोल करता है, साथ ही दिल की सेहत का भी ध्यान रखता है। जिंक स्किन और बालों के लिए भी जरूरी है। शरीर में ज़िंक अपने आप नहीं बनता, बल्कि इसकी कमी पूरा करने के लिए जिंक से भरपूर डाइट की जरूरत होती है। जिंक की कमी होने पर बॉडी में कई तरह की परेशानियां पैदा हो जाती है, जो सेहत को नुकसान पहुंचाती है। आइए जानते हैं कि जिंक की कमी के बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखते हैं और उसकी कमी को पूरा करने के लिए डाइट में किन-किन चीज़ों को शामिल करें।
जिंक एक ऐसा मिनरल है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक कि बीमारियों को दूर करता है। इसकी हल्की-सी कमी के चलते प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ सकती है। साथ ही हड्डियां भी कमजोर पड़ सकती हैं। जिंक जिसे हम जस्ता भी कहते हैं, मानव शरीर में कई कार्यों का समर्थन करता है। शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के साथ, यह शरीर को प्रोटीन और डीएनए बनाने में सक्षम बनाता है। यह घाव भरने, बच्चों के विकास, रक्त के थक्के जमाने, थायराइड, भूख, प्रजनन, स्वाद और गंध को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।हमें नियमित रूप से इस खनिज का सेवन करना चाहिए। चूंकि हमारे शरीर में जिंक का उत्पादन नहीं होता है, इसलिए जिंक युक्त खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट खाने से इस खनिज का सेवन पूरा हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) उन शिशुओं को जिंक की खुराक लेने की सलाह देता है, जिन्हें बार-बार दस्त की समस्या होती है। इस बात के प्रमाण हैं कि यह दस्त के लक्षणों को कम कर सकता है, विशेष रूप से उन लोगों में जो पौष्टिक आहार नहीं लेते हैं। लंबे समय तक घाव या अल्सर से परेशान वाले लोगों में अक्सर जिंक की कमी का लेवल देखा जाता है। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, जिंक त्वचा की मरम्मत से लेकर संक्रमण को रोकने तक, घाव भरने के हर काम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिंक में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जैसे, यह ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऑक्सीडेटिव तनाव और पुरानी बीमारियों, जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के अन्य पहलुओं के बीच एक संबंध है। जिन पुरुषों के शरीर में जिंक लेवल लो होता है, उन्हें प्रजनन और अन्य यौन स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि जिंक से हमारे शरीर में क्या फायदा व नुकसान पहुंचाता है और यह हमें किन-किन चीजों से प्राप्त हो सकता है।
जिंक की कमी क्या है?
शरीर को बेहतरीन रूप से कार्य करने के लिए विभिन्न प्रकार।के विटामिन और खनिजों की आवश्यकता होती है। इनमें से एक आवश्यक खनिज “जिंक” होता है जो भोजन में थोड़ी सी मात्रा में पाया जाता है। यह शरीर में सभी कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक आवश्यक ट्रेस पोषक तत्व होता है। इसकी ज्यादातर मात्रा मांसपेशियों और हड्डियों में जमी होती है। यह बाल, आंख, नाखून, त्वचा, लीवर, प्रोस्टेट (पौरुष ग्रंथि) और वृषणों में भी पाया जाता है। शरीर निम्न प्रक्रियाओं के लिए जिंक का उपयोग करता है:
* प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए
* कोशिकाओं के विभाजन में मदद करने के लिए
* सूंघने और जीभ के स्वाद के अनुभव को बनाए रखने के लिए
* घाव भरने की गति को बढ़ाने के लिए
जिंक किसी व्यक्ति के विकसित होने की प्रक्रिया में भी मदद करता है। यह गर्भवती महिलाओं और साथ ही साथ बढ़ते बच्चों के लिए एक आवश्यक खनिज होता है। यदि आप भोजन के द्वारा पर्याप्त मात्रा में जिंक प्राप्त नहीं कर रहे हैं तो इसके कारण आप में कुछ लक्षण विकसित हो सकते हैं। इन लक्षणों में मुख्य रूप से बाल झड़ना, सतर्कता में कमी और सूंघने व स्वाद को महसूस करने की शक्ति कम होना आदि शामिल होते हैं। डॉक्टरों को संदेह होता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में जिंक की कमी उस व्यक्ति की परिस्थितियों, लक्षणों और जिंक के सप्लीमेंट्स पर प्रतिक्रिया पर निर्भर होती है। जिंक की कमी को ठीक करने के लिए डॉक्टर मरीज के लिए कुछ प्रकार के जिंक के सप्लीमेंट भी लिख सकते हैं।
जिंक की कमी के प्रकार
रोजाना जिंक की कितनी खुराक लेनी चाहिए : जिंक शरीर के लिए बहुत आवश्यक खनिजों में से एक होता है, इसके बिना शरीर के कई फंक्शन काम करना बंद कर देते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को नियमित रूप से मात्रा के अनुसार जिंक को प्राप्त करते रहना चाहिए। हालांकि जिंक का सेवन करने की मात्रा उम्र, लिंग, गर्भावस्था व अन्य स्थितियों के अनुसार कम या ज्यादा हो सकती है।
जिंक की कमी के लक्षण –
जिंक की कमी होने वाले लक्षण : जिंक की कमी होने पर शरीर में निम्न लक्षण विकसित होने लगते हैं:
* स्तन कैंसर
* प्रोस्टेट कैंसर
* साइनसाइटिस
* एलर्जी
* भूख कम लगना
* डायरिया
* रूखी त्वचा
* आंख में संक्रमण
* बाल झड़ना
* यौन संबंधी रोग या नपुंसकता
* त्वचा पर धब्बे बनना
* नाजुक नाखून (भुरभुरे नाखून)
* उंगलियों के नाखूनों पर निशान पड़ना
* बालों में रूसी
* कद छोटा रह जाना
* प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना
* अनिद्रा
* बांझपन
* सूंघने या जीभ द्वारा स्वाद का अनुभव करने की शक्ति कम होना
* कामेच्छा में कमी
* बार-बार जुकाम होना
* त्वचा पर चकत्ते होना
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
* ज्यादातर मामलों में जिंक की कमी होने से कोई इमर्जेंसी स्थिति पैदा नहीं होती। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप गर्भवती हैं या स्तनपान करवाती हैं और आपको लगता है कि आपमें जिंक की कमी है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास जाना बेहद जरूरी है। गर्भ को स्वस्थ रूप से विकसित होने के लिए जिंक बहुत महत्वपूर्ण खनिज होता है।
* यदि आपको पता है कि आपमें जिंक की कमी है और आपको कुछ दिन से दस्त भी हैं तो ऐसे में आपको डॉक्टर से मदद लेनी चाहिए। जिंक एक ऐसा खनिज होता है जो संक्रमण से लड़ने में आंतों की मदद करता है और इसके बिना संक्रमण और अधिक गंभीर हो सकता है।
इनमें से कोई भी समस्या महसूस होने पर आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए:
* चक्कर आना और मतली महसूस होना
* अचानक से सिरदर्द होना जो ठीक नही होता
* बेहोशी की हालत जैसा अनुभव होना
जिंक की कमी के कारण व जोखिम
* शरीर में जिंक के स्तर में अंदरुनी रूप से कमी पैदा करने वाले मुख्य तीन कारण हैं:
* भोजन के द्वारा पर्याप्त मात्रा में जिंक प्राप्त ना कर पाना
* अवशोषण प्रक्रिया में खराबी के कारण शरीर से अधिक मात्रा में जिंक निकलना
* दीर्घकालिक स्थितियों वाले लोग
दीर्घकालिक स्थितियों वाले लोगों में जिंक की कमी हो सकती है
शाकाहारी लोग: शाकाहारी लोगों में पारंपरिक रूप से जिंक में कमी पाई जाती है क्योंकि मीट में पाए जाने वाले जिंक को शरीर आसानी से तोड़ लेता है। शाकाहारी लोग उच्च मात्रा में फल, सोयाबीन, सेम, सूखे मेवे और साबुत अनाज खाद्य उत्पादों को खाते हैं। हालांकि ये सब स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ हैं, लेकिन जिंक को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता को बिगाड़ देते हैं। ये पदार्थ जिंक से जुड़ (बंध जाना) जाते हैं जिससे शरीर उसको अवशोषित नहीं कर पाता।
उम्र: अधिक उम्र वाले (वृद्ध) व्यक्तियों में जिंक की कमी होने के अधिक जोखिम होते हैं क्योंकि वे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को नहीं खाते या किसी कारण से अपने भोजन में शामिल नहीं कर पाते। कुछ प्रकार की दवाएं भी हैं जिन्हें लेने से शरीर से अधिक मात्रा में जिंक निकलने लगता है जैसे ब्लड प्रेशर की दवाएं (डाइयुरेटिक्स)।निम्न स्थितियों से जुड़े लोगों में जिंक की कमी होने के अत्यधिक जोखिम हो सकते हैं:
* कैंसर
* सेलिएक रोग
* लंबे समय से दस्त की समस्या
* दीर्घकालिक किडनी रोग
* दीर्घकालीन लीवर रोग
* क्रोन रोग
* डायबिटीज
* अग्नाशय के रोग
* सिकल सेल रोग या सिकल सेल एनीमिया
* अल्सरेटिव कोलाइटिस
* शिशु जो स्तनपान करते हैं
गर्भवती महिलाओं को सामान्य महिलाओं के मुकाबले अधिक जिंक की आवश्यकता होती है। क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए उन्हें अधिक मात्रा में जिंक की आवश्यकता पड़ती है।
* नशे की लत से ग्रस्त लोगों में भी जिंक की कमी होने के अधिक जोखिम होते हैं। अल्कोहल आपके शरीर में जिंक को अवशोषित करने में कठिनाई पैदा करता है।
जिंक की कमी के बचाव के उपाय
कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा कोई व्यक्ति अपने लिए भोजन बनाकर व खाकर अपने दैनिक खाद्य पदार्थों में शामिल जिंक को और अधिक मात्रा में प्राप्त कर सकता है।उदाहरण के लिए बीन्स या फलियों को पकने से पहले उनको पानी में भिगो देना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें खाने पर शरीर द्वारा जिंक पर प्रक्रिया करने में आसानी हो जाती है। खाद्य पदार्थों में खमीर वाले अनाज उत्पादों का चुनाव करने से भी शरीर में जिंक की मात्रा में वृद्धि होती है।
आहार में बदलाव: जिंक में कमी होने से रोकथाम करना आहार में बदलाव के साथ शुरू होता है। निम्न खाद्य पदार्थों को अधिक खाने पर विचार करें:
* अदरक
* ओट्स (जई)
* मूंगफली
* बादाम
* अखरोट
* फलियां (बीन्स)
* रेड मीट
* चिकन
* बीज
* गेहूं के अंकुर
* वाइल्ड राइस
यदि आप शाकाहारी हैं तो आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से जिंक प्राप्त करने में आपको कठिनाई हो सकती है। शाकाहारियों को बेक्ड बीन्स, काजू, मटर और बादाम आदि जिंक के विकल्प स्त्रोतों का सेवन करने पर विचार करना चाहिए।
जिंक की कमी पूरा करने के लिए डाइट
मशरूम का करें सेवन: ज़िंक की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में मशरूम शामिल करें। कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन से भरपूर मशरूम जिंक की कमी को पूरा करता है, साथ ही सेहत का भी ध्यान रखता है। मशरूम में भरपूर मात्रा में विटामिन डी मौजूद होता है जो सेहत के लिए बेहद जरूरी है।
मूंगफली जिंक का बेहतरीन स्रोत: आयरन, पोटैशियम, फोलिक एसिड, विटामिन ई, मैग्नीशियम और फाइबर से भरपूर मूंगफली में जिंक काफी मौजूद होता है जो बॉडी में जिंक की कमी को पूरा करता है।
तिल को करें डाइट में शामिल: तिल जिंक का अच्छा सोर्स माना जाता है जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फोलिक एसिड और बी कॉम्प्लेक्स भी मौजूद होता है। सर्दी में तिल का सेवन बॉडी को हेल्दी रखता है।
अंडा का करें सेवन: जिंक की कमी को दूर करने के लिए अंडे का पीला हिस्सा डाइट में शामिल करें। अंडे की जर्दी में भरपूर ज़िंक पाया जाता है। अंडे के पीले हिस्से में ज़िंक, कैल्शियम, आयरन, विटमिन बी12, थाइमिन, विटमिन बी6, फोलेट और फास्फोरस जैसे तत्व पाए जाते हैं जो अच्छी सेहत के लिए उपयोगी हैं।
दही का करें सेवन: दही इम्यूनिटी को इम्प्रूव करती है, साथ ही पाचन को भी स्ट्रॉन्ग बनाती है। दही में जिंक होता है जिससे पेट हेल्दी रहता है।
लहसुन भी है जिंक के लिए जरूरी: बॉडी में ज़िंक की कमी होने पर आपको रोज लहसुन की एक कली खानी चाहिए। औषधीय गुणों से भरपूर लहसुन में विटामिन ए, बी और सी, आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो आपको सेहतमंद रखते हैं।
जिंक की कमी का परीक्षण
यदि आप जिंक में कमी को लेकर चिंतित है तो डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करेंगे और यदि उनको जरूरी लगा तो आपका ब्लड टेस्ट करेंगे। लक्षणों की जांच और ब्लड टेस्ट दोनो एक साथ करने से डॉक्टर को इस बारे में काफी बेहतर संकेत मिल सकते हैं कि आपमें जिंक की कमी है या नहीं। शरीर में जिंक की कमी की जांच करने के लिए डॉक्टर को आपकी मेडिकल संबंधी पूरी जानकारी चाहिए होती है। वे आपके खाद्य पदार्थों की आदतों संबंधी सवाल पूछ सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में कैलोरी नहीं लेता या पर्याप्त मात्रा में विभिन्न खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं कर पाता है, तो जिंक में कमी होना इसका अंदरूनी कारण हो सकता है।हालांकि डॉक्टर जिंक के स्तर की जांच करने के लिए यूरिन टेस्ट या खून टेस्ट करने के ऑर्डर देते हैं जबकि ये निश्चित रिजल्ट नहीं देते। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जिंक केवल शरीर की कोशिकाओं में छोटी-छोटी मात्रा में स्थित होता है। कभी-कभी जिंक की कमी किसी अन्य स्थिति के लक्षण के रूप में भी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए कुछ स्थितियां जिंक को आपके शरीर में प्रोसेस्ड (तैयार – Processed) कर सकती हैं लेकिन अच्छी तरह से अवशोषित नहीं कर पाती। जिंक की कमी होने से शरीर में कॉपर की कमी भी हो सकती है। डॉक्टर को इन संभावनाओं का पता होता है। वे जिंक की कमी की जड़ तक पहुंचने के लिए कुछ अतिरिक्त परीक्षण कर सकते हैं।
जिंक की कमी का उपचार
जिंक की कमी को उसके अंतर्निहित कारणों का इलाज करके मैनेज किया जाता है। साधारण रूप से अंतर्निहित कारण का पता लगा लेना चाहिए और उसके बाद जिंक की कमी की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। उपचार में जिंक के सप्लीमेंट्स की भी आवश्यकता पड़ सकती है, यह जिंक की कमी का स्तर और उसके कारण पर निर्भर करती है। यहां कुछ आहार संबंधी सलाह और अन्य आवश्यक तत्वों के सप्लीमेंटेशन की आवश्यकता पड़ सकती है।
सप्लीमेंट्स: आप अपनी जिंक में कमी की समस्या का इलाज सप्लीमेंट्स की मदद से तुरंत कर सकते हैं। जिंक कई मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स में पाया जाता है। यह कुछ प्रकार की जुकाम की दवाओं में भी पाया जाता है। हालांकि अगर आप बीमार नहीं है तो आपको जुकाम की दवाएं नहीं लेनी चाहिए। आप ऐसे सप्लीमेंट्स भी खरीद सकते हैं जिनमें सिर्फ जिंक होता है।यदि आप अपने शरीर में जिंक की मात्र को बढ़ाने के लिए सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ध्यान रखें। क्योंकि जिंक कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक, डाईयुरेटिक्स और गठिया की दवाओं के प्रभाव पर असर डाल सकता है।
जिंक की कमी से होने वाले रोग
प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना: यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली का स्तर कम होता है तो आपका बार-बार बीमार पड़ना इसका सबसे पहला लक्षण हो सकता है। हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण और रोगों से शरीर की रक्षा करती है। शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी होने से यह प्रणाली काफी प्रभावित हो जाती है इन आवश्यक पोषक तत्वों में जिंक भी शामिल है। अत्यधिक सूजन व जलन को कम करने में भी जिंक प्रभावी रूप से मदद करती है। ऐसी सूजन व जलन की स्थिति जिन बीमारियों से जुड़ी होती है वह हैं अस्थमा, एलर्जी, हृदय रोग, कैंसर, समय से पहले बूढ़ा होना और अन्य समस्याएं आदि।
सूंघने व जीभ के स्वाद को अनुभव करने की क्षमता खराब होना: स्वाद और सूंघने के अनुभव के लिए जरूरी एंजाइम का उत्पादन करने के लिए जिंक के पर्याप्त स्तर की आवश्यकता होती है। मतलब सूंघने व स्वाद के अनुभव में कमी होना जिंक की कमी का एक खास संकेत हो सकता है।
नाखून धीरे-धीरे बढ़ना या क्षतिग्रस्त नाखून: क्योंकि जिंक कोशिका विभाजन, विकास और घाव भरने की प्रक्रिया में मदद करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए जिंक पर्याप्त मात्रा में ना मिलने पर आपके नाखून व बाल क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। जो कोशिकाएं त्वचा, बाल और नाखूनों का निर्माण करती हैं, उनके विकास को स्वस्थ रूप से बनाए रखने के लिए जिंक के स्थिर स्तर की आवश्यकता पड़ती है।
त्वचा संबंधी स्थितियां: मुंहासे, दाने और अन्य त्वचा के चकत्ते जिंक का कम स्तर होने का संकेत दे सकते हैं। जिंक शरीर में विटामिन ए के स्तर को परस्पर प्रभावित (Interact) करता है और उसके स्तर को भी बढ़ा सकता है। विटामिन ए भी एक पोषक तत्व होता है जो स्वस्थ त्वचा के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
घाव ठीक करने की कमजोर क्षमता: यदि आपके घाव भरने में सामान्य से ज्यादा समय लगता है तो इसका संकेत हो सकता है कि आपको अपने आहार में जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करने की आवश्यकता है। क्योंकि जिंक के बिना कोशिकाएं जितना जल्दी हो सके विभाजित होने और विकसित होने के लिए संघर्ष करने लगती हैं जिसके परिणामस्वरूप घाव आदि भरने की प्रक्रिया में अधिक समय लगने लगता है।
देखने में कमी: यदि आपको रात के समय और यहां तक कि दिन के समय भी देखने में परेशानी हो रही हैं तो अपने आहार में जिंक शामिल करने के संदर्भ में विचार करें। (
खराब याददाश्त और ध्यान देने में लगने वाला समय: जिंक की मदद से याददाश्त और सीखने की क्षमता में सुधार होता है।
डिप्रेशन या तनाव: सीखने की क्षमता और याददाश्त ही मस्तिष्क का ऐसा हिस्सा नहीं है जो जिंक से प्रभावित होता है। यह मस्तिष्क की तरंगों में उतार-चढ़ाव करने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे शरीर तनाव के रूप में प्रक्रिया देता है। जिन लोगों को डिप्रेशन या तनाव की समस्या होती है उनके खून में जिंक की कमी पाई जाती है। जिंक के सप्लीमेंट लेने से एंटीडिप्रैसेंट्स के प्रभाव दिखाई देते हैं और एंटीडिप्रैसेंट्स के साथ उपचार करने से आमतौर पर जिंक का स्तर सामान्य स्तर पर आ जाता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।