
आपने ओजोन शब्द तो सुना होगा, पर क्या आपको पता है, यह क्या है? और इस दिवस को क्यों मनाया जाता है? दरअसल ओजोन लेयर को बचाने और जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 16 सितंबर को ‘वर्ल्ड ओजोन डे’ मनाया जाता है. पृथ्वी की सतह से करीब 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर ओजोन लेयर की एक पतली परत पाई जाती है. इसे ही ओजोन लेयर या ओजोन परत कहते हैं. यह परत सूरज की खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों को अब्जॉर्ब करके पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों को बचाती है. सभी देशों को हमारी ओजोन परत को संरक्षित करने के लिए पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करता है। ओजोन पृथ्वी के लिए एक प्रकार की ढाल के रूप में कार्य करता है और इसकी पारिस्थितिकी के संरक्षण के लिए आवश्यक है।
ओज़ोन परत का संरक्षण करने के उद्देश्य से वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस (World Ozone Day) घोषित किए जाने के साथ ही, वर्ष 1995 से हर साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका आयोजन किया जाता है।ओजोन को पृथ्वी की सुरक्षा ‘छतरी‘ कहा जाता है, लेकिन इसमें प्रदूषण के कारण छेद होने से पृथ्वी पर गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। और संयुक्त राष्ट्र ने भी Ozone Hole Depletion से होने वाले खतरे से विश्व को आगाह किया है। इसे अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस (International Day for the Preservation of the Ozone Layer) भी कहा जाता है। हमारी धरती में मौजूद ओजोन गैस (Ozone Gas) एक खतरनाक प्रदूषक है जो सांस लेने की प्रक्रिया में असर करता है जिससे अस्थमा या फेफड़ों के मरीजों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है| मगर यही ओजोन हमारे वायुमंडल में रहकर सूरज से निकलने वाली खतरनाक अल्ट्रा वायलेट किरणों से हमें बचाता भी है| आइये जानते हैं विश्व ओजोन दिवस कब मनाते हैं और क्या है इसका इतिहास।
ओजोन लेयर के बारे में जानकारी
नाम : विश्व ओजोन दिवस (वर्ल्ड ओज़ोन डे)
तिथि :16 सितंबर (वार्षिक)
शुरूआत :19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा
पहली बार : 16 सितंबर 1995
उद्देश्य : ओजोन लेयर ह्रास से पृथ्वी को होने वाली क्षति से लोगों को आगाह करना और इसका संरक्षण करना
थीम (2023) : मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: फिक्सिंग द ओजोन लेयर एंड रिड्युसिंग क्लाइमेट चेंज
ओजोन लेयर क्या है
ओजोन की खोज 1957 में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ‘गॉर्डन डॉबसन’ ने की| ओजोन ऑक्सीजन के तीन एटम से बनता है (ओ 3)| हमारे वायुमंडल में स्ट्रेटोस्फियर के निचले हिस्से में (धरती से करीब 15-35 किलोमीटर) यह भारी मात्रा में मौजूद है| जब अल्ट्रा वायलेट रेज़ वायुमंडल में ऑक्सीजन से रियेक्ट करती है तो ओजोन का कर्ण तैयार होता है| फिर यही ओजोन कर्ण दूसरे ऑक्सीजन एटम से मिलकर ऑक्सीजन बनाता है| यह प्रक्रिया जहाँ चलती है उस सतह को ओजोन लेयर कहते हैं| इससे सूरज से निकली अल्ट्रा वायलेट रेज़ का प्रभाव धरती में आने से पहले कम हो जाता है| वायुमंडल में ओजोन लेयर के कम होने से पर्यावरण में इसका गंभीर परिणाम होता है| इससे प्लैंकटन जैसे सूक्ष्म जीव जीवित नहीं रह पाते जो पूरी फ़ूड चेन को प्रभावित करती है| इससे ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या में भी इजाफा होता है| ओजोन लेयर में रिक्त स्थान होने से अल्ट्रा वायलेट रेज़ धरती में पहुंचती हैं जो स्किन कैंसर, स्किन बर्न, स्नो ब्लाइंडनेस, जैसी बीमारियों का कारण बनता है|
विश्व ओजोन दिवस की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)
विश्व ओजोन डे प्रतिवर्ष 16 सितम्बर को मनाया जाता है| पृथ्वी पर तेजी से बढ़ते कार्बन उत्सर्जन के चलते वायुमंडल में उपस्थित ओजोन लेयर के क्षरण होने की समस्या सामने आने के बाद 19 दिसंबर 1994 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने प्रतिवर्ष 16 सितंबर को ओजोन परत के संरक्षण के लिए यह अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद 16 सितंबर 1995 को पहली बार वर्ल्ड ओजोन डे मनाया गया। यह तारीख वर्ष 1987 में ओजोन परत को क्षति पहुंचाने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए जाने की तारीख़ को रेखांकित करता है। Montreal Protocol का उद्देश्य ओजोन लेयर के रिक्तीकरण के लिए जिम्मेदार पदार्थों के उत्पादन में कमी लाकर इसकी रक्षा करना है। 1985 में अंटार्टिका के ऊपर ओजोन लेयर में रिक्त स्थान (Ozone Hole) को पहचाना गया| फिर 16 सितम्बर 1987 को कई देशों ने मोंट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये जिसमें उन चीज़ों से बचाव के बारे में लिखा गया था जो हमारी ओजोन लेयर को खाली कर रही हैं| इसके लिए चरणबद्ध तरीके से उन सभी पदार्थों का उत्पादन बंद करने पर ज़ोर दिया गया| 1 जनवरी 1989 को इसे लागू किया गया| इस अंतराष्ट्रीय समझौते का परिणाम यह निकला कि 30 साल बाद अंटार्टिका के ऊपर ओजोन लेयर का छिद्र भरने लगा है और यह आशा की जाती है की 2050 से 2070 तक यह ओजोन लेयर 1980 के स्तर तक पहुँच जाएगा|
क्यों मनाते है अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस? (उदेश्य)
प्रति वर्ष 16 सितंबर को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय ओजोन संरक्षण दिवस का मुख्य उद्देश्य ओजोन परत को होने वाले नुकसान से धरती पर आने वाले संकट से लोगों को आगाह करना और इसके संरक्षण हेतु जागरूकता पैदा करना है। इसके साथ ही ओजोन परत क्षयकारी पदार्थों के उत्पादन और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) और क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) के उत्सर्जन में कमी लानाभी इसका मुख्य मकसद है।
विश्व ओजोन दिवस 2023 की थीम
इसकी शुरुआत से ही ओजोन परत के संरक्षण के लिए मनाया जाने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस की एक थीम घोषित की जाती है। इस साल विश्व ओजोन दिवस 2023 की थीम ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: ओजोन परत को ठीक करना और जलवायु परिवर्तन को कम करना‘ (Montreal Protocol: fixing the ozone layer and reducing climate change) है। इसकी शुरुआत से ही ओजोन परत के संरक्षण के लिए मनाया जाने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय दिवस की एक थीम घोषित की जाती है। पिछली साल 2022 में इसे ‘पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने के लिए वैश्विक सहयोग‘ (Global Cooperation Protecting Life on Earth) Theme के साथ मनाया गया था, इसकी टैगलाइन ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल @35‘ इस प्रोटोकॉल के 35 साल पूरे होने का जश्न मनाता है। इससे पहले वर्ल्ड ओजोन डे 2021 की थीम: “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: हमें हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना” थी।
पिछले कुछ सालों की थीम्स
2022 : ‘पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने के लिए वैश्विक सहयोग (Global Cooperation Protecting Life on Earth)
2021: हमें हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना (Keeping us, our food and vaccines cool)
2020: ओजोन परत संरक्षण के 35 वर्ष (35 years of ozone layer protection)
2019: 32 साल और हीलिंग (32 years and Healing)
2018: शांत रहे और जारी रखें (Keep Cool and Carry On)
2017: सूरज के नीचे सभी जीवन की देखभाल (Caring for all life under the sun)
2016: ओजोन और जलवायु: एक विश्व युनाइटेड द्वारा बहाल (Ozone and climate: Restored by a World United)
2015: एक साथ ओजोन को ठीक करने के 30 साल (30 Years of Healing the Ozone Together)
2014: ओजोन परत संरक्षण: मिशन जारी है (Ozone Layer Protection: The Mission Goes On)
अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस का महत्व क्या है?
ओजोन लेयर में छेद होने से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है ऐसे में ओज़ोन दिवस मनाना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। सूर्य से आने वाली इन हानिकारक पराबैंगनी किरणों से कैंसर और त्वचा सम्बंधी रोगों के साथ ही फसलों और समुद्री जीवों के लिए भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। यह इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव डालता है और आंखों के ऊतकों को भारी नुकसान पहुंचता है और जिसे ‘Snow Blind’ कहा जाता है। वैज्ञानिकों की माने तो ओजोन परत के बिना धरती पर जीवन का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
ओजोन परत क्या है? और क्यों जरूरी है?
ओजोन ऑक्सीजन का अपर रूप है, यह ऑक्सीजन के 3 परमाणुओं से मिलकर बनती इसीलिए इसे O3 से दर्शाया जाता हैं। यह हल्के नीले रंग की गैस है, जो पृथ्वी के वातावरण के समताप मंडल यानी धरती से लगभग 10 से 50 किलोमीटर की ऊंचाई (स्ट्रेटोस्फियर) पर पाई जाती हैं। यह सूर्य के भीषण ताप और खतरनाक अल्ट्रावॉयलेट किरणों से हमें बचाती है, वैज्ञानिकों की माने तो यह पृथ्वी और वातावरण के बाच एक प्रोटेक्टिव शील्ड का काम करती है। इसके बिना धरती पर जीवन संकट में पड़ सकता है। आपको बता दें कि Ozone की खोज सन् 1957 में, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गॉर्डन डॉब्सन ने की थी।
ओजोन रिक्तीकरण के कारण और इसके संरक्षण के उपाय
फ्रिज, AC, अग्निशमन यंत्र, वाहनों और फैक्ट्रीयों के धुंए आदि में क्लोरो-फ्लोरो कार्बन के उपयोग में लगातार बढोतरी और ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण वातावरण में तापमान का बढ़ना ओजोन परत में क्षरण का बड़ा कारण है।
संरक्षण के उपाय:
* प्रदूषण को नियंत्रित करें, और प्लास्टिक, टायर और रबर आदि ना जलाएं।
* वृक्षारोपण को बढ़ावा दे और अधिक से अधिक पेड़ लगाएं।
* एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर का सीमित इस्तेमाल करें।
* खेतों में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का इस्तेमाल कम से कम करें।
* अगर हमें पृथ्वी को इस भयानक संकट से बचाना है तो हमें विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस 2022 पर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम पृथ्वी और वातावरण को बचाने के अथक प्रयास करेंगे।
पूरी दुनिया भले ही देश, भाषाओं, रंग रूप, संस्कृति और सभ्यताओं में बंटी हुई है, लेकिन सभी एक भी पर्यावरण में रहते हैं. पर्यावरण की रक्षा और सही प्रकार देखभाल करना हर किसी की जिम्मेदारी है. हम भी पेड़ लगाकर, अच्छी रखरखाव से गाड़ियों से होने वाला प्रदुषण कम करके, प्लास्टिक या टायर ना जलाकर, पर्यावरण के अनुकूल वाला फर्टिलाईजर के इस्तेमाल से ओजोन परत को बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं| बच्चों में छोटी उम्र से ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता और संरक्षण की भावना डालना माता-पिता का पहला कर्तव्य होना चाहिए. इस ओजोन डे पर उन्हें दीजिए ओजोन परत से जुड़ी जरूरी जानकारी।