
वर्ष 2012 के बाद चांदी फिर पचास हजारी हो गई है। मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत छलांग लगाकर तीन साल की ऊंचाई पर पहुंचने से बुधवार को जयपुर सर्राफा बाजार में चांदी में 2,300 उछाल आया और कीमत 51,800 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। इससे पहले 2012 में चांदी 57,900 रुपए प्रति किलो तक बिकी थी। जबकि जयपुर में 29 अप्रैल, 2011 को चांदी ने एक दिन में पांच हजार की छलांग मारकर 72,000 रुपए का स्तर छ़ुआ था।
हालांकि इसके बाद चांदी में गिरावट का दौर आया और 18 दिसंबर 2015 को चांदी 33 हजार रु. प्रति किलोग्राम रह गई थी। सोना स्टैंडर्ड भी बुधवार को 360 रु./दस ग्राम महंगा होकर रिकॉर्ड स्तर 40,280 रुपए तथा 22 कैरेट जेवराती सोना 300 रुपए की तेजी से 37,800 रुपए हो गया। सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी जयपुर के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया कि चीन व अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर, ग्लोबल आर्थिक सुस्ती से ग्लोबल बाजार में मंगलवार को चांदी सितंबर 2016 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी।
सोने से भी आगे निकली चांदी, 10 ग्रा. सोना = 791 ग्रा. चांदी
सोना और चांदी का आदर्श कीमत अनुपात 85:1 माना जाता है। इसका मतलब है कि 10 ग्राम सोने और 850 ग्राम चांदी की कीमत लगभग बराबर होना। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले कुछ महीनों में 10 ग्राम सोने और 900 ग्राम चांदी की कीमत लगभग बराबर थी। लेकिन तेजी के इस मौजूदा दौर में चांदी सोने से आगे निकल गई है। अभी 10 ग्राम सोना और 791 ग्राम चांदी का मूल्य लगभग बराबर हो गया है। यह इस बात का संकेत है कि चांदी के भाव अभी बहुत ज्यादा हैं। इसमें गिरावट की संभावना है।
सोने-चांदी में तेजी के 4 बड़े कारण…
- 1. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर जारी होना।
- 2. इस महीने अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की संभावना नजर आना।
- 3. वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती और गहराने की आशंका है।
- 4. डॉलर के मुकाबले प्रमुख मुद्राओं में गिरावट।