मिलेट्स इंटरनेशनल ईयर की वजह से आने वाले समय में ना जाने कितने स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल सकता है. ऐसे स्टार्टअप्स जो पौष्टिक अनाजों से बने उत्पादों को कस्टमर तक पहुंचाने का काम करेंगे. ऐसे में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के अंतर्गत कार्यरत भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा तकनीकी स्तर पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
साल 2023 इंडिया के लिए बहुत खास होने वाला है. भारत ना सिर्फ जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है, बल्कि भारत के ही प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने साल 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया है। भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2023 में मोटा अनाज यानि मिलेट्स के उत्पादन को लेकर बड़ी घोषणा की है. सीतारमण ने मोटे अनाजों के सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में मिलेट्स यानि मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपूर्ति के लिए इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ मिलेट्स का गठन करने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री का कहना है कि मिलेट्स जैसे कोदो, रागी, बाजरा, ज्वार, समां, कुट्टू, रामदाना आदि मोटे अनाजों के प्रोडक्शन को भारत में बढ़ाने के लिए सरकार बड़े कदम उठा रही है. इसके साथ ही मोदी सरकार एक साल में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करेगी। भारत खुद तो मिलेट का सबसे बड़ा उत्पादक है ही, देश में मिलेट की खपत भी काफी ज्यादा है. वैसे तो मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा, रागी, कटकी, कोदो, कंगनी, चेना, कोदरा, ब्रूम कॉर्न, सांवा, हरी कंगनी, कुट्टू, राजगिरा आदि प्रमुखता से शामिल है।
इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स
इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स न केवल मोटे अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने की संभावनाओं पर काम करेगा साथ ही किसानों को मोटा अनाज उगाने के लिए भी ट्रेंड करने का काम करेगा. साथ ही वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के तहत कृषि ऋण के लक्ष्य को इस बार बढ़ाने का ऐलान किया है. डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा।
स्टार्टअप्स देगी मोटे अनाजों को बढ़ावा
स्टार्टअप का क्षेत्र काफी फैलता जा रहा है. हर क्षेत्र में लोग स्टार्टअप के माध्यम से पहुंच कर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में मिलेट्स इंटरनेशनल ईयर की वजह से आने वाले समय में ना जाने कितने स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल सकता है. ऐसे स्टार्टअप्स जो पौष्टिक अनाजों से बने उत्पादों को कस्टमर तक पहुंचाने का काम करेंगे. आपको बता दें देश में सैकड़ों की संख्या में ऐसे स्टार्टअप्स आगे निकलकर आ चुके हैं जो विभिन्नं पौष्टिक अनाजों के प्रसंस्करित खाद्य उत्पादों को तैयार कर बाजार में बेचने को तैयार हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान भी कर रही मदद
ऐसे में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के अंतर्गत कार्यरत भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा तकनीकी स्तर पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है ताकि इस तरफ स्टार्टअप्स का रुख तेज़ी से किया जा सके. इस संस्थान में इसके लिए टैक्नोलॉजी इन्क्यूबेटर न्यूट्रीहब की स्थापना की गई है. संस्थान में इन पौष्टिक अनाजों के प्रसंस्करित उत्पाद तैयार करने हेतु 500 से अधिक रेसिपीज तैयार की गई हैं और स्टार्टअप्स को ये उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
स्टार्टअप्स के जरिये बाज़ारों में पहुंचाए जाएंगे मोटे अनाज से बने उत्पाद
इस क्रम में दो सौ से अधिक स्टार्टअप्स द्वारा पौष्टिक अनाजों के रेडी टू ईट (Ready To Eat) तथा रेडी टू कुक (Ready to Cook) श्रेणी में कई प्रकार के उत्पादों को उपभोक्ताओं के लिए बाजार में उतारा गया है. इनमें मोटे अनाजों से बने नूडल्स, पास्ता, कुकीज आदि को शामिल किया गया है. तमिलनाडु के एक स्टार्टअप ने पौष्टिक अनाजों से बने दक्षिण भारतीय पकवान जैसे डोसा, पोंगल, रवा डोसा समेत दर्जनों उत्पाद विकसित किए हैं। इसी प्रकार हैदराबाद के स्टार्टअप मिलेनोवा ने पौष्टिक अनाजों में फलों एवं सब्जियों को मिश्रित कर विभिन्नअ प्रकार के स्नैक्स तैयार किए हैं. जयपुर के एक अन्य स्टार्टअप वाइज मामा ने स्टार्टर, ब्रेकफास्ट, मिलट नट, देसी मसाला, मिलट आधारित विभिन्नर प्रकार के दलिया जैसे टोमेटो, चीज एवं चीज मिलेट खिचड़ी तैयार की हैं. इसे देखते हुए यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में मिलेट और उससे बनाए गए उत्पादों कि मांग काफी तेज़ी से बढ़ेगी।
छत्तीसगढ़ में मिलेट्स मिशन को प्रोत्साहन
छत्तीसगढ़ को आज राष्ट्रीय स्तर पर एक और पुरस्कार से नवाजा गया है। हैदराबाद में भारत सरकार के आईआईएमआर द्वारा आयोजित पोषक अनाज अवार्ड 2022 में तेलंगाना के कृषि मंत्री एस. निरंजन रेड्डी ने मिलेट को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ को सर्वश्रेष्ठ उदीयमान राज्य के रूप में पुरस्कृत एवं सम्मानित किया। छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार राज्य लघु वनोपज संघ के विशेष प्रबंध संचालक एस.एस. बजाज ने प्राप्त किया। समारोह में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और राज्य में कोदो, कुटकी और रागी की खेती को बढ़ावा देने के प्रयासों को भी सराहा गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार एवं सम्मान मिलने पर प्रसन्नता जताई है और राज्य के कोदो, कुटकी, रागी (मिलेट) उत्पादक कृषकों, मिलेट मिशन से जुड़े अधिकारियों, कृषि विभाग के मैदानी अमले को बधाई दी है।
केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को दी मंजूरी, अब मिड डे मिल में शामिल होगा मिलेट्स
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स को शामिल करने के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में सोया चिक्की के स्थान पर सप्ताह में चार दिन स्कूली बच्चों को मिलेट्स से निर्मित खाद्य पदार्थ वितरित किए जाएंगे। छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा के अनुरूप लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा केन्द्र सरकार को इस योजना को संशोधित करते हुए सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स से बने खाद्य सामग्री वितरित किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था. इस प्रस्ताव को केन्द्र सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
मिलेट को प्रोत्साहन और स्थानीय युवाओं को रोजगार सुलभ होगा
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के अंतर्गत कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कबीरधाम, नारायणपुर, जशपुर, बीजापुर, राजनांदगांव, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिलों में कलस्टर एप्रोज से इसकी खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। आईआईएमआर हैदराबाद ने राज्य में मिलेट की खेती के लिए बेहतर बीज, तकनीक और कृषकों के प्रशिक्षण में सहयोग दिया है। छत्तीसगढ़ के 14 चयनित जिलों में मिलेट सलाहकार की भी नियुक्तियां की जा रही है। मिलेट मिशन के तहत राज्य में बीते सीजन में 46 हजार क्विंटल कोदो, 2800 क्विंटल कुटकी और 5811 क्विंटल रागी का उपार्जन भी समर्थन मूल्य पर हुआ है। कांकेर जिले में मिलेट आधारित एकीकृत संयंत्र की स्थापना 5.5 करोड़ रूपए की लागत से अवनि आयुर्वेदा प्राईवेट लिमिटेड कर रहा है, जिसकी प्रसंस्करण क्षमता 5 हजार मेट्रिक टन है। इससे मिलेट को प्रोत्साहन और स्थानीय युवाओं को रोजगार सुलभ होगा।
छत्तीसगढ़ बनेगा मिलेट्स हब
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मिलेट मिशन की शुरुआत की है। जिसका उद्देश्य प्रदेश के किसानों को छोटी अनाज फसलों का उचित मूल्य प्रदान करना है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की मंशा है कि इसके जरिए प्रदेश, मिलेट हब बनकर उभरे। सरकार का प्रयास है कि ‘मिलेट मिशन’ किसानों के लिए लाभकारी साबित हो और इससे किसानों को हर स्तर पर मदद मिले। इसके लिए किसानों को इनपुट सहायता दी जाएगी, साथ ही खरीदी की व्यवस्था और फसलों के प्रसंस्करण में भी मदद दी जाएगी।