भिलाई। 18 जनवरी, 2024, (सीजी संदेश ) : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक ब्रह्मा बाबा की 55वीं स्मृति दिवस सो समर्थी दिवस को भिलाई सेक्टर 7 स्थित पीस ऑडिटोरियम में विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया|भिलाई सेवा केंद्रों की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने पिताश्री ब्रह्मा बाबा के संस्मरण सुनाते हुए कहा की बाबा के अंतिम महावाक्य थे निराकारी, निर्विकारी, निरअंहकारी| संस्था प्रमुख होते हुए भी ब्रह्मा बाबा हर छोटा-बड़ा कार्य करके सबको शिक्षा देकर हर एक मनुष्य आत्मा को हिम्मत और उल्लास से भरपूर करते | कोई भी कार्य छोटा बड़ा नहीं होता श्रेष्ठ स्थिति, श्रेष्ठ स्मृति है तो छोटा कार्य भी महान हो जाता है| जिन माताओं बहनों को समाज में नारी नरक का द्वार कहकर अपमानित किया ब्रह्मा बाबा ने उनका ट्रस्ट बनाकर इतने विशाल बेहद कार्य के निमित्त निर्भय शिवशक्ति बनाया| ब्रह्मा बाबा जितने सम्मान के साथ बड़ों से मिलते थे उतने ही आदर के साथ छोटों को परमात्म स्नेह की अंचली देते| परमात्म शिक्षाओं का साकार माध्यम बन ब्रह्मा बाबा ने विश्व कल्याण का बीज बोया जो आज समूचे विश्व को शांति की शीतल छाया प्रदान कर रहा है। अंतर्दिशा भवन में बने शांति स्तम्भ, हिस्ट्री हाल, मेडिटेशन रूम, पीस ऑडिटोरियम में बड़ी संख्या में ब्रह्मा वत्सो ने राजयोग मेडिटेशन द्वारा साइलेंस पॉवर को आत्मसात किया|
ज्ञात हो की ब्रह्मा बाबा की 55वीं स्मृति दिवस को भिलाई, दुर्ग छत्तीसगढ़ सहित समूचे विश्व के सभी सेवाकेंद्रो में विश्व शान्ति दिवस के रूप में मनाया गया | जिसमे सभी ब्रह्मा वत्स अमृतवेले ब्रह्ममुहूर्त से ही मौन में रह संगठित रूप से राजयोग मेडिटेशन द्वारा विश्व में शांति के प्रकम्पन प्रवाहित किये|