मानसून का मौसम भला किसको पसंद नहीं होता है। चारों तरफ हरियाली और बारिश खुशी का माहौल बना देती हैं। लेकिन इन दिनों सेहत की तरह त्वचा को भी खास देखभाल की जरूरत होती है। क्योंकि मौसम में बदलाव से त्वचा पर बहुत असर पड़ता है। इसीलिए सर्दी और गर्मी के साथ बरसात के मौसम में भी त्वचा की अच्छी देखभाल करना जरूरी है। बादल हमें यूवी किरणों से नहीं बचा पाते, यही वजह है कि मानसून के मौसम में भी अपनी स्किन को प्रोटेक्ट करने के लिए सनस्क्रीन लगाना जरूरी है. बारिश के मौसम में कोशिश करें कि आपका सनस्क्रीन वॉटर रेसिस्टेंट हो. बाहर जाते समय अपने बैग में सनस्क्रीन जरूर कैरी करें. हर 3 घंटे बाद फिर से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
लोग अक्सर गर्मी के मौसम में सनस्क्रीन लगाते होंगे, इससे आपकी स्किन काली नहीं होती और स्किन डैमेज भी नहीं होती हैं। लेकिन क्या बारिश के मौसम में भी सनस्क्रीन लगाना चाहिए? यह सवाल ज्यादातर सबके मन में ही आता है। एक्पर्ट्स के मुताबिक आपको हर मौसम में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। मानसून के मौसम में सनस्क्रीन लगाना भी जरूरी है। दरअसल हर मौसम में यूवी किरणे हमारी त्वचा पर पड़ती हैं, जिससे हमारी त्वचा को नुकसान होता है। इस वजह से हमारी त्वचा समय से पहले लटकने लगती है और तमाम तरह की स्किन से रिलेटिड दिक्कतों का हमको सामना करना पड़ता है। लोग सर्दी और बरसात के सीजन में सनस्क्रीन की अहमियत को लेकर थोड़े कंफ्यूज हो जाते हैं. ये कम लोगों को ही पता है कि जितना गर्मियों में सनस्क्रीन जरूरी है, बारिश के मौसम में भी सनस्क्रीन लगाना उतना ही आपकी स्किन को प्रोटेक्ट करने का काम करता है। दरअसल बारिश के मौसम में आसमान बादलों से घिरा रहता है, जिसके चलते मानसून में सनस्क्रीन लगाना लोग जरूरी नहीं मानते, लेकिन ऐसा करना आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है. फिलहाल बारिश का मौसम दस्तक दे चुका है, ऐसे में इस खबर में आज हम आपको बताने जा रहे हैं मानसून में सनस्क्रीन लगाना कितना जरूरी है. क्या कहते हैं इसे लेकर स्किन एक्सपर्ट्स।
मानसून में सनस्क्रीन लगाना क्यों है जरूरी
स्किन एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूवी किरणें मौसम की परवाह किए बिना हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं. मानसून के मौसम में भी, यूवी किरणें बादलों से गुजर सकती हैं और नुकसान पहुंचा सकती हैं. त्वचा विशेषज्ञ बताते हैं कि सूरज की किरणें, जिनमें हानिकारक यूवी और इंफ्रारेड रेज़ होती हैं, समय से पहले बुढ़ापा, टैनिंग, झाइयां, लेंटिगिन्स और सनबर्न जैसी स्किन से जुड़ी की कई समस्याओं का कारण बन सकती हैं. बादल हमें यूवी किरणों से नहीं रोक पाते, यही वजह है कि मानसून के मौसम में भी अपनी स्किन को प्रोटेक्ट करने के लिए सनस्क्रीन लगाना जरूरी है।
ऐसे करें सनस्क्रीन का इस्तेमाल
* बारिश के मौसम में कोशिश करें कि आपका सनस्क्रीन वॉटर रेसिस्टेंट हो।
* बाहर जाते समय अपने बैग में सनस्क्रीन जरूर कैरी करें. हर 3 घंटे बाद फिर से सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
* बरसात के मौसम में हाई SPF सनस्क्रीन की जरूरत नहीं होती।
* SPF 15 के इस्तेमाल से सन युवी रेज़ से बचाव किया जा सकता है।
* बरसात के मौसम में जेल बेस्ड सनस्क्रीन चूज़ करें. जेल बेस्ड सनस्क्रीन बारिश के मौसम में होने वाली चिपचिपाहट से आपको बचाती है।
सनस्क्रीन लेते वक्त इन बातों का रखें ख्याल
स्किन एक्सपर्ट्स के मुताबिक यूवी रेज के हार्मफुल इफेक्ट्स सनबर्न, रिंकल्स, पिगमेंटेशन, यहां तक कि स्किन कैंसर की भी वजह बन सकते हैं. हालांकि अपनी स्किन को प्रोटेक्ट करते वक्त सही प्रोडक्ट का चुनाव बेहद जरूरी है. दरअसल बाजार में वैरायटी ऑफ प्रोडक्ट की रेंज उपलब्ध हैं जिन्हें देखकर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं कि कौन सा सनस्क्रीन उनकी स्किन के लिए अच्छा रहेगा. ऐसे में सलाह दी जाती है कि मौसम कोई भी हो सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से पहले प्रोडक्ट के इनग्रेडिएंट्स पढ़ लेना जरूरी है. फिजिकल सनस्क्रीन खरीदते समय, जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम ऑक्साइड और आयरन ऑक्साइड जैसे इंग्रेडिएंट हों इसका ख्याल रखें. एक केमिकल सनब्लॉक में ऑक्टिनॉक्सेट, होमोसलेट, ऑक्टिसलेट, ऑक्टोक्रिलीन और एवोबेंजोन की तलाश करें।
एक्सपर्ट टिप्स
आमतौर पर लोग घर से बाहर निकलते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ऐसा मत करो। अगर आप कभी भी धूप में बाहर जाने की योजना बनाते हैं, तो बाहर जाने से लगभग 10 से 15 मिनट पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। यह सनस्क्रीन को अपना काम करने के लिए पर्याप्त समय देता है और आपको धूप से भी बचाता है।