सर्दियों का मौसम शुरु हो चुका है यह एक ऐसा सीजन है जो ज्यादातक लोगों को काफी पसंद होता है लेकिन इस सीजन में स्किन का फटना, ड्राईनेस और एड़ियों का फटना आम बात है. ऐसे में लोग इस सीजन में अपनी स्किन को मॉइश्चराइज करते हैं जो कि काफी आम बात है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है लोग स्किन पर ध्यान देते हुए अपने पैरों की तरफ ध्यान नहीं देते, जिसके कारण एड़ियों के फटने की समस्या काफी हद तक बढ़ जाती है
सर्दियों में नमी की कमी के अलावा एड़ियों के फटने के कई कारण होते हैं जैसे साफ सफाई ना रखना, गलत जूते या मोजे पहनना, पैरों की देखभाल ना होना, ड्राई एयर और यहां तक कुछ महिलाओं में खानपान में गड़बड़ी, विटामिन ई की कमी, कैल्शियम व आयरन सही तरीके से ना लेने से भी एड़ियां फट जाती हैं. अगर आपको भी ये समस्या होती है तो आपको कुछ घरेलू उपायों के जरिए इस इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। फटी एड़ियों के इलाज के लिए आयुर्वेद में कई तरीके बताए गए हैं। आप इन उपाय से फटी हुई एड़ी को कोमल बना सकते हैं।
एड़ियों का फटना क्या है?
एड़ियों के फटने को बिवाई भी कहा जाता है। जब आपके पैरों के तलवों और एड़ियों की सेंसिटिव स्किन ड्राई हो जाती है, तो यह फट जाती है। पैरों में रूखापन होने के कारण एड़ियों में दरारे पड़ जाती हैं। इसे ही एड़ियों का फटना कहते हैं। डायबिटीज वाले रोगी का ब्लड शुगर कन्ट्रोल में नहीं रहने के कारण एड़ियां फटने की सम्भावना बढ़ जाती है। डायबिटीज वाले मरीज के पैरों की नब्ज डैमेज हो जाती है, और इससे पैरों की त्वचा रूखी पड़ जाती है। इसलिए डायबिटीज से ग्रसित व्यक्ति को अपने पैरों का अधिक ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि एड़ियों में क्रैक होने से इन्फैक्शन हो सकता है।
एड़ियां फटने के कारण
एड़ियों के फटने (बिवाई) के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
थायरॉइड की बीमारी से।
दूध का सेवन ना करने से।
पैरों में नमी की कमी होना।
अधिक गर्म पानी से नहाना।
सूखे पैरों की क्रबिंग करना।
विटामिन, मिनरर्ल्स आदि की कमी।
पैरों की देखभाल ठीक से नहीं करना
पोषण रहित आहार का सेवन करना।
पैरों को अधिक गर्म पानी में देर तक रखना।
ठण्ड के मौसम में अक्सर एड़ियां फट जाती हैं।
बिना जूते-चप्पल के चलने से भी एड़ियां फटती हैं।
एड़ियां फटने का कारण शुष्क हवा भी हो सकती है।
हरि पत्तेदार सब्जियाँ एवं फलों का सेवन ना करने से।
लम्बे समय तक खड़े रहने से भी एड़ियां फट सकती हैं।
एड़ियां फटने की मुख्य वजह शरीर में कैल्शियम की कमी होती है।
पैरों में ऐसे साबुन का प्रयोग करना, जिसमें बहुत सारे केमिकल हों।
अत्यधिक जंक खाद्य पदार्थ जैसे पिज्जा, बर्गर आदि का सेवन करने से।
गलत फुटवियर ना सिर्फ आपके पैरों को दर्द देते हैं, बल्कि एड़ियां फटने का भी एक कारण होते हैं।
बढ़ती उम्र में फटती एड़ियों की समस्या ज्यादा होती है। इसका कारण त्वचा में रूखापन का बढ़ना है।
जब आप भरपूर मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो शरीर में पानी की कमी की वजह से भी एड़ियां फट जाती हैं।
मोटापा, सोराइसिस और अर्थराइटिस जैसी बीमारियों की वजह से भी एड़ियां फटने की शिकायत हो सकती है।
अत्यधिक रूक्ष आहार का सेवन करने से शरीर में रूखापन आ सकता है, जिसकी वजह से एड़ियां फट सकती हैं।
फटी एड़ियों के इलाज के लिए घरेलू उपाय
आप फटी एड़ी का घरेलू इलाज इन उपायों से कर सकते हैंः-
फटी एड़ियों का इलाज केले से
मसले हुए पके केले को अपनी फटी हुई एड़ियों पर लगाएं। इसे 15 मिनट के लिए इसी तरह छोड़ दें। 15 मिनट बाद धो लें। यह एक काफी आसान नुस्खा है, जिसका इस्तेमाल आप बिना किसी परेशानी के कर सकती हैं।
सोडियम तथा वेसिलीन से
घर में पानी गर्म करें। इस पानी में सोडियम तथा वेसिलीन मिलाएं। इस मिश्रण में 1 घंटे तक पैरों को डुबोकर रखें। कुछ समय के बाद एड़ियों को साफ करें। सोने से पहले पैरों की एड़ियों में क्रीम लगाकर सोएं। इससे कुछ दिनों में फायदा होने लगेगा।
ग्लिसरीन तथा गुलाब जल का उपयोग
फटी एड़ियों की समस्या में ग्लिसरीन तथा गुलाब जल लें। इन्हें मिला लें। इसे पैरों पर लगाएं। इससे आपकी फटी एड़ियां मुलायम हो जाएंगी।
एड़ियों के फटने पर चावल का उपयोग
मृत त्वचा निकालने के लिए यह उपाय काफी असरदार साबित होता है। चावल के आटे, शहद और सेब के सिरके का प्रयोग कर पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट का प्रयेग अपनी एड़ियों पर करें। इससे लाभ होगा।
फटी एड़ियों का घरेलू इलाज शहद से
शहद में अनेक गुण होते हैं। शहद की सहायता से भी फटी एड़ियां ठीक हो सकती हैं। बेहतर उपाय के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।
फटी एड़ियों का घरेलू उपचार नारियल से
फटी एड़ियों के लिए नारियल पानी बहुत ही फायदेमंद होता है। आप ऐसी क्रीम का प्रयोग भी कर सकते हैं, जिनमें नारियल रस हो।
मोम और सरसों के तेल से
जब बाकि सारे उपाय पूरी तरह से असफल हो जाएं, तब मोम और सरसों के तेल से उपचार करें। 50 मि.ली. सरसों के तेल को गर्म करें। जब तेल उबलने लगे तो धीरे-धीरे 25 ग्राम मोम मिला दें। जब मोम पूरी तरह घुलकर जाए, तो बर्तन को ठंड़ा होने दें। थोड़ा गुनगुना रहने पर इसमें 5 ग्राम कपूर मिला लें। इस तरह तैयार मलहम को रात में सोने से पहले एड़ियों पर लगायें। कुछ ही दिन में लाभ होने लगता है।
पैराफिन वैक्स से
पैर की एड़ियां ज्यादा फट गयी हो, और ज्यादा दर्द करती हो तो पैराफिन वैक्स आपको तुरन्त आराम देता है। इस्तेमाल की जानकारी विशेषज्ञ से जरूर लें।
नीम से फटी एड़ियों का घरेलू इलाज
एक मुट्ठी नीम की पत्ती पीस कर पेस्ट बना लें। इसमें तीन चम्मच हल्दी का पाउडर अच्छी तरह मिला लें। फटी एड़ी पर पेस्ट लगाएं। आधे घंटे तक लगा छोड़ दें। इसके बाद पैरों को गर्म पानी से धो लें। साफ कपड़े से पोंछ लें।
उपचार पेट्रोलियम जेली से
पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल करके रूखी, खुरदुरी, स्किन और फटी एड़ियों से बचा जा सकता है। बेहतर परिणाम के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जानकारी जरूर लें।
बिवाई का इलाज नींबू से
गर्म पानी में नीम्बू का रस डालकर 10 से 15 मिनट तक पैर को डुबो कर रखें। ध्यान दें कि पानी ज्यादा गर्म ना हो। पैरों को धो लें और तौलिये से पोंछ लें।
अन्य घरेलू उपाय
आप फटी एड़ी के लिए अन्य घरेलू उपाय को भी आजमा सकते हैंः-
यदि आपकी एड़ियां फटी हैं तो हमेशा जूतों के साथ मोजे पहन कर रखें।
ताजे फलों और सब्जियों का रस निकालें, और फटी एड़ियों वाले पैरों को इनमें डाल कर 15 मिनट तक रखें। यदि जलन हो तो घबराएं नहीं।
एक टब या बाल्टी में गर्म पानी में साबुन डालें, और अपने पैरों को डुबोयें। इसके बाद व्युमिस स्टोन की मदद से क्रब करें। इन्हें अच्छे से धोकर पूरी तरह सुखा लें। अब अपने पैरों की एड़ियों में किसी भी तेल का प्रयोग करें, एवं उसके बाद मोजे पहन लें।
राल और सेंधा नमक समान लेकर चूर्ण बना लें। इसे शहद और घी के साथ मिलाकर पर्याप्त मथें। इसमें सरसों का तेल मिलाकर रखें। इसे एड़ियों में लगाने से पाँवों के फटने में आराम मिलता है।
गुड़, सेंधा नमक, इमली और घी 1-1 भाग मिला कर पीसें। इसमें दोगुना गोमूत्र मिलाकर फटी हुई बिवाई पर लगाएं। यह सर्वोत्तम दवा है।
खान-पान का रखें ध्यान
बिवाई को ठीक करने के लिए आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
दूध, दही, मक्खन आदि स्निग्ध और मधुर आहार द्रव्यों का सेवन करना चाहिए।
यदि आप फटी एड़ियों से छुटकारा चाहते हैं तो अधिक से अधिक पानी पीने की आदत डालें। रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए।
खान-पान सही रखने से भी फटे पैर, फटी एड़ियों की समस्या दूर हो सकती है। सही खान-पान के लिए दूध, दही, ताजी सब्जियां, मांस तथा अन्य पोषक पदार्थों का सेवन करें।
आपकी जीवनशैली
बिवाई को ठीक करने के लिए आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
पैरें की अच्छे से देखभाल करें।
जब भी घर में रहें, हमेशा पांव में जूते या चप्पल पहनें।
हर रोज पैरों को साफ करने के बाद मोजे पहनकर जूते पहनें।
पैरों की रोजाना गर्म पानी से भरे टब में डालें। 10 से 15 मिनट उसमें रहने दें।
इसके अलावा जब आप रोज नहाते हैं तो भी पत्थर लेकर अपनी फटी एड़ियों को रगड़ सकते हैं। इसके बाद पैरों पर हल्का सा मोश्चराइजर भी लगाएं।
बरसात का समय पैरों के लिए बहुत खतरनाक माना जाता है, क्योंकि इस समय पैरों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन होने की बहुत संभावना होती हैं। इस समय पैर हमेशा गीले रहते हैं, इसलिए बाहर से जब भी घर पर आएं, तब अपने पैरों को अच्छे से साबुन से धोएं। इसके बाद पैरों को तौलिए से पोंछ कर तेल से हल्की मालिश करें।
मधुमेह से ग्रसित रोगियों को फुट इन्फेक्शन बहुत जल्दी हो जाता है, इसलिए उन्हें अपने पैरों को बचाने के लिए सही तरीका अपनाना चाहिए।
यदि आप फटी एड़ियों से ग्रसित हैं तो आप सही नाप के तथा आरामदायक जूतों का चुनाव करें। इससे पैरों को आराम मिलेगा।
परेशानी के दौरान परहेज
बिवाई में ये परहेज करना चाहिएः-
कभी भी नंगे पांव नहीं रहें।
खुरदरी जमीन पर ज्यादा समय तक ना खड़े रहें।
नहाने के लिए अधिक गर्म पानी का प्रयोग ना करें।
चमड़े के जूते पहनने से बचें, क्योंकि इनमें संक्रमण होने का बहुत ज्यादा खतरा होता है। पैरों से मृत कोशिकाओं को हटाने के लिये कभी-कभी रेजर या ब्लेड का सहारा नहीं लेना चाहिए नहीं तो फुट इन्फेक्शन या फिर तेज घाव हो सकता है।
यदि आपको फटी एड़ियों में आयुर्वेदिक उपाय करने के बाद भी कोई फायदा ना मिले, तो उसके बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे-
आपने आयुर्वेदिक उपायों का पालन ठीक से ना किया हो।
आयुर्वेदिक उपायों का पालन करते समय परहेज ना करना।
रोजाना बिना जूते-चप्पल के चलना।
भरपूर पानी का सेवन ना करना।
पोषक द्रव्यों से रहित आहार का सेवन करना।
अपनी एड़ियों का ध्यान ना रखना।
अपने पैरों को अधिक समय तक पानी में डुबोए रखना।
उपाय करते समय गलत नाप के जूते चप्पल पहनना।
यदि आपकी एड़ियां फटी हुई हैं, और उसमें घाव होने के साथ-साथ खून भी आ रहा है, तो तुरन्त जाकर डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। यदि पैरों में लोशन या तेल से मालिश करने पर भी कोई फायदा ना मिले तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से जल्द सम्पर्क करना चाहिए।