आधी रात में अचानक नींद खुल जाने से ज्यादा बुरा कुछ नहीं होता है। वहीं जब आप फिर से सोने की कोशिश करते हैं और नींद नहीं आती, तब ज्यादा चिड़चिड़ाहट होती है। सिर्फ आप ही इस परेशनी से नहीं जूझ रहे हैं। आधी रात में नींद का खुलना एक आम समस्या है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है और इसे कैसे रोका जा सकत है? आइए जानते हैं इसके कुछ कारण और उसे दूर करने के उपाय।
क्या होते हैं अनिंद्रा या नींद न आने के कारण
अनिद्रा या नींद न आने की कई वजहें हो सकती हैं. कई बार कब्ज, अपच, चाय, कॉफी और शराब का अधिक सेवन और पर्यावरण में परिवर्तन, यानी ज्यादा सर्दी, गर्मी या मौसम में बदलाव. ज्यादातर मामलों में ये सिर्फ प्रभाव होते हैं न कि अनिद्रा के कारण. अनिद्रा तीन प्रकार तीव्र, क्षणिक और निरंतर चलने वाली होती है.
क्या होती है अनिद्रा
अनिद्रा का मतलब है सोने में मुश्किल होना या रात को नींद न आना. इसका एक रूप है, स्लीप-मेंटीनेंस इन्सोम्निया, यानी सोये रहने में कठिनाई या बहुत जल्दी जाग जाना और दोबारा सोने में मुश्किल. पर्याप्त नींद न मिलने पर चिंता बढ़ जाती है, जिससे नींद में हस्तक्षेप होता है और यह दुष्चक्र चलता रहता है. उच्च रक्तचाप, कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर, डायबिटीज व अन्य बीमारियों से भी अनिद्रा का सीधा संबंध है।
क्यों होती है अनिद्रा
जीवनशैली से जुड़ी आदतों के चलते अनिद्रा की शिकायत हो सकती है. अनिद्रा को आमतौर पर एक लक्षण के रूप में देखा जाता है. अनिद्रा या नींद न आने की समस्या इस बात की ओर इशारा कर सकती है कि आप मानसिक रूप से परेशान या अस्वस्थ हैं. अक्सर मनोचिकित्सा विकार का सामना कर रहे लोगों को नींद आने में लगातार कठिनाई होती है.
आपका कमरा
जिस कमरे में आप सो रहे हैं, वह भी आपकी नींद में खलल डाल सकता है। अगर कमरा बहुत गर्म या ठंडा है, तब भी आपकी नींद खुल सकती है। दरवाजे की आवाज या कहीं से आ रही लाइट रात में आसानी से आपकी नींद में खलल डाल सकती है। रात की अच्छी नींद के लिए, आपका कमरा डार्क होना चहिए, कमरे का तापमान ठीक होना चाहिए और शांति होनी चाहिए।
ऐंग्जाइटी
अगर आप पूरी तरह से रिलैक्स नहीं है, तब भी आप रात में शांति से सो नहीं सकते हैं। तेज हार्टबीट या बुरा सपना आपको परेशान कर सकता है। कुछ लोगों को रात में पैनिक अटैक भी आते हैं, इससे भी आप गहरी नींद से जाग जाते हैं।
ओवरऐक्टिव थायरॉइड ग्लैंड
थायरॉइड ग्लैंड कई अंगों के कार्य को नियंत्रित करता है। जब यह ग्लैंड ओवरऐक्टिव होता है, तब यह थायरॉक्सिन ज्यादा बनाता है, जिससे हमारे शरीर की कई प्रणालियों पर प्रभाव डालता है। नींद में परेशानी, हार्टरेट का बढ़ना, ज्यादा पसीना आना, घबराहट, कंपकंपी इसके लक्षण हैं। अगर ऐसा होता है, तब अपने डॉक्टर से बात करें।
रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम
इस सिंड्रोम से पीड़ित लोग अपने पैरों में असहज संवेदनाओं का अनुभव करते हैं और अपने पैरों को लगातार हिलाते रहते हैं। यह लक्षण शाम के समय या रात में जब आप सो रहे होते हैं, तब ज्यादा दिखाई देते हैं। कभी-कभी आयरन की कमी इसका कारण होते हैं। अपनी मांसपेशियों को शांत करने के लिए गर्म पानी से नहाना, जैसे घरेलू उपचार आपको अच्छी नींद लेने में मदद कर सकते हैं।
स्लीप ऐप्निया
यह एक ऐसी बीमार है जो डायबीटीज, हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर के साथ ही याददाश्त कम होने जैसे रोगों का कारण बन सकती है। सोते समय सांस लेने के रास्ते में अवरोध के कारण यह परेशानी होती है। यह एक लाइफस्टाइल डिजीज है। कंटिन्युअस पॉज़िटिव एयरवे प्रेशर (CPAP) मशीन पहनकर सोने से नली बंद नहीं होती। हालांकि तीन से चार महीने तक इस्तेमाल के बाद ही इसका असर होता है।
सोने की रूटीन में करें बदलाव
इन सब कारणों को जानने के बाद अपनी रात को सोने की रूटीन में छोटे-छोटे बदलाव करने की कोशिश करें। बिस्तर पर जाने से कम से कम दो घंटे पहले खाएं। बिस्तर पर जाने से पहले टीवी या मोबाइल फोन न देखें। अगर इन सबसे से मदद नहीं मिल रही है, तब इस समस्या से राहत पाने के लिए अपने डॉक्टर की मदद लें।
अनिद्रा दूर करने के लिए खाने से जुड़ी बातें
अगर आप भी अनिद्रा का रामबाण इलाज तलाश रहे हैं तो हम आपको बता दें कि अनिद्रा से निपटने के लिए आप अपने आहार में कुछ बदलाव कर सकते हैं. जैसे
– एक या दो बजे के बाद कैफीनयुक्त पेय पदार्थ लेने से बचें.
– अल्कोहल की मात्रा सीमित करें और सोने से दो घंटे पहले अल्कोहल न लें.
अनिद्रा दूर करने के उपाय । अनिद्रा का रामबाण इलाज
चेरी : चेरी में प्रचुर मात्रा में मेलाटोनिन होता है जोकि शरीर के आंतरिक चक्र को नियमित करने में मदद करता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि सोने से पहले एक मुट्ठी चेरी का सेवन अच्छी नींद लेने में मददगार साबित होता है. चेरी को जूस के रूप में भी लिया जा सकता है या फिर फ्रेश चेरी नहीं मिलने पर फ्रोजन चेरी भी फायदेमंद साबित होगी.
दूध : रात को बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीना काफी फायदेमंद हो सकता है. दूध में मौजूद Tryptophan और serotonin अच्छी नींद लेने में मददगार होता है. साथ ही दूध कैल्शियम का भी एक अच्छा स्त्रोत है. दूध तनाव दूर करने में भी सहायक होता है.
केला : केले में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो मांस-पेशियों को तनावमुक्त करते हैं . इसमें मौजूद मैग्निशियम और पोटैशियम अच्छी नींद को बढ़ावा देते हैं. साथ ही ये विटामिन बी6 का भी एक अच्छा माध्यम है जो सोने से जुड़े हार्मोन्स के स्त्रावण में सक्रिय भूमिका निभाते हैं.
बादाम : केले की तरह बादाम भी मैग्निशयिम का बहुत अचछा स्त्रोत है. ये नींद को बढ़ावा देने के साथ ही मांस-पेशियों में होने वाले खिंचाव और तनाव को कम करता है. जिससे चैन की नींद लेना आसान हो जाता है.
हर्बल चाय : अच्छी नींद के लिए कैफीन और एल्कोहोल से परहेज करना ही बेहतर है लेकिन अगर आप रात को सोने से पहले हर्बल चाय पीते हैं तो आप अपने लिए एक अच्छीनींद का इंतेजाम कर लेते हैं.
कुछ अन्य महत्वपूर्ण टिप्स:
– रात को सोने से पहले तलवे पर सरसो के तेल की मालिश से भी अच्छी नींद आती है और दिमाग शांत होता है.
– रात को सोने से पहले अच्छी तरह अपने हाथ-पैर साफ कर लें. साथ ही ये भी निश्चित कर लें कि आपके सोने की जगह साफ-सुथरी हो.
– संगीत सुनते हुए सोने या किताब पढ़ते हुए सोने से भी अच्छी नींद आती है.
– अपने दिमाग को शांत करें और सकारातमक सोच के साथ पलंग पर जाएं.
– टहलने, जॉगिंग करने या तैराकी करने जैसे नियमित एरोबिक व्यायाम में हिस्सा लें. इसके बाद आपको गहरी नींद आ सकती है और रात के दौरान नींद टूटती भी नहीं है.
– जितनी देर आप सो नहीं पाते हैं उन मिनटों का हिसाब रखने से दोबारा सोने में परेशानी हो सकती है. नींद उचट जाए तो घड़ी को अपनी निगाह से दूर कर दें.
– एक या दो सप्ताह के लिए अपने नींद के पैटर्न को ट्रैक करें.
– अगर आपको लगता है कि आप सोने के समय में बिस्तर पर 80 प्रतिशत से कम समय बिना सोये बिता रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि आप बिस्तर पर बहुत अधिक समय बिता रहे हैं. बाद में बिस्तर पर जाने की कोशिश करें और दिन के दौरान झपकी न लें. यदि आप शाम को जल्दी सोने लगें, तो रोशनी को तीव्र कर दें.
– अगर आपका दिमाग सोच-विचार में लगा है या आपकी मांसपेशियां तनाव में हैं, तो आपको सोने में मुश्किल हो सकती है. दिमाग को शांत करने और मांसपेशियों को आराम देने के लिए, ध्यान करना, गहरी सांस लेना या मांसपेशियां को आराम देने से लाभ हो सकता है.