भिलाई। 21 नवंबर : 26 नवंबर के प्रस्तावित देशव्यापी हड़ताल के मद्देनज़र सेंटर आँफ स्टील वर्कर्स–ऐक्टू ने पहलकदमी शुरू कर दी है। जगह-जगह पर्चा वितरण जारी है तथा सेक्टर–6 व आसपास पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं और कर्मियों से चर्चा कर सरकार की श्रमिकविरोधी नीतियों के बारे में बताया जा रहा है। गुरूवार को मेनगेट और शुक्रवार को खुर्सीपार गेट में पर्चा वितरण किया गया।
कर्मियों द्वारा वेतन-समझौता को लेकर उठाये जा रहे सवालों का ज़वाब देते हुए उन्हें यह बताया जा रहा है कि मोदी सरकार बार-बार वेतन-समझौते से बचने और कार्पोरेट घरानों को बेसुमार मुनाफा कमाने की छूट देने के लिए ही तमाम श्रमकानूनों को खत्म कर मात्र चार श्रम कोडों में समेट देने पर आमादा है, अगर श्रमकानून ही नहीं बचेगा तो वेतन-समझौता भी किस आधार पर होगा? इसलिए हमारी प्राथमिकता श्रमकानूनों में किए जा रहे संशोधन को रोकने तथा सेल सहित तमाम सेक्टरों में लंबित वेतन-समझौता जल्द संपन्न करने की मांग है। ऐक्टू के महासचिव श्याम लाल साहू ने बताया कि ग्रेच्युटी में की जा रही सीलिंग से कर्मियों को लाखों रूपयों का नुकसान होने जा रहा है। वहीं अब केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा 12 घंटे कार्यदिवस के प्रस्ताव को अव्यावहारिक व अमानवीय करार दिया है।
ऐक्टू ने बताया कि श्रमकानूनों के संशोधन को रद्द करने, तमाम खाली पदों को भरने जल्द वेतन-समझौता संपन्न करने तथा जनवरी, 2017 से एरियर्स का भुगतान के लिए सरकार व प्रबंधन पर मुकम्मल दबाव बनाने के लिए कर्मियों से प्रबंधन के किसी दबाव में न आते हुए 26 नवंबर की हड़ताल को सफल बनाने की अपील की जा रही है। अभियान में ऐक्टू के महासचिव श्याम लाल साहू, अध्यक्ष अशोक मिरी, कोषाध्यक्ष बृजेन्द्र तिवारी सहित वर्किंग कमेटी सदस्य जीवन लाल कुर्रे, रूपेश कोसरे, नारद राम निषाद और रामजी डहरे शामिल हैं।