लंबे समय के निवेश के लिए रियल एस्टेट में निवेश शेयरों के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित और अच्छे रिटर्न वाला है। इंस्टीट्यूट ऑफ न्यू इकोनॉमिक थिंकिंग (आईएनईटी) की एक रिपोर्ट में शेयर बाजार और रियल एस्टेट के पिछले 150 वर्षों के आंकड़ों का अध्ययन किया गया। जिसमें सामने आया कि शेयर और रियल एस्टेट में लंबी अवधि में रिटर्न करीब बराबर हैं, लेकिन शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव की तुलना में रियल एस्टेट में इस तरह का जोखिम कम है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के अनुसार 1920 में प्रथम विश्व युद्द के समय शेयरों में निवेशकों को 6.8 फीसदी का नुकसान हुआ। जबकि रियल एस्टेट में महज एक फीसदी का नुकसान हुआ।
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- द्वितीय विश्व युद्ध के समय रियल एस्टेट में निवेशकों को छह फीसदा का फायदा हुआ। जबकि शेयरों में निवेशकों को 2.6 फीसदी का नुकसान हुआ।
- 1948 के बाद रियल एस्टेट में न्यूनतम 3.7 फीसदी से कम लाभ कभी नहीं हुआ।
भारत में मिला अच्छा रिटर्न
रिपोर्ट में भारत में वर्ष 2010 से आंकड़ो को लिया गया है। इस अवधि में भारत में बाजार के मुकाबले रियल एस्टेट में कम उतार-चढ़ाव रहा।
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- 2010 में रियल एस्टेट और शेयरों में निवेशकों को 20 फीसदी रिटर्न मिला। 2010 से 2019 के बीच रियल एस्टेट में मुनाफा 5% से कभी नहीं आया जबकि शेयरों में दो मौको पर 18 से 20% तक का नुकसान हुआ।
कर्ज और कीमत में होता है संबंध
रिपोर्ट में कहा गया है कि रियल एस्टेट में कीमतें कई अन्य बातों के अलावा कर्ज मिलने की स्थिति पर निर्भर करती हैं।
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- रियल एस्टेट को कर्ज आसानी से मिलता है तो फ्लैट की कीमतें बढ़ती हैं। जबकि कर्ज मिलने में मुश्किल आने पर कीमतें घटती हैं। भारत में वर्ष 2010-12 में ऐसा देखने को मिल चुका है।