
आयकर विभाग आधार के जरिए रिटर्न फाइल करने वाले को स्वत: ही पैन कार्ड इश्यू करेगा। इसके लिए रिटर्न फाइल करने वाले को अलग से कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह फैसला पैन और आधार के डाटा बेस को लिंक करने के समझौते का हिस्सा है। सीबीडीटी के नोटिफिकेशन के मुताबिक, नया नियम एक सितंबर से लागू हो गया है।
यूआईडीएआई से जानकारी हासिल कर लेगा आयकर विभाग
बोर्ड ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति पैन न होने की स्थिति में आधार के जरिए रिटर्न फाइल कर रहा है तो यह माना जाएगा कि वह पैन जारी करने के लिए भी एप्लीकेशन दे रहा है। ऐसे में उसे दूसरा कोई दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। आयकर विभाग पैन जारी करने के लिए उस व्यक्ति की जानकारी यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) से हासिल कर लेगा।
रिटर्न की जांच करने वाला खुद पैन जारी कर सकता है- सीबीडीटी चेयरमैन
सीबीडीटी के अध्यक्ष पीसी मोदी ने भी पहले यह कहा था कि अगर कोई पैन न होने की स्थिति में आधार से आयकर रिटर्न भर रहा है तो हम उसे पैन जारी करने के लिए नियमों पर विचार कर सकते हैं। कानून यह व्यवस्था मुहैया कराता है कि रिटर्न की जांच करने वाला अधिकारी खुद ही पैन जारी कर सकता है।
120 करोड़ से ज्यादा आधार नंबर और 41 करोड़ पैन जारी हुए
आधार किसी व्यक्ति को यूआईडीएआई द्वारा जारी किया जाता है और 10 डिजिट का पैन नंबर आयकर विभाग द्वारा किसी व्यक्ति, फर्म या कंपनी को जारी किया जाता है। आधार में नाम, जन्मतिथि, लिंग, फोटो, पते और बायोमैट्रिक्स जैसी जानकारियां होती हैं। इसी तरह की जानकारियां नया पैन हासिल करने के लिए भी जरूरी होती हैं। आंकड़े के मुताबिक, 120 करोड़ से ज्यादा आधार नंबर जारी किए गए हैं और अब तक 41 करोड़ पैन नंबर जेनेरेट किए गए हैं। इनमें से 22 करोड़ पैन आधार से लिंक किए गए हैं।