भिलाई 17 अप्रैल 2024। देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चंद्रशेखर की 97 की जयंती बुधवार को गरिमामय ढंग से मनाई गई। इस अवसर पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान, आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति और चंद्रशेखर फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में परिचर्चा का आयोजन जेपी प्रतिष्ठान रूआबांधा एचएससीएल कॉलोनी में किया गया। शुरूआत में अतिथियों व समस्त आगंतुकों ने स्व. चंद्रशेखर के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि दी। मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यमंत्री बदरुद्दीन कुरैशी ने कहा कि स्व. चंद्रशेखर को युवा तुर्क के नाम से जाना जाता था और उन्होंने इस नाम को सार्थक भी किया। स्व. चंद्रशेखर ने देश की युवा शक्ति को एकजुट कर राष्ट्र के मुद्दे पर आंदोलन हेतु अग्रसर किया। श्री कुरैशी ने कहा कि स्व. चंद्रशेखर के तेवर विद्रोही के थे लेकिन देश उनके लिए सर्वोपरि था। उन्होंने कहा कि आज परिस्थितियां दूसरी है और आज देश की जनता को 15 लाख रुपए खाते में डालने या हर साल 2 करोड़ रोजगार देने जैसे जुमलों से दिग्भ्रमित किया गया। परिणाम स्वरूप आज देश में बहुत सी विसंगति देखने में आ रही है। उन्होंने कहा कि संविधान में संशोधन तो बहुत से हुए लेकिन संविधान की आत्मा को बदलने की बात कभी नहीं हुई। अब कुछ लोग डंके की चोट पर संविधान की आत्मा बदलने की बात कह रहे हैं। हमें ऐसे लोकतंत्र विरोधियों को इस चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देना होगा। तब ही हमारा लोकतंत्र सुरक्षित रह पाएगा। इसके लिए जनता को जागरुक रहना होगा।इसके पहले शुरूआत में स्वागत उद्भोधन देते हुए जेपी प्रतिष्ठान के अध्यक्ष आरपी शर्मा ने कहा कि आज चुनावी माहौल के बीच परिचर्चा का विषय ‘वर्तमान लोकतंत्र और संविधान’ इसलिए रखा गया है क्योंकि आज देश में संविधान बदलने का माहौल बनाया जा रहा है, जो कि हमारे लोकतंत्र के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि गांधीवाद के रास्ते से ही देश में लोकतंत्र सुरक्षित रह सकता है और हम सबको इस चुनाव में संविधान बदलने की नीयत रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा। आयोजन में विशेष अतिथि अधिवक्ता जमील अहमद ने कहा कि समकालीन राजनीति में स्व. चंद्रशेखर की बराबरी का नेता कोई नहीं था। देश की नब्ज को समझने और जनता के बीच जाने का उनमें एक अद्भुत कौशल था। इसके आधार पर ही उन्होंने देश भर में पदयात्रा की। स्व. चंद्रशेखर लोकतंत्र और संविधान के प्रहरी थे लेकिन आज खतरा लोकतंत्र और संविधान दोनों पर है। इसलिए हमें एकजुट होकर ऐसे संविधान विरोधी लोगों को मतदान के जरिए जवाब देना होगा। विशेष अतिथि हिंद मजदूर सभा के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने स्व. चंद्रशेखर को नमन करते हुए कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने हम सबको आसन्न लोकसभा चुनाव में मतदान करने शतप्रतिशत भागीदारी देनी होगी। इस मौके पर समाजवादी जनता पार्टी (चंद्रशेखर) छत्तीसगढ़ के महासचिव नंदकिशोर साहू,एसजे कुरैशी,डीपी सिंह,सत्यनारायण गुप्ता,शिवकुमार प्रसाद,एमआर रजक और त्रिलोक मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित थे। अंत में बीएन सिंह ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।