भिलाई। सीए भिलाई ब्रांच द्वारा सीए भवन सिविक सेंटर में बजट 2020 पर चर्चा के लिए एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें इंदौर से आए सीए मनीष दाफरिया एवं ब्रांच के वरिष्ठ सीए सदस्यों द्वारा केंद्र सरकार के द्वारा प्रस्तुत बजट के विभिन्न प्रावधानों पर चर्चा की गई। सीए श्री दाफरिया ने बजट पर चर्चा करते हुए बताया कि जो लोग अपनी कमाई को खर्च करने में यकीन रखते हैं, उनके लिए आयकर की नई दरें बेहतर होंगी। लेकिन, ऐसे करदाता जो बचत योजनाओं में निवेश करते हैं, उन्हें पुरानी दरें ही अपनाना चाहिए। ब्रांच अध्यक्ष सीए नितिन रूंगटा ने जानकारी देते हुए बताया कि एक्ट में हुए परिवर्तन के बाद ऐसी समस्त चेरिटेबल संस्थाएं जो वर्तमान में आयकर अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत हैं, उन्हें पुन: अपना पंजीकरण आयकर विभाग में कराना होगा। ऐसा न करने पर चेरिटेबल संस्थाओं की छूट की पात्रता समाप्त हो जाएगी। दान का विवरण आयकर विभाग को अब ऑनलाइन प्रस्तुत करना होगा। कई करदाता फर्जी रसीद के आधार पर आयकर छूट प्राप्त कर लेते हैं, उस पर अब रोक लग सकेगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने टैक्स रियायतों के जरिए बचत प्रोत्साहित करने की नीति खत्म कर दी है। टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव के बाद अब बचत में गिरावट बढ़ेगी, क्योंकि जो रियायतें वापस ली गई हैं, उसके तहत बीमा मेडिक्लेम, छोटी बचत स्कीमों पर असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने टैक्स पेयर्स के लिए बड़े कदम उठाए है, जिसके तहत कंपनी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। व्यापार,उद्योग, स्टार्टअप व कंपनी पर पडऩे वाले असर तथा वर्तमान प्रावधानों के साथ तुलनात्मक प्रभाव पर प्रकाश डाला। सीए श्री दाफरिया ने बताया कि सरकार इस बजट में विदेशी सरकारों और अन्य विदेशी इन्वेस्टमेंट के तहत सॉवरेन वेल्थ फंड पर टैक्स छूट देने का ऐलान किया है। मेडिकल इक्विपमेंट्स के आयात पर हेल्थ सेस लगाया जाएगा। सरकार ने डिविडेंड डिस्ट्रीब्युशन टैक्स को भी पूरी तरह से वापस ले लिया गया है। इसके अलावा इनकम टैक्स के मोर्चे पर केंद्र सरकार ने इस बार 5 स्लैब बनाया है, जिसमें 5 लाख रुपये तक के सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। 5 लाख से 7.5 लाख रुपये के आय पर 10 फीसदी, 7.5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक के आय पर 15 फीसदी, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के आय पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। वस्तु एवं सेवा कर रिटर्न का सरलीकरण प्रस्ताव को 1 अप्रैल 2020 से लागू किया जाएगा। रिफंड प्रोसेस में भी बदलाव किया जाएगा। राजनांदगांव से आए सीए रमनदीप सिंह भाटिया ने जीएसटी के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए बताया कि 1 अप्रैल 2020 से एक सरल जीएसटी रिटर्न लागू किया जाएगा। जिससे रिटर्न दायर करना सरल हो जाएगा। इसकी विशेषताओं शून्य रिटर्न के लिए एसएमएस आधारित फाइलिंग, समय से पूर्व रिटर्न फाइलिंग, उन्नत इनपुट कर ऋण प्रवाह और समग्र सरलीकरण शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके तहत रिफंड की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और मानव हस्तक्षेप के बिना इसे पूर्णत: स्वचालित किया गया है। उन्होंने बताया कि करदाताओं का आधार के अनुसार सत्यापन और अनुपालन में सुधार के लिए अनेक उपाय किए गए है। इससे डमी या अस्तित्व में नहीं रही यूनिटों को हटाने में सहायता मिलेगी। उपभोक्ता इनवाइस के लिए गतिमान क्यूआर-कोड का प्रस्ताव है। जब क्यू आर कोड के जरिए खरीद हेतु भुगतान किया जाएगा तब जीएसटी मानदंडों को दर्शाया जाएगा।
सीए श्री दाफरिया ने विवाद से विश्वास योजना की जानकारी भी सेमिनार में दी। सभी करदाता जिनकी कोई भी अपील किसी भी स्तर पर दिनांक 31 जनवरी 2020 को लंबित थी, वे सभी करदाता इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें आयकर विभाग के पास एक घोषणा पत्र जमा कराना होगा। घोषणा पत्र 31 मार्च 2020 तक जमा करा दिया जाता है तो कर की राशि मात्र का भुगतान करके योजना का लाभ लिया जा सकता है। 31 मार्च के बाद घोषणा पत्र जमा कराने की स्थिति में दस प्रतिशत राशि अतिरिक्त भुगतान करनी होगी। ऐसे मामले जहां कर निर्धारण सर्च की स्थिति में किया गया है या जिन मामलों में अभियोजन लागू हो चुका है, उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। भारत के बाहर की अघोषित आय से संबंधित मामलों में भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
जो लोग अपनी कमाई को खर्च करने में यकीन रखते हैं, उनके लिए आयकर की नई दरें बेहतर होंगी : दाफरिया…… सीए भिलाई ब्रांच में हुआ सेमिनार
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