भिलाई। भिलाई टाउनशिप में सेक्टर-6 मस्जिद के सामने से लेकर रिसाली, रूआबंधा, सिविक सेंटर एवं अन्य सेक्टरों में लगने वाली फूटपाथ की दुकानों में चोरी की बिजली सरेआम जलाई जा रही है। इस खेल में शहर के कुछ लोग बिजली चोरो के रैकेट के साथ है। यह खेल लम्बे समय से चला रहा है। इसमें बीएसपी प्रबंधन को लगभग प्रति माह 60 से 70 लाख रूपये का चुना लग रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि बिजली चोरों का रैकेट भिलाई टाउनशिप के कुछ अधिकारियों की मिली भगत से यह फलफूल रहा है। हैरत की बात यह है कि सड़क के किनारे फूटपाथ की दुकानों में जो लाईट जलती है क्या बीएसपी के अधिकारियों को नजर नहीं आता? सवाल यह भी खड़ा होता है कि भिलाई प्रबंधन अपनी संपत्ति को बचाने एवं अवैध कब्जों से निपटने के लिए अधिकारी व कर्मचारियों की भारी फौज रखा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ फूटपाथ पर अवैध कब्जे और उसमें जल रहे लाईट भिलाई प्रबंधन के लिये यह सबसे बड़ी चुनौती है कि आखिर इसके पीछे कौन है। किस दिलेरी के साथ भिलाई प्रबंधन को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे है।
भिलाई के सीईओ और इस्पात भवन में बैठने वाले तमाम बड़े अधिकारियों के लिये टाउनशिप में चल रहे खेल पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रहे है। भिलाई इस्पात संयंत्र का टाउनशिप विभाग जहां अधिकारियों को इसलिये नियुक्त करते है कि वे टाउनशिप की देख रेख एवं प्रबंधन को होने वाले आर्थिक नुकसान को रोक सके। लेकिन चंद अधिकारियों की लापरवाही या उनकी साजिश के तहत बिजली चोरी की रैकेट धड़ल्ले से चल रहा है। क्रमश:
चोरी के बिजली से फुटपाथ के दुकान हो रहे है रौशन…. बिजली चोरो के रैकेट के साथ मिली भगत है भिलाई प्रबंधन…. हर महीने लगभग 50 से 60 लाख रूपये की चोरी
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