नई दिल्ली. प्याज की बढ़ती कीमतें एक बार फिर लोगों के रसोई का बजट बिगाड़ रही हैं। दिल्ली की सब्जी मंडियों में प्याज थोक में 55 से 60 रुपये किलोग्राम बिक रही है। फुटकर बाजार में प्याज 100 रुपये किलोग्राम के पार हो गई है। ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन दिल्ली के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया कि दिल्ली में केवल राजस्थान से प्याज आ रही है।
महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में बरसात से प्याज खराब हो गई है। इसका असर आपूर्ति पर पड़ा है। व्यापारियों का मानना है कि दिसंबर के अंत तक प्याज के दाम कम होंगे। आजादपुर मंडी में बुधवार (27 नवंबर) को अफगानिस्तान से प्याज के सात ट्रक आए। आने वाले दिनों में आवक बढ़ने से दामों में कमी आ सकती है।
प्याज की कीमतों में कमी के लिए अभी कम से कम बीस दिन इंतजार करना होगा। मिस्र से 15 सौ टन प्याज 12 दिसंबर को भारत पहुंचेगी। ऐसे में इस प्याज को बाजार तक पहुंचने में भी वक्त लगेगा। इस बीच, प्याज की कीमतों और उपलब्धता पर नजर रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच मंत्रियों की समिति गठित की है।
गृहमंत्री अमित शाह की अगुआई में बनी इस समिति की दूसरी बैठक जल्द होने की उम्मीद है। केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि मानसून की देरी की वजह से इस साल 26 फीसदी प्याज की बुआई कम हुई है। प्याज का अधिककर पैदावार महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में होती है। इनमें राजस्थान को छोड़कर सभी प्रदेशों में बाढ की वजह से प्याज की पैदावार खराब हो गई।
भंडारण की सीमा को बढ़ाया : सरकार ने व्यापारियों के लिए प्याज के भंडारण पर लगी सीमा को बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दिया। मौजूदा समय में , खुदरा व्यापारी 100 क्विंटल तक प्याज का और थोक व्यापारी 500 क्विंटल तक का भंडारण कर सकता है।
प्याज की कीमतें सौ रुपये के पार…. सस्ती होने के लिए अभी 20 दिन करें इंतजार
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