पुरी दुनिया में हर साल 15 मार्च को ‘विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस’ (World Consumer Rights Day) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। दरअसल कई बार लोगों को अपने आम से दिखने वाले जरूरी अधिकारों के बारे में भी पता नहीं होता। ग्राहकों के अधिकारों का हनन न हो इसलिए ‘वर्ल्ड कंज्यूमर डे’ के दिन उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाता है। तो आइए जानें ‘विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस'(World Consumer Rights Day) का इतिहास और भारत में उपभोक्ताओं को क्या-क्या अधिकार मिले हैं?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अधिकारों के बारें में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाने वाला विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस (World Consumer Rights Day) इस साल 15 मार्च 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है। इस मौके पर भारत का उपभोक्ता मामले विभाग 14 से 20 मार्च 2024 तक “उपभोक्ता अधिकारिता सप्ताह” का आयोजन करता है। भारत में भी हर साल 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। यहाँ उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए ‘जागो ग्राहक जागो’ जैसे अभियान चलाए जा रहे है।
कंज्यूमर राईट डे के बारे में जानकारी
नाम : विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
तारीख़ : 15 मार्च (वार्षिक)
शुरूआत : वर्ष 1983 में (कंजूमर्स इंटरनेशनल संस्था द्वारा)
पहली बार : 15 मार्च 1983
उद्देश्य : उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों प्रति जागृत करना
थीम (2024) : थीम ‘ उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई ‘ (‘Fair and responsible AI for consumers’)
उपभोक्ता से क्या तात्पर्य है?
दुनिया में हर कोई किसी न किसी रूप में एक उपभोक्ता होता है|
उपभोक्ता का तात्पर्य उस व्यक्ति से होता है, जो अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए सेवाओं अथवा वस्तुओं का क्रय करता है तथा उसका मूल्य चुकाता है। हालांकि थोक वस्तुएं और सेवाएं खरीद कर उनका पुनर्विक्रय विक्रय करने वाला व्यक्ति उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता क्योंकि वह वस्तुओं अथवा सेवाओं का उपभोग स्वयं नहीं करता बल्कि उन्हें विक्रय के उद्देश्य खरीदता है। भाड़े पर अथवा उधार वस्तुएं और सेवाएं खरीदने वाला व्यक्ति भी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता हैं बशर्ते वह इनका इस्तेमाल विक्रय के लिए न करें बल्कि खुद उपयोग में लाएं।
उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाने की शुरूआत कैसे हुई? (इतिहास)
15 मार्च 1962 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता अधिकारों के विषय में दिए गए उनके शानदार भाषण के करीब 20 साल बाद वर्ष 1983 में कंजूमर्स इंटरनेशनल नामक संस्था द्वारा इस ऐतिहासिक दिन अथार्त 15 मार्च को रेखांकित करते हुए इसे विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। वर्ष 1983 में इसकी शुरूआत के बाद पहला वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे 15 मार्च 1983 को मनाया गया था। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना एवं इसके बारे में जागरूकता फैलाना है।
वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे क्यों मनाया जाता है? (महत्व)
प्रत्येक 15 मार्च को उपभोक्ता आंदोलन और विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है। जो सभी उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान किए जाने और उनकी रक्षा की वकालत करता है। इसके आलावा यह दिन बाजार के दुरुपयोग और उन अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय तथा बाज़ार में होने वाली ठगी, मिलावट, MRP से ज्यादा दाम, बिना तोले समान बेचना या नापतोल में गड़बड़ी, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना तथा एक्सपायरी डेट या सील टूटी हुई वस्तुएं बेचने अथवा बिल ना देने व धोखाधड़ी जैसे अपराधों का विरोध करता है। आज के इस डिजिटल जमाने में ऑनलाइन ठगी ज़ोरों पर है, इसलिए ग्राहकों को सतर्क और जागरूक रहने की आवश्यकता है। 2024 तक, डिजिटल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या 3.6 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद है। डिजिटल वित्त नए अवसर के साथ ही नए जोखिम भी लाता है जो कंज्यूमर्स के लिए अनुचित परिणाम पैदा कर सकता हैं।
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2024 की थीम क्या है?
कंज्यूमर्स इंटरनेशनल ने इस साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम ‘ उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई ‘ (‘Fair and responsible AI for consumers’) चुना है. जेनरेटिव एआई की सफलताओं ने डिजिटल दुनिया में तूफान ला दिया है।
पिछले कुछ सालों की थीम्स:
* 2023: स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना (Empowering Consumers Through Clean Energy Transitions)
* 2022: न्यायसंगत डिजिटल फाइनेंस (Fair Digital Finance)
* 2021: प्लास्टिक प्रदूषण से निपटना (Tackling Plastic Pollution)
* 2020: सतत उपभोक्ता (The Sustainable Consumer)
* 2019: विश्वसनीय स्मार्ट उत्पाद (Trusted Smart Products)
* 2018: डिजिटल मार्केटप्लेस को उचित बनाना (Making digital marketplaces fairer)
* 2017: बेहतर डिजिटल दुनिया (Better Digital World)
* 2016: एंटीबायोटिक्स मेनू बंद (Antibiotics Off The Menu)
* 2015: स्वस्थ आहार (Healthy Diets)
* 2014: हमारे फोन अधिकार ठीक करें (Fix Our Phone Rights)
कैसे मनाते है विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर ग्राहकों को अपनी जिम्मेदारियों एवं अधिकारों के बारे में बताने और जागरूक करने के लिए इस दिन विश्व स्तर पर कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं। और स्कूलों और कॉलेजों में भी इस दिन इस विषय को लेकर कई कार्यक्रम और इवेंट्स का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर लोगों को उपभोक्ता अधिकारों एवं कानूनोंके बारे में भी विस्तार से समझाया जाता है और कंजूमर फोरम में शिकायत करने के बारे में भी जानकारी दी जाती है। यदि एक उपभोक्ता के तौर पर आपके अधिकारों का हनन होता दिखाई दे रहा है तो आप अपनी इच्छा के अनुसार उपभोक्ता आयोग में कार्यवाही कर सकते हैं। इसमें कालाबाजारी, जमाखोरी, मिलावट, नाप-तोल में गड़बड़ी, बिल ना देना, वस्तुओं का अधिक मूल्य लेना तथा इसी तरह के दूसरे गुनाह इन कानूनों के अंतर्गत आते हैं। निष्पक्ष डिजिटल वित्त की दिशा में तेजी से प्रगति लाने के लिए हितधारकों को प्रेरित करने के लिए घटनाओं की एक अनूठी और दूरदर्शी श्रृंखला पेश करता है।
भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस कब मनाया जाता है?
विश्व स्तर पर विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अलावा भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस भी मनाया जाता है। भारत में वर्ष 2000 से ही राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस हर साल 24 दिसंबर को मनाया जाता है। इसी दिन भारत के तत्कालिक राष्ट्रपति ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को स्वीकारा था। जिसे 09 दिसंबर 1986 को तत्कालिक प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की पहल पर पारित किया गया।
भारत में उपभोक्ताओं को कौन से अधिकार प्राप्त है?
भारतीय संविधान में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत उपभोक्ताओं को भी कई अधिकार दिए गए हैं जो निम्नलिखित हैं:
* उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार
* सुनवाई का अधिकार
* सूचना पाने का अधिकार
* चुनने का अधिकार
* विवाद सुलझाने का अधिकार
* सुरक्षा का अधिकार
उपभोक्ता के कुछ अन्य प्रमुख अधिकार–
उत्पाद के चयन का अधिकार : इस अधिकार का यह तात्पर्य है कि सभी उपभोक्ताओं को अपनी पसंद से उत्पाद के चयन का अधिकार है। विक्रेता द्वारा उन्हें किसी भी उत्पाद का जबरन चयन करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
सूचना का अधिकार : उपभोक्ताओं को सूचना के आधार पर वस्तुएं अथवा सेवाएं क्रय करने का अधिकार है। क्रय से पहले उपभोक्ता को किसी भी वस्तु अथवा सेवा की गुणवत्ता और प्रदर्शन के सन्दर्भ में सूचना प्राप्त करने का अधिकार है।
अभिव्यक्ति और सुनवाई का अधिकार : उपभोक्ताओं के हित में किसी भी निर्णय को चुनने से पूर्व उन्हें अभिव्यक्ति और सुनवाई का अधिकार भी होता है।
निवारण की मांग का अधिकार : जब विनिमय की प्रक्रिया में उपभोक्ता के अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है तो उपभोक्ताओं को निवारण की मांग का भी अधिकार है।
उपभोक्ता की शिक्षा का अधिकार : उपभोक्ता को किसी भी क्रय से पूर्व उपभोक्ता शिक्षा का भी अधिकार है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस : विश्व स्तर पर विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अलावा भारत में राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस भी मनाया जाता है। भारत में प्रति वर्ष 24 दिसंबर का दिन राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है।
संरक्षण का अधिकार: यह उपभोक्ताओं का मूल अधिकार है, जिसे वे किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए दावा कर सकते हैं।
जानकारी का अधिकार: उपभोक्ताओं के पास संबंधित उत्पाद या सेवा के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए, जो उन्हें ठीक निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
चयन का अधिकार: यह उपभोक्ताओं का अधिकार है कि वे उन उत्पादों या सेवाओं का चयन करें जो उनकी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।
शिकायत करने का अधिकार: यदि कोई उपभोक्ता उत्पाद या सेवा से असंतुष्ट होता है, तो उन्हें उस संबंधित निकाय या संस्था में शिकायत करने का अधिकार होता है।
समान वेतन का अधिकार: यह महिला उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण अधिकार है, जिसके तहत वे उसी काम के लिए मुख्यतः पुरुषों से समान वेतन का दावा कर सकती हैं।
स्वस्थ और सुरक्षित उत्पादों या सेवाओं का अधिकार: उपभोक्ताओं को स्वस्थ और सुरक्षित उत्पादों और सेवाओं का अधिकार होता है। उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता और उनकी संरचना उपभोक्ताओं की सेहत और सुरक्षा पर निर्भर करती है। यह अधिकार उपभोक्ताओं को उत्पादों या सेवाओं की जांच करने का अधिकार देता है और सुरक्षित उत्पादों और सेवाओं के लिए उन्हें प्रेरित करता है।
उत्पादों या सेवाओं के लिए मूल्य का अधिकार: उपभोक्ताओं को यह अधिकार होता है कि वे उत्पाद या सेवा के लिए उचित मूल्य देने का अधिकार होता है। वे अपने द्वारा खरीदे गए उत्पाद या सेवा के लिए संबंधित मूल्य देने के बजाय अधिक मूल्य नहीं देने के लिए दावा कर सकते हैं।
जुर्माने का अधिकार:सेवा से संबंधित जुर्माने के बारे में जानकारी होनी चाहिए और वे उत्पाद या सेवा के लिए अधिक मूल्य लेने के बाद जुर्माने की मांग कर सकते हैं। इसके अलावा, यदि उत्पाद या सेवा दोषपूर्ण होती है, तो उपभोक्ता उत्पाद या सेवा के लिए जुर्माने की मांग कर सकते हैं। इसके लिए, उन्हें उत्पाद या सेवा के दोष का सबूत प्रस्तुत करना होगा। उपभोक्ताओं को जुर्माने के बारे में जानकारी होना चाहिए, ताकि वे जान सकें कि उन्हें क्या करना चाहिए। जुर्माने का मामला उत्पाद या सेवा के बाद भी चलता रहता है ताकि उपभोक्ताओं के लिए एक सुरक्षा प्रणाली होती रहे।
बुनियादी जरूरतों की संतुष्टि का अधिकार: बुनियादी, आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं तक पहुंच के लिए: पर्याप्त भोजन, कपड़े, आश्रय, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, सार्वजनिक उपयोगिताओं, पानी और स्वच्छता।
स्वस्थ पर्यावरण का अधिकार: ऐसे वातावरण में रहना और काम करना जो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों की भलाई के लिए खतरा न हो।
भारत में कुछ प्रमुख उपभोक्ता संगठन हैं जो उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करते हैं। यहाँ कुछ उपभोक्ता संगठनों के नाम हैं:
* भारतीय उपभोक्ता विमान (Consumer VOICE)
* राष्ट्रीय उपभोक्ता फेडरेशन (National Consumer Federation)
* उपभोक्ता अधिकार संगठन (Consumer Rights Organisation)
* भारतीय उपभोक्ता संघ (Indian Consumer Union)
* राष्ट्रीय उपभोक्ता एवं मानव अधिकार संघ (National Consumer and Human Rights Organisation)
*..राष्ट्रीय संघ उपभोक्ता कल्याण संगठन (National Confederation of Consumer Organizations)
* राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम (National Consumer Forum)
*. उत्तर प्रदेश उपभोक्ता संघ (Uttar Pradesh Consumer Association)
* राजस्थान उपभोक्ता संघ (Rajasthan Consumer Association)
* दक्षिण भारतीय उपभोक्ता संघ (South Indian Consumer Association)
* दिल्ली उपभोक्ता संघ (Delhi Consumer Association)
* राष्ट्रीय संघ उपभोक्ता कल्याण संगठन (National Confederation of Consumer Organizations)
* अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत(Akhil Bhartiya Grahak Panchayat)
* कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (Consumer Guidance Society of India)
* अखिल भारतीय उपभोक्ता संरक्षण संगठन (All India Consumer Protection Organization)
ये संगठन भारत में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के लिए सक्रिय हैं और उनकी मदद करते हैं जब वे किसी उत्पाद या सेवा के साथ समस्या का सामना करते हैं।
तो दोस्तों आज विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस पर इस लेख में हमने आप के साथ ढेर सारी जानकारियां साझा की। उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा।