आज 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जा रहा है. यह दिन ऊर्जा के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है क्योंकि यह हरित और उज्जवल भविष्य का सबसे अच्छा तरीका है। दुनियाभर में बिजली की खपत पिछले आधी शताब्दी में लगातार बढ़ी है। आपको जान कर हैरानी होगी कि यह 2022 में लगभग 25,500 टेरावॉट-घंटे तक पहुंच गई है। 1980 से 2022 के बीच बिजली की खपत तीन गुना से भी अधिक हो गई, जबकि वैश्विक आबादी लगभग आठ अरब लोगों तक पहुंच गई। इससे हमारी प्रकृति पर बहुत गहरा प्रभाव पढ़ता है। इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 14 दिसंबर के दिन राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानें राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य, महत्त्व, इतिहास और साथ ही National Energy Conservation Day in Hindi कैसे मनाया जाता है?
हर साल 14 दिसंबर को ऊर्जा दक्षता तथा संरक्षण में देश की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ मनाया जाता है। भारत 135 करोड़ से अधिक लोगों की आबादी वाला एक विशाल देश है| पृथ्वी की आबादी के इतने बड़े हिस्से को समायोजित करने का मतलब है कि वे जलवायु परिवर्तन के लिए बड़ी मात्रा में जिम्मेदारी भी लेते हैं| चाहे बच्चे हो या बुजुर्ग, ऊर्जा का सरंक्षण करना हर किसी की जिम्मेदारी है| इसी कारण से भारत में साल में एक दिन राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता है|इसका आयोजन ऊर्जा मंत्रालय से संबद्ध ऊर्जा दक्षता ब्यूरो करता है। ज्ञात हो, इस ब्यूरो ने वर्ष 2001 में देश में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम लागू किया था।इस बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 14 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 समारोह में भाग लेंगी। इस अवसर पर राष्ट्रपति उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगी और राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवोन्मेषण पुरस्कार 2023 और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 2023 के विजेताओं को सम्मानित भी करेंगी। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। वहीं केंद्रीय विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल और विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल भी इस मौके पर उपस्थित रहेंगे। आइये जानते हैं राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस कब मनाते हैं और क्या है इसका उद्देश्य:
राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस कब मनाते हैं
भारत हर साल 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस मनाता है| इस दिन का आयोजन ऊर्जा मंत्रालय के तहत काम करने वाले ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा किया जाता है| इसका मकसद लागत, कुशल ऊर्जा उत्पादन और संसाधन संरक्षण में भारत की शानदार उपलब्धियों को प्रस्तुत करना है| इस दिन भविष्य के लिए आगे की योजनाओं पर भी चर्चा की जाती है, जिसमें समग्र विकास को जलवायु परिवर्तन के शमन की दिशा में मुख्य लक्ष्य के रूप में लक्षित किया जाता है| भारत के ऊर्जा मंत्रालय ने 1991 में एक योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य उन उद्योगों और प्रतिष्ठानों को पुरस्कारों के माध्यम से राष्ट्रीय मान्यता देना था, जिन्होंने अपने उत्पादन को बनाए रखते हुए ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं| ये पुरस्कार पहली बार 14 दिसंबर, 1991 को दिए गए थे, जिसे ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था| केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत गठित, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो – बीईई, सालाना राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के समारोह का नेतृत्व करता है| बीईई ऊर्जा की खपत को कम करने में उद्योगों के प्रयासों को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों से सम्मानित करके मान्यता देता है और प्रोत्साहित करता है| वार्षिक ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार उद्योगों, भवनों, बीईई स्टार लेबल वाले उपकरणों के निर्माताओं द्वारा ऊर्जा संरक्षण में नवाचार और उपलब्धियों को मान्यता देने के साथ यह जागरूकता बढ़ाते हैं कि ऊर्जा संरक्षण, ऊर्जा बचत के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए भारत की कोशिश में एक बड़ी भूमिका निभाता है| ये पुरस्कार ऊर्जा संरक्षण और दक्षता के प्रति उनकी प्रदर्शित प्रतिबद्धता को भी मान्यता देते हैं| इस योजना ने उद्योग और अन्य प्रतिष्ठानों को ऊर्जा दक्षता उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित किया है|
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य ऊर्जा की बचत के महत्व के बारे में भारत में जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है| इस दिन लोगों को नए कार्य पाठ्यक्रमों और तैयार की जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जाती है| ऊर्जा अपशिष्ट को कम करने और संसाधनों के संरक्षण में जनता कैसे अपनी भूमिका निभा सकती है, इस बारे में जानकारी दी जाती है| कुल मिलाकर राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा के उपयोग को कम करना और लोगों को इसे कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है| वर्तमान में, भारत में 170 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा है और लगभग 80 गीगावॉट निर्माणाधीन है| भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन और प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत तुलनात्मक रूप से बहुत कम है| इसके बावजूद देश ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न वैश्विक चुनौती का सामना करने के लिए महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताएं की हैं| 2015 में COP-21 के दौरान, अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान, (NDC) के रूप में, भारत ने 2030 तक गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों से अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 40 प्रतिशत प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध किया था| भारत ने निर्धारित लक्ष्य से नौ साल पहले नवंबर 2021 में ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया| यह सभी नागरिकों के लिए गर्व की बात कि भारत ऊर्जा स्रोत परिवर्तन पर लगातार आगे बढ़ रहा है और इसने नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाया है| इसी के साथ भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण का उद्देश्य जलवायु शमन है, जिसमें 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 450 गीगावॉट तक बढ़ाने का लक्ष्य है|
ऊर्जा सरंक्षण अधिनियम
भारत ने वर्ष 2001 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम पारित किया था| ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 को ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण और उससे संबंधित मामलों के लिए अधिनियमित किया गया था| ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत 1 मार्च, 2002 से की गई है| यह ऊर्जा से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार है| यह ऊर्जा संरक्षण गतिविधियों के कार्यान्वयन का भी समन्वय करता है| ब्यूरो का मिशन ऊर्जा दक्षता सेवाओं को संस्थागत बनाना, देश में वितरण तंत्र को सक्षम करना, अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता के लिए नेतृत्व प्रदान करना है| संसद ने ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित कर दिया है और राज्यसभा ने इसे हाल ही में मंजूरी दे दी है| लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है| विधेयक ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 में संशोधन करना चाहता है| यह संशोधन ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को बढ़ावा देता है| विधेयक केंद्र को कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है| यह एक्ट यह भी निर्धारित करता है कि नामित उपभोक्ताओं को गैर-जीवाश्म स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के अनुपात को पूरा करने की आवश्यकता हो सकती है| भवनों के लिए ऊर्जा संरक्षण कोड 100 किलोवाट या उससे अधिक के जुड़े भार वाले कार्यालय और आवासीय भवनों पर लागू होगा|
राष्ट्रपति संबोधित करेंगी
इस अवसर पर, राष्ट्रपति उपस्थित जनसमूह को संबोधित करेंगी और राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवोन्मेषण पुरस्कार 2023 और ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता 2023 के विजेताओं को सम्मानित भी करेंगे। राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस और पुरस्कारों का आयोजन भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई), जो भारत में राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता और इसके संरक्षण को विनियमित करने और बढ़ावा देने के लिए ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के अनुसार अधिदेशित है, द्वारा किया जा रहा है। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आरके सिंह इस अवसर पर संबोधित करेंगे। केंद्रीय विद्युत और भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल और विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल भी उपस्थित रहेंगे।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस थीम 2023
अभी तक ऊर्जा संरक्षण दिवस 2023 की थीम तय नहीं हुई हैं। हालांकि, थीम आमतौर पर ऊर्जा संरक्षण और स्थिरता के इर्द-गिर्द घूमती है।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस कैसे मनाया जाए
राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए हर कोई अपनी भागीदारी दे सकता है| इसके लिए घर पर ही कुछ बातों पर ध्यान देकर योगदान दिया जा सकता है, जैसे:
* जब उपयोग में न हों, बल्ब को बुझा दें।
* ऊर्जा बचाने के लिए एलईडी बल्ब का प्रयोग करें।
* हमेशा आईएसआई मुहर लगे बिजली उपकरणों और साधनों का प्रयोग करें।
* बच्चों को ऊर्जा सरंक्षण के बारे में शिक्षित करें।
* खाना बनाने से पहले अनाज को भिगोएं, इससे खाना बनाते समय ऊर्जा की बचत होती है।
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2023
ऊर्जा मंत्रालय के मार्गदर्शन में बीईई ऊर्जा दक्षता और इसके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर ऊर्जा संरक्षण पुरस्कारों से सम्मानित करने के द्वारा ऊर्जा उपभोग को कम करने में औद्योगिक इकाइयों, संस्थानों और प्रतिष्ठानों के प्रयासों को स्वीकार करता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है। एनईसीए 2023 के लिए आवेदन 9 नवंबर, 2023 तक खुले थे और कुल 516 आवेदन प्राप्त हुए थे । इनमें से 20 प्रथम पुरस्कार, 16 द्वितीय पुरस्कार और 27 मान्यता प्रमाणपत्र सहित कुल 63 पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं।
एनईसीए- 2023 के लिए पुरस्कारों की कुल संख्या
प्रथम पुरस्कार – 20
दूसरा पुरस्कार – 16
मान्यता प्रमाणपत्र (सीओएम) – 27
राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवोन्मेषण पुरस्कार (एनईईआईए) 2023
ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में भारत के उत्कृष्ट कार्यों और नवोन्मेषी विचारों को सम्मानित करने के लिए एनईईआईए की शुरुआत वर्ष 2021 में की गई थी। एनईईआईए 2023 के लिए विभिन्न श्रेणियों अर्थात् श्रेणी क: उद्योग, भवन और परिवहन तथा श्रेणी ख: छात्र और रिसर्च स्कॉलर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। पुरस्कारों का मूल्यांकन प्रतिकृति, सामर्थ्य, विश्वसनीयता, ऊर्जा बचत पर प्रभाव और पर्यावरण तथा स्थिरता पर प्रभाव के आधार पर किया जाता है।एनईईआईए 2023 के लिए आवेदन 9 नवंबर, 2023 तक खुले थे और कुल 187 आवेदन प्राप्त हुए थे। इसमें से 1 प्रथम पुरस्कार, 1 द्वितीय पुरस्कार और 6 मान्यता प्रमाणपत्र सहित कुल 8 पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय पेंटिंग प्रतियोगिता 2023
ऊर्जा संरक्षण और कुशल उपयोग की दिशा में समाज में निरंतर परिवर्तन लाने के लिए विद्युत मंत्रालय 2005 से ऊर्जा संरक्षण पर राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। प्रतियोगिता तीन चरणों- स्कूल, राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर- में आयोजित की जाती है। वर्ष 2022 में 80 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। ग्रुप ए के अन्तर्गत पांचवीं, छठी और सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए तथा ग्रुप बी के अन्तर्गत आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है।
‘ईवीः यात्रा पोर्टल’ तथा मोबाइल एप का शुभारंभ
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो ने निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर के लिए इन व्हेकिल नेवीगेशन सुविधा के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन विकसित किया है, देश में ई-गतिशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न केंद्रीय और राज्य स्तरीय पहलों पर सूचना का प्रसार करने के लिए एक वेबसाइट और सीपीयू को अपने चार्जिंग विवरण को सुरक्षित रूप से राष्ट्रीय ऑनलाइन डाटा बेस में पंजीकृत करने में सक्षम बनाने के लिए वेब पोर्टल है। “ईवी यात्रा” नामक मोबाइल एप्लीकेशन को निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर में इन व्हकिल नेवीगेशन की सुविधा के लिए डिजाइन और विकसित किया गया है। इस मोबाइल ऐप को आई फोन तथा एंड्रॉयड स्मार्ट फोन दोनों पर गूगल प्ले स्टोर तथा ऐप्पल स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है और आसानी से इंस्टॉल किया जा सकता है।
ऊर्जा संरक्षण का सही अर्थ ऊर्जा के अनावश्यक उपयोग से बचते हुए कम से कम ऊर्जा का उपयोग करना है ताकि भविष्य में उपयोग हेतु ऊर्जा के स्रोतों को बचाया जा सके| ऊर्जा संरक्षण की योजना को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हर इंसान को अपने व्यवहार में ऊर्जा संरक्षण को शामिल करना चाहिए|।