भारत में हर साल 1 जुलाई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस) देश के महान डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय जी का जन्म और स्मारक के अवसर पर मनाया जाता है। इस वर्ष 2023 में 01 जुलाई, शुक्रवार को 32वां डॉक्टर दिवस मनाया जा रहा है। इस संस्था पर हमें विभिन्न धर्मनिरपेक्ष और नामांकित महामारी से बचाव वाले सभी छात्रों का सम्मान करना चाहिए।
“डॉक्टर” के शब्द एक सम्मान की भावना से मेल खाते हैं| भारत में स्वतः ही दार्शनिक को “डॉक्टर साहब” का आदर दिया जाता है| डॉक्टर तो घाव में मरहम लगाने वाला व्यक्ति है जो कठिन परिश्रम में दर्द, चिंता और भय को कम करता है| इसमें देखा गया है कि मुश्किल समय में मरीज़ की बीमारी से उसकी चिंताएं बढ़ जाती हैं लेकिन जब कोई डॉक्टर हमें डरने की सलाह नहीं देता तो एक अलग ही संतुष्टि होती है| विद्वानों के प्रति आदर-सम्मान की घोषणा और उनके प्रति समर्पण को वर्ष भर में एक दिन राष्ट्रीय डॉक्टर डे के रूप में मनाया जाता है| आइए जानते हैं डॉक्टर डे कब है और क्या है इस साल की थीम:
राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस के बारे में जानकारी
नाम : राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस या राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस
तिथि : 01 जुलाई
पहली बार : 01 जुलाई 1991
शुरुआत : 1991 में भारत की केंद्र सरकार द्वारा
उद्देश्य : प्रख्यात चिकित्सक डॉ बिधान चन्द्र रॉय जी को श्रध्दांजलि देने और सभी डॉक्टरों का सम्मान करने के लिए।
थीम (2023) : लचीलेपन और उपचारकारी हाथों का जश्न मनाना
किसकी याद में : डॉ. बिधान चन्द्र रॉय
राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस
दुनिया भर में डॉक्टरों को सम्मान देने के लिए अलग-अलग समय पर Doctor’s Day (चिकित्सक दिवस) मनाया जाता है| ब्राज़ील में 18 अक्टूबर और अमेरिका में 30 मार्च को यह उत्सव मनाते हैं| भारत सरकार ने 1991 में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor’s Day) की स्थापना की। भारत में इसे महान चिकित्सक, और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री भारत रत्न “डॉ बिधन चंद्र रॉय” को सम्मानित करते हुए उनकी जयंती, 01 जुलाई को मनाया जाता है| इस दिन को मनाना हमारे जीवन में डॉक्टरों के मूल्यों पर जोर देने का प्रयास है और साथ ही उन्हें सम्मान देने का एक मौका| टेक्नॉलजी के माध्यम से लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए डॉक्टरों के प्रयास अथक हैं| इसलिए ही भारत में उन्हें भगवान्-सा दर्जा दिया जाता हैं|
कब और कैसें हुई राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत?
हर साल 01 July को डॉक्टर्स डे मनाने की शुरूआत भारत की केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 1991 में की गयी थी। जिसका मकसद भारत के सुप्रसिद्ध चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और बंगाल के दुसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चंद्र रॉय जी को उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर याद करते हुए श्रध्दांजलि अर्पित करना है। बिधान चंद्र रॉय एक ऐसे व्यक्ति थे जो चिकित्सा को एक पेशे के रूप में नहीं बल्कि इसे समाज के कल्याण और उत्थान का जरिया मानते थे। उनका जन्म 01 जुलाई 1882 को बिहार के पटना जिले में हुआ था और उनकी मृत्यु 80 साल की उम्र में 01 जुलाई के ही दिन वर्ष 1962 में हुई।
नेशनल डॉक्टर्स डे क्यों मनाते है? (उद्देश्य)
कोई भी व्यक्ति हो हर किसी के जीवन में एक डॉक्टर अहम भूमिका निभाता है. जहाँ एक तरफ लोगों के लिए डॉक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और दूसरी तरफ डॉक्टर्स भी अपने मरीजों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते हैं. ऐसे में उनका सम्मान हमारे लिए गर्व की बात होनी चाहिए. इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने इसे एक जागरूकता अभियान के रूप में शुरू किया है, जोकि एक वार्षिक उत्सव है और यह आम लोगों को डॉक्टर्स की भूमिका, महत्व एवं उनके द्वारा की गई अनमोल देखभाल के बारे में जागरूक होने में मदद करता है. डॉक्टर्स का यह वार्षिक उत्सव सभी डॉक्टर्स एवं चिकित्सकों के लिए प्रोत्साहन का दिन होता है. यह दिन उन डॉक्टर्स की आंख खोलने का दिन है, जो अपने प्रोफेशन के प्रति ईमानदार नहीं है. इस दिन को मनाने से वे अपने पेशे की ओर प्रतिबद्धता की कमी के कारण अपने असफल करियर से उठने के लिए जागृत हुए हैं. कभी – कभी आम और गरीब लोग, गैर जिम्मेदार और गैर – व्यावसायिक डॉक्टर्स के गलत साथ में फंस जाते हैं जो उन डॉक्टर्स के खिलाफ सार्वजनिक हिंसा और विरोध का कारण बन जाता है. यह जागरूकता अभियान सभी डॉक्टर्स को एक ही स्थान पर आकर्षित करने का एक शानदार तरीका है, इससे उन्हें जीवन रक्षा मेडिकल प्रोफेशन की दिशा में जिम्मेदारी के एक ट्रैक में लाया जा सकता है. यह दिन का उत्सव पूरे प्रोफेशनल डॉक्टर्स जिन्होंने रोगियों के जीवन को बचाने के लिए अपने महान प्रयास किये हैं. उनका सम्मान करने एवं विशेष रूप से उनके प्रयासों और भूमिकाओं का जश्न मनाने के लिए समर्पित किया गया है. यह उनके दिन, उनके प्यार, स्नेह और उनके रोगियों की अनमोल देखभाल के लिए धन्यवाद देने का एक दिन है. इसलिए इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2022 की थीम
हर बार राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस किसी खास विषय पर आधारित होता है, इस साल राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2023 की थीम ‘लचीलेपन और उपचारकारी हाथों का जश्न मनाना’ (Celebrating Resilience and Healing Hands) है। हालांकि पिछली साल 2022 में इसे “फैमिली डॉक्टर्स ऑन द फ्रंट लाइन” (Family Doctors on the Front Line) विषय के साथ मनाया गया था। इससे पहले National Doctors Day 2021 की Theme ‘एक बेहतर, स्वस्थ दुनिया का निर्माण‘ (Building a Fairer, Healthier World) थी, और इससे पहले 2020 की Theme “lessen the mortality of COVID-19” (COVID-19 की मृत्यु दर को कम करें) थी। तो वहीं वर्ष 2019 में डॉक्टर्स डे का विषय “Zero tolerance to violence against doctors and clinical establishment”(डॉक्टरों और नैदानिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ हिंसा को जीरो टॉलरेंस) था।
कौन थे डॉ. बिधानचंद्र रॉय?
डॉ. बिधानचंद्र रॉय भारत के महान चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और 1948 से 1962 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे। उनका जन्म और मृत्यु की तारीख 01 जुलाई थी। चिकित्सा के क्षेत्र में उनका योगदान सराहनीय है।
* बिधान चन्द्र राय जी का जन्म बिहार की राजधानी पटना के बांकीपोर में 01 जुलाई, 1882 को हुआ था, वे अपने माता पिता की पांचवी संतान थे।
* उन्होंने अपनी पढाई पूरी की और साल 1909 में वे लंदन के सेंट बार्थोलोमेव्स हॉस्पिटल में प्रवेश लिया जहाँ से उन्होंने 02 साल 03 महीने में ही एक साथ फिजिशन और सर्जन की डिग्री हासिल की। इसके बाद वे जब 1911 में भारत लौटे तो उन्होंने चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए।
* 1925 में वे राजनीति जगत में आए और 1930 में, उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी हिस्सा लिया। इसके बाद वे आज़ाद भारत के बंगाल राज्य के दुसरे मुख्यमंत्री बने और अपनी मृत्यु तक (लगभग 14 वर्षों तक) इस पद पर रहते हुए कई सराहनीय कार्य किए।
* उन्होंने कई विश्वविद्यालय और नगरो का भी स्थापना की। उनके द्वारा बसाए गए नगरों में दुर्गापुर, कल्याणी, बिधाननगर और अशोकनगर जैसे प्रमुख नगर शामिल हैं।
* आखिरकार वे अंतिम समय तक भी जनता की भलाई के लिए ही काम करते रहे और वर्ष 1961 में अपनी सारी संपत्ति और घर बार जनता को सौप कर 01 जुलाई 1962 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।
* डॉ. रॉय को उनके द्वारा देशहित में किए गए कार्यों के लिए 04 फरवरी, 1961 को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया।
डॉक्टर्स डे कैसे मनाया जाता है?
01 जुलाई को ज्यादातर लोग डॉक्टरों को उनका ध्यान रखने और उन्हें स्वस्थ बनाए रखने के लिए फोन या मैसेज करके या फिर फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मदद से उन्हें ‘धन्यवाद‘ कहते हैं। राष्ट्रीय डॉक्टर्स दिवस का जश्न मनाने से पूर्व हमें इसके महत्व को जान लेना चाहिए, भले ही हम आम दिनचर्या में लगभग कई बार डॉक्टर्स से रूबरू होते हैं. मगर अब भी हम समाज में उनकी असर अहमियत को नहीं समझ पाए हैं. संक्षेप में देखें तो एक बच्चे के जन्म से लेकर इंसान की मृत्यु तक, हल्की स्वास्थ समस्या से लेकर किसी गंभीर रोग तक, हर वक्त हर जगह डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मी हमारी सेवा में मौजूद होते हैं. ऐसे में उनके प्रति आदर और सम्मान व्यक्त करना, हमारी जिम्मेदारी है. ऐसे में इस खास दिन का महत्व है न सिर्फ हमारे आसपास, बल्कि पूरे देश में हमारी सेवा के लिए तत्पर तमाम डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत और समर्पण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना। इस दिन को लोग अपने – अपने तरीके से मनाते हैं. किन्तु कुछ संगठनों द्वारा इसे निम्न तरीके से मनाया जाता है –
* डॉक्टर्स द्वारा दिए गये योगदान से परिचित होने के लिए सरकारी और निजी स्वास्थ्य संगठनों में विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इसे विशेष रूप से ‘उत्तरी कोलकाता एवं उत्तर – पूर्वी कोलकाता सामाजिक एवं कल्याण संगठन के रोटरी क्लब’ द्वारा मनाया जाता है, जोकि डॉक्टर्स डे के इस भव्य उत्सव के लिए हर साल एक बड़ा इवेंट आयोजित करता है।
* इस दिन चिकित्सा प्रोफेशन के विभिन्न पहलूओं जैसे स्वास्थ्य जाँच, इलाज, रोकथाम, रोग का उचित उपचार आदि इसी तरह के कई मुद्दों के बारे में चर्चाएँ करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
* इस दिन हेल्थ केयर संगठनों द्वारा कई स्वास्थ्य केन्द्रों और सार्वजनिक स्थानों पर आम जनता के लिए कुछ चिकित्सा जाँच शिविर आयोजित किये जाते हैं, जोकि बिलकुल मुफ्त होते हैं।
* इसके अलावा इस दिन गरीबों एवं वरिष्ठ नागरिकों के बीच हेल्थ स्टेटस, हेल्थ काउंसलिंग, हेल्थ पोषण पर बातचीत और पुरानी बीमारियों की जागरूकता का आंकलन करने के लिए जनरल स्क्रीनिंग टेस्ट शिविर भी आयोजित किये जाते हैं।
* हर किसी के जीवन में डॉक्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिकाओं के बारे में जागरूक करने के लिए मुफ्त में ब्लड टेस्ट, रैंडम शुगर टेस्ट, ईसीजी, ईईजी, ब्लड प्रेशर चेकअप आदि गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
* अधिक युवा छात्रों को डेडिकेटेड मेडिकल प्रोफेशन की तरफ प्रोत्साहित करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों के स्तर पर कुछ गतिविधियां आयोजित की जाती है, जोकि मेडिकल टॉपिक्स पर चर्चा, क्विज प्रतियोगिता, खेल गतिविधियाँ, मेडिकल प्रोफेशन को मजबूत और अधिक जिम्मेदार बनाने के लिए नई और प्रभावी शैक्षिक रणनीतियां लागू करना एवं क्रिएटिव ज्ञान के लिए छात्रों को वैज्ञानिक उपकरण का लाभ पहुंचाना आदि है।
* जुलाई की 01 तरीख को अधिकतर मरीज अपने डॉक्टर्स को धन्यवाद करते हुए उन्हें ग्रीटिंग कार्ड्स, प्रशंसा कार्ड, ईकार्ड्स, फूलों के गुलदस्ते, मेल के माध्यम से ग्रीटिंग मेसेज आदि देते हैं. स्वास्थ्य केन्द्रों, अस्पतालों, नर्सिंग होम या डॉक्टर्स द्वारा घरों पर विशेष मीटिंग, पार्टी एवं डिनर का आयोजन किया जाता है, ताकि मेडिकल प्रोफेशन के लिए डॉक्टर्स के दिन और उनके योगदान के महत्व को याद किया जा सके। * दुनियाभर में डॉक्टरों को भगवान के समान दर्जा दिया गया है, ऐसे में हमें इस दिन सभी चिकित्सकों का आभार प्रकट करते हुए उन्हें धन्यवाद करना चाहिए।
आप डॉक्टर्स डे कैसे माना सकते हैं?
* आप अपने फैमिली डॉक्टर के घर जाकर उन्हें ग्रीटिंग कार्ड्स, गुलदस्ते, फूल आदि देकर उन्हें थैंकयू कह सकते हैं।
* स्कूलों में एवं कई शैक्षणिक संस्थानों में भी इस दिन सभी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें डॉक्टरों पर निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता और चित्रकला/ड्राइंग प्रतियोगिता आदि भी कराई जाती है।
* साथ ही आप अस्पताल एवं स्वास्थ्य केंद्रों या नर्सिंग होम में जाकर Doctors को विशेष रूप से धन्यवाद कर सकते हैं और उन्हें अपनी तरफ से पार्टी या फिर कोई गिफ्ट या सरप्राइज भी दे सकते हैं।
* कोरोना के दौरान भारत और कई देशों में डॉक्टरों पर फूल भी बरसाए गए और कोरोना वॉरियर्स के लिए ताली और थाली बजाकर उन्हें सम्मान देने का भी आयोजन किया गया।
इस तरह से इस विशेष दिन को अलग – अलग तरह के आयोजन कर मनाया जाता है।
डॉक्टर्स डे कब और कहां-कहां मनाया जाता है?
भारत के साथ दुनिया के अन्य देशों में भी मनाया जाता है। जानिए किस देश में कब मनाया जाता है।
भारत : भारत में राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे 01 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्य मंत्री और एक महान चिकित्सक डॉ. बिधान चंद्र रॉय के जन्म दिन के साथ-साथ उनकी पुण्य तिथि भी मनाई जाती है।
अमेरिका : अमेरिका में डॉक्टर्स डे 30 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन चिकित्सकों को सालाना मान्यता दी जाती है। इस मनाने का विचार डॉ चार्ल्स बी. आलमंड एवं उनकी पत्नी यूडोरा ब्राउन आलमंड को आया था।
ईरान : ईरान में डॉक्टर्स डे 23 अगस्त को मनाया जाता है। जोकि वहां के महान डॉक्टर एविसेना का जन्मदिवस था।
ब्राजील : ब्राजील में चिकित्सक दिवस 18 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन ब्राजील में छुट्टी घोषित की गयी है। यह कैथोलिक चर्च सेंट ल्यूक का जन्मदिवस है। जोकि वहां के एक महान डॉक्टर थे।
क्यूबा : क्यूबा में 03 दिसम्बर को राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे पर छुट्टी दी जाती है। इस दिन कार्लोस जुआन फिनले का जन्म हुआ था, जो क्यूबा के चिकित्सक और वैज्ञानिक थे जिन्होंने पीले बुखार पर शोध किया था।
वियतनाम : वियतनाम में डॉक्टर्स डे 28 फरवरी को मनाया जाता है। इसकी घोषणा 1955 में की गयी थी।
नेपाल : नेपाल में हर वर्ष 04 मार्च को राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे मनाया जाता है। इस नेपाल मेडिकल एसोसियशन की स्थापना हुई थी तभी से हर वर्ष यह दिवस मनाया जा रहा है।
इस तरह का चिकित्सक दिवस मनाना एक जागरूकता अभियान की तरह है जहां चिकित्सकों की मान्यता, महत्व और अनुयायियों से परामर्श करने के साथ-साथ चिकित्सा पेशेवरों को मान्यता देने और कोरोना का पालन करने के लिए अवसर प्रदान करना है|महामारी के समय चिकित्सक ही मानव जाति के लिए जीवनदाता के रूप में सामने आये हैं| ऐसे में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के दिन उन्हें शुभकामनाएं देते हुए हम उन्हें धन्यवाद दे सकते हैं|
[यूआरआईएस आईडी=9218]