भिलाई। गुरु घासीदास कला साहित्य एवं विकास समिति तथा संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय लोक कला महोत्सव के उद्घाटन समारोह में पहुंचे छत्तीसगढ़ शासन के नगरी प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को सहेजना और संवारना हम सबका कर्तव्य है आयोजन समिति के अध्यक्ष निर्मल कोसरे ने छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य प्रदेशों को एक मंच पर लाकर अनुठा प्रयास किया है जिसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। छत्तीसगढ़ सरकार लोक कला के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य कर रही है ग्रामीण अंचल में 11 वर्षों से इतना बड़ा आयोजन होना बहुत ही अनूठा प्रयास है जिससे गांव में छुपे कलाकारों को मंच मिलता है छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के साथ साथ अन्य राज्य के कलाकार भी हमारे यहां की भाषा बोली और संस्कृति को समझे हमारी कला संस्कृति को न केवल देश में अभी तो विश्व में भी पहचान मिले।
समिति के मांग पर मंत्री ने गनियारी लोक कला महोत्सव के आयोजन के लिए प्रतिवर्ष नगर निगम भिलाई चरोदा से 3 लाख आयोजन समिति को अनुदान देने की घोषणा की। श्री डेहरिया ने महोत्सव की शुरुआत की राजनांदगांव डुमरडीह चौका पार्टी, जेवरा सिरसा का जस गीत झांकी इसके अलावा असम का बिहू, मध्यप्रदेश गुदुम बाजा, मुंबई लावणी, राजस्थान कालबेलिया एवं मथुरा के मयूर डांस और लठमार होली दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया श्रीमती दुर्जन बाई की पंडवानी और अलका चंद्राकर की लोक संस्कृति ने रात भर लोगों का मनोरंजन किया। इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा देवदास बंजारे सम्मान 2019-20 मोहन दास चतुर्वेदी को 50 हजार चेक एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। समाज सेवा एवं प्रशासनिक क्षेत्र में उपलब्धियों के लिए सीएसपी विश्वास चंद्राकर, सहायक आयुक्त प्रियंवदा रामटेके, लोक कलाकार सुश्री अमृता बारले, डॉ आर एस बारले का शाल श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया।