भिलाई। 18 दिसम्बर, 2023, (सीजी संदेश) : संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास की 267 वीं जयंती बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है आज सेक्टर 6 स्थित सतनाम भवन में भी गुरु पर्व मनाया गया जहां मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल हुए गुरु घासीदास सेवा समिति सेक्टर 6 स्थित सतनाम भवन में तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया था आज गुरु बाबा घासीदास के मंदिर में पवित्र गुरु गद्दी की पूजा अर्चना कर आरती की गई सतनाम भजन से पूरा हाल और मैदान गूंज रहा था. पंथी नृत्य ने सब का मन मोह लिया, मुख्य अतिथि भूपेश बघेल ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेकर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय आने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरु घासीदास जयंती के अवसर पर सभी को बधाई दी और कहा कि गुरु घासीदास जी के संदेश मनखे मनखे एक समान का बहुत ही गहरा अर्थ है। बाबा जी ने न केवल मनुष्य से प्रेम करना सिखाया बल्कि उन्होंने पशुओं से भी प्रेम करने का संदेश दिया उन्होंने गौ हत्या जीव हत्या और मांस का सेवन करने से दूर रहने और सब पर दया करने की बात कही है। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्व प्रथम प्रातः 10:00 बजे पवित्र गुरु गद्दी एवं परम पूज्य गुरु बाबाजी का सामूहिक पूजा अर्चना की गई तत्पचात अपरान्ह 02:00 बजे से पवित्र जैतखाम की पूजा अर्चना एवं ध्वजारोहण सामूहिक गुरु आरती तथा अपरान्ह 04:00 बजे से सतनाम भजन, पंथी नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम और मुख्य अतिथि एवं विशेष अतिथियों का स्वागत एवं उद्बोधन हुआ। इसके पूर्व 17 दिसंबर को सतनाम संदेश एवं शोभायात्रा निकाली गई जिसमें हजारों की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए यात्रा के दौरान प्रत्येक चौक चौराहों पर स्वागत किया गया। इसके पूर्व 16 दिसंबर को निशुल्क चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया गया। गुरु घासीदास सेवा समिति भिलाई के अध्यक्ष राम दयाल देशलरा ने बताया कि 18 दिसंबर सन 1956 को छत्तीसगढ़ की पावन धरा पर गिरौदपुरी धाम में गुरु घासीदास बाबा का अवतरण हुआ था उस समय मानव समाज की दिशा और दशा, मानव के बीच भेदभाव, जाति पाती, अन्याय, अत्याचार अपने चरम पर था। बाबा जी ने छाता पहाड़ के एकांत जगह पर चिंतन मनन कर सतनाम रूपी ज्ञान प्राप्त कर समस्त मानव समाज को सत उपदेश, सत संदेश, व अपने अमर वाणीयों के माध्यम से सत्य के रास्ते बताए। ऐसे महान संत, पथ प्रदर्शक परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा की 267 वी जयंती समारोह के पावन अवसर पर तीन दिवसीय समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सभी श्रद्धालुओं एवं संत जनों शामिल हुए।
कार्यक्रम में अध्यक्ष आरडी देशलहरा, उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू कुर्रे, महासचिव कांतिलाल मिर्चे, कोषाध्यक्ष जीपी भास्कर, सह सचिव रमेश चंदवानी, सह सचिव रामकुमार मारकंडे, सह सचिव रेशम दृत लहरें, कार्यकारिणी सदस्य गरीबदास बंजारे, कार्यकारणी सदस्य रूपेश बारले, कार्यकारिणी सदस्य अशोक सूर्यवंशी, कार्यकारिणी सदस्य सतीश डहरे, कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र खुटेल, कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती शकुंतला देश लहरे, कार्यकारिणी सदस्य टेकराम बंजारे, कार्यकारिणी सदस्य हेमप्रकाश अनंत, कार्यकारिणी सदस्य नोहर कुर्रे, कार्यकारणी सदस्य लोकेश भारती, कार्यकारिणी सदस्य दीपक बघेल, कार्यकारिणी सदस्य दिवाकर गायकवाड, कार्यकारिणी सदस्य सुरेंद्र वाघमारे सहित दुर्ग भिलाई और छत्तीसगढ़ के हजारों लोग उपस्थित रहे।