रायपुर। प्रदेश के मुख्य सचिव सुनील कुजूर की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में अनुसूचित जनजाति उपयोजना के क्रियान्वयन कार्यकारिणी समिति की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए विभागों द्वारा जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को सहमति के लिए भेजे जाने वाले प्रस्तावों पर चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने क्षेत्र की उपयोगिता के आधार पर प्रस्तावों का पुन: परिक्षण करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए हैं।
जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार को भेजे जाने वाले प्रस्तावों में कोण्डागांव में मक्का प्रसंस्करण ईकाइ की स्थापना, बस्तर संभाग में भवन विहिन एवं जर्जर आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण एवं मरम्मत, आदिवासी विकास के अंतर्गत संचालित आश्रम शालाओं में कम्प्यूटर प्रशिक्षण, भवन विहिन स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण-पेयजल एवं विद्युतीकरण, कृषकों की पडत भूमि में कॉफी रोपण, सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार एवं उन्नयन, भवन विहिन-जर्जर आश्रम-छात्रावासों के मरम्मत एवं भवन निर्माण के प्रस्तावों पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त राज्य में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सूरजपुर और गरियाबंद जिले में कोदो-कुटकी आधारित प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना, एकीकृत कृषि प्रणाली से चाय एवं कॉफी का जैविक खेती प्रसंस्करण और आदिवासी पर्यटन विकास, पोषण एवं स्वालंबन वाटिका की स्थापना, सामूहिक फल उत्पादन प्रक्षेत्र निर्माण संबंधी प्रस्तावों पर चर्चा की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि के.डी.पी. राव, वित्त अमिताभ जैन, सचिव महिला एवं बाल विकास सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग डी.डी. सिंह, विशेष सचिव लोक स्वास्थ्य सी.आर. प्रसन्ना, बस्तर कमिश्नर अमृत खलखों सहित बस्तर संभाग और राज्य के संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
आदिवासी अंचलो के कई विकास कार्यो पर हुई चर्चा…. अनुसूचित जनजाति उपयोजना कार्यकारिणी समिति की बैठक सम्पन्न
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