दुर्ग। जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने महानदी एडवाइजरी सर्विसेज लिमिटेड बैंगलोर पर तीन अलग-अलग मामलों में 37.97 लाख रुपये हर्जाना लगाया। महानदी एडवाइजरी सर्विसेज लिमिटेड के खिलाफ पति भोलेश्वर साहू और पत्नी सत्यभामा साहू ने तीन अलग-अलग शिकायतें जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग में पेश की थी। चिटफंड कंपनी ने परिवादी साहू दंपत्ति से मंथली इनकम प्लान के तहत पृथक पृथक रकम 13,02,000 रुपये, 10,80,000 और 3,87,440 रुपये कुल मिलाकर 27,69,440 रुपये जमा करवाया, जिसके एवज में कंपनी द्वारा 05 साल तक हर महीने निश्चित ब्याज का भुगतान परिवादियों को किया जाना था और 05 साल पूरे होने पर जमा राशि 2769440 रुपये वापस लौटाई जानी थी लेकिन चिटफंड कंपनी ने कुछ महीने तक ही ब्याज का भुगतान किया, इसके बाद ब्याज भुगतान करना बंद कर दिया और परिवादियों को उनकी जमा मूल रकम भी वापस नहीं की। तीनों प्रकरणों में अनावेदक कंपनी की ओर से अधिवक्ता उपस्थित हुए परंतु कोई जवाब पेश नहीं किया गया। जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने प्रकरण में पेश दस्तावेजों के आधार पर यह प्रमाणित पाया कि अनावेदक कंपनी ने परिवादियों से राशि प्राप्त की और उन्हे नियमित रूप से ब्याज अदा नहीं किया। और फोरम ने कहा कि अनावेदक कंपनी के कृत्यों के कारण जमा योजना पर अविश्वास होने की स्थिति में ग्राहक अगर अपनी जमा राशि की वापसी की मांग करें तो अविलंब उसकी राशि वापस की जानी चाहिए परंतु अनावेदक कंपनी द्वारा ऐसा नहीं किया जाना व्यवसायिक दुराचरण और सेवा में निम्नता की श्रेणी में आता है। जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के सदस्य राजेन्द्र पाध्ये व लता चंद्राकर ने अनावेदक कंपनी महानदी एडवाइजरी सर्विसेज लिमिटेड बैंगलोर पर तीनों मामलों को मिलाकर कुल 37,97,648 रुपये हर्जाना लगाया, जिसमे दोनों परिवादियों की जमा कुल राशि रु. 2769440, मासिक ब्याज की बकाया राशि रु. 915208, मानसिक वेदना की क्षतिपूर्ति स्वरूप रु. 110000 एवं वाद व्यय हेतु रु. 3000 भुगतान करने का आदेश दिया।
चिटफंड कंपनी ने नही लौटाई जमा रकम….. उपभोक्ता फोरम ने लगाया 38 लाख रुपये हर्जाना
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