रायपुर। राष्ट्रीय कृषि मेला का आयोजन 23 से 25 फरवरी तक रायपुर के फल सब्जी मंडी प्रांगण तुलसी बाराडेरा में आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजधानी रायपुर के फल, सब्जी, उपमंडी प्रांगण तुलसी बाराडेरा में 23 फरवरी को शाम 4 बजे राष्ट्रीय कृषि मेला 2020 का शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे करेंगे। छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग में पंजीकृत गौशालाओं द्वारा गोबर व गोमूत्र से विभिन्न सामग्रियों को निर्मित कर विक्रय किया जा रहा है, जिस से गौपालक व कृषक आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। गौशाला द्वारा गोबर से मूर्ति , माला, दिया,गमला जैसी सामग्री का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी बाजार में बहुत मांग है। राष्ट्रीय कृषि मेले में पंचगव्य से निर्मित सामग्री आकर्षण का केंद्र रहेगी। उल्लेखनीय है कि फिनाइल के इस्तेमाल की जगह अब घर की सफाई गौमूत्र और अन्य गौ उत्पादों से बने गोनाइल से कर सकते हैं। यह गोनाइल आधुनिक तकनीक से रिफाइनरी में एक एंटीवायरल फिनाइल की तरह निर्मित किया जाता है जो कई प्रकार के रोगों व संक्रमण से बचाता है। गोबर से लकड़ी बनाई जाती है जिसे गौकाष्ठ कहते हैं जो ज्यादा समय तक जलती है। गौकाष्ठ के बाद अब गोबर का गमला काफी लोकप्रिय हो रहा है। गोबर का गमला पौधों के सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण से काफी फायदेमंद है। गाय के गोबर से दिए भी बनाये जाते हैं। दिए से आने वाली सुगंध न सिर्फ आसपास खुश्बू बिखेरती है, बल्कि इस खुशबू से आसपास को नकारात्मकता भी दूर होती है। कृषि मेले में ये सभी गौ-उत्पाद उपलब्ध रहेंगे। उद्यानिकी विभाग के द्वारा रायपुर में स्थापित फल परिरक्षण और प्रशिक्षण केंद्र में स्थानीय प्रशिक्षितों द्वारा निर्मित टोमेटो सॉस, मिक्स फूट् ज़म, आंवला मुरब्बा, आंवला कैंडी, आम आचार, नींबू आचार, हरी मिर्च आचार, गाजर आचार, अदरक हरो मिर्च और लहसुन का अचार, इमली चटनी, जिंजर के उत्पाद मेला में उपलब्ध रहेंगे।
राष्ट्रीय कृषि मेले में न्यूमैटिक प्लांटर का होगा प्रदर्शन
रायपुर के तुलसी बाराडेरा में शुरू हो रहे 23 फरवरी से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कृषि मेले में आधुनिक तकनीक पर आधारित बीज बुवाई उपकरण न्यूमैटिक प्लांटर का प्रदर्शन किया जाएगा। एयर सक्शन आधार पर कार्य करने वाले इस प्लांटर से पौधे से पौधे एवं कतार से कतार की दूरी को सटीकता के साथ समान रखा जा सकता है और बीज की समुचित गहराई पर बुवाई की जा सकती है। यह एक समय पर एक ही बीज का रोपण करता है, जिससे मूल्यवान बीज की खपत में कमी आती है और फसल उत्पादकता बढ़ती है। न्यूमैटिक प्लांटर से प्रति एकड़ डेढ़ से दो किलो ग्राम तक बीज की बचत होती है। इससे मक्का, चना, सोयाबीन, सूरजमुखी, मूंगफली, उड़द, मूंग, सरसों एवं अन्य फसलें ली जा सकती है। प्रमुख सचिव कृषि एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मनिन्दर कौर द्विवेदी ने बताया कि मेले में कृषि इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अनेक नए एवं आधुनिक कृषि उपकरणों का प्रदर्शन किया जाएगा। यहां अनुदान पर किसानों को कृषि उपकरण विक्रय के लिए भी उपलब्ध रहेगा। इच्छुक किसान मेले में खसरा, बी-1, परिचय पत्र जैसे आधार कार्ड, बिजली का बिल छायाप्रति एवं जाति प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज लाकर स्टॉल के माध्यम से ही कृषि उपकरणों का अनुदान के लिए बुकिंग करा सकते हैं।