
पिछले महीने अमेरिका के कैलिफोर्निया की निचली अदालत में Apple और Samsung के चुनिंदा स्मार्टफोन्स में तय सीमा से ज्यादा रेडिएशन निकलने को लेकर मुकदमा दायर किया गया है। दायर किए गए मुकदमे में कहा गया कि इन स्मार्टफोन्स में ज्यादा RF (रेडियो फ्रिक्वेंसी) रेडिएशन (विकिरण) निकलते हैं। Apple और Samsung के इन स्मार्टफोन्स में FCC (फेडरल कम्युनिकेशन्स कमिशन) द्वारा निर्धारित किए गए रेडिएशन से ज्यादा मात्रा में विकिरण निकलते हैं।
हालांकि, इन दोनों कंपनियों पर किए गए मुकदमे के विरोध में न्यूजीलैंड मेडिकल जर्नल के नोट को पेश किया गया, जिसमें लिखा था कि ये रेडिएशन से किसी भी तरह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। रिसर्चर्स ने इस रिपोर्ट में बताया कि कई तरह की स्टडी में पाया गया कि इस तरह की रेडियो फ्रिक्वेंसी मानव शरीर के लो-क्वालिटी की टिशू को प्रभावित कर सकती हैं। रिसर्च में ये भी बताया गया है कि एंटी 5G सेंटिमेंट को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के अफवाह बिना किसी वैज्ञानिक सत्यता के फैलाया जा रहा है।
पिछले सप्ताह अमेरिकी Chicago Tribune ने स्टडी में पाया कि iPhone 7, iPhone 8, iPhone X, Samsung Galaxy S8, Galaxy S9 और Galaxy J3 स्मार्टफोन्स FCC द्वारा निर्धारित किए गए विकिरण से ज्यादा रेडिएशन उत्सर्जित करते हैं। Apple और Samsung पर दायर मुकदमे में कहा गया कि इन स्मार्टफोन्स से निकलने वाले रेडिएशन कैंसर की संभावनाओं को बढ़ाने के अलावा सेल्युलर स्ट्रेस, खतरनाक फ्री रेडिकल्स, जेनेटिक डैमेज, रिप्रोडेक्टिव सिस्टम में फंक्शनल चेंजेज को बढ़ा सकते हैं। Apple और Samsung ने न्यूजीलैंड के रिसर्चर्स के रिपोर्ट के आधार पर कहा कि इन स्मार्टफोन्स पर की गई टेस्टिंग में कई तरह की खामियां है।