भिलाई। शहर में धड़ल्ले से दूध में मिलावट का काम किया जा रहा है। इस मिलावटी दूध के कारण बच्चे, बूढ़े सहित आम जनमानस को स्वास्थ संबंधित कई गंभीर बीमारी से जूझना पड़ रहा है। दुधारू पशुओं को इंजेक्शन लगाकर उनका दूध खींचा जा रहा है। पशु पालकों के द्वारा इंजेक्शन लगाने के कारण अब मवेशियों ने दूध देना बंद कर दिया है। इस धीमे जहर को हम अपने ही परिवार के लोगों को पीला रहे है। आज हर व्यक्ति प्राथमिकता के तौर पर दूध का सेवन करता है और बच्चोंं की तो पहली प्राथमिकता ही दूध है। मिलावटी दूध के कारण आने वाली पूरी पीढ़ी खराब हो रही है। इससे अनेक बीमारियां निरापराध, निश्छल, निश्पाप, भगवान के स्वरूप छोटे बच्चे इसके ज्यादा शिकार हो रहे है। जो पशु पालक इस कारोबार में शामिल है। उनके ऊपर कठोर कार्यवाही होनी चाहिये। आक्सीटोन नामक इंजेक्शन की सप्लाई भिलाई में धड़ल्ले से हो रही है। पुलिस अधीकारियों ने छापामार कार्यवाही करते हुये एक दम्पती को भी बीते माह धरदबोचा था। गौरतलब हो कि देश भर में की गई जांच में पाया गया कि खूले दूध की 48 फीसदी सैंपल में खामियां पाई गईं, वहीं पैकेट बंद दूध के 10 फीसदी से अधिक सैंपल गड़बड़ मिले है। समग्र रूप से बात करें तो 71 फीसदी सैंपल में खामियां पाई गईं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार ने अपने अध्ययन को जारी करते हुए कहा कि मिलावट से ज्यादा दूध का दूषित होना एक गंभीर समस्या है। क्योंकि प्रसंस्कृत दूध के नमूनों में एफ्लाटॉक्सिन-एम1, एंटीबायोटिक्स और कीटनाशकों जैसे पदार्थ अधिक पाए गए। इसमें प्रमुख ब्रांड सहित विभिन्न कंपनियों के कच्चे दूध और प्रसंस्कृत दूध के नमूने शामिल हैं।
शहर में मिलावटी दूध का कारोबार चल रहा धड़ल्ले से…. अनजाने में हम अपने ही परिवार को पिला रहे धीमा जहर
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