भिलाई। 13 नवंबर, 2023, (सीजी संदेश) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दुर्ग आगमन पर भिलाई के भाजपा नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी सौपा कर प्रधानमंत्री से यह मांग की थी कि भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मी 39 माह के एरियर्स को लेकर परेशान है इस समस्या का समाधान किया जाना जरूरी है सीटू इस मुद्दे पर दो टूक कहना चाहता है कि यदि भिलाई की भाजपा एवं प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर वाकई चिंतित है तथा कर्मियों के समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं तो 16 नवंबर शाम तक भिलाई इस्पात संयंत्र सहित सेल के कर्मियों के खाते में 39 माह का एरियर्स का बकाया राशि पहुंचवा देवे अन्यथा भिलाई की जनता यह समझ जाएगी कि 39 माह का एरियर्स को लेकर जो बात प्रधानमंत्री को कहा गया एवं उसे सार्वजनिक प्रचारित किया गया वह चुनावी जुमला था।
यह था केंद्र सरकार द्वारा सार्वजनिक उद्योगों के वेतन समझौता के लिए लिया गया निर्णय
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक उद्योगों में काम करने वाले कामगारों के लिए वेतन समझौता के आठवें चरण हेतु प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मजदूर नीति को मंजूरी दी जिसमें कहा गया कि संबंधित सीपीएसई के लिए मजदूरी संशोधन की अफॉर्डेबिलिटी (किफायतता) और फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी (वित्तीय धारणीयता) को ध्यान में रखते हुए ऐसे सीपीएसई का प्रबंधन ऐसे कामगारों के मजदूरी में संशोधन करने के लिए स्वतंत्र होगा जहां 5 वर्षों या 10 वर्षों की मजदूरी अदायगी की अवधि 31/ 12 / 2016 को समाप्त हो गई ज्ञात हो अर्थात अफॉर्डेबिलिटी एवं फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी केंद्र सरकार द्वारा थोपी गई शर्तें हैं।
केंद्र सरकार ने रोका है कर्मियों का एरियर्स
भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों की बहू प्रतिशत मांग 39 माह का एरियर्स कर्मियों को दिलाने के लिए लाल झंडा सहित सभी यूनियन ने एक स्वर से आंदोलनरत हैं किसी लाल झंडा अथवा दूसरे झंडा के यूनियनों ने इसे रोकने का प्रयास नहीं किया है फिर क्यों 39 माह का एरियर्स नहीं दिया जा रहा है सच्चाई यह है कि 39 माह का एरियर्स शुद्ध रूप से प्रधानमंत्री कार्यालय के द्वारा सार्वजनिक उद्योगों के लिए दिए गए दिशा निर्देश के कारण रुका हुआ है जिसे 22 नवंबर 2017 को पीआईबी दिल्ली ने सार्वजनिक किया था जिसे पीआईबी के साइट पर जाकर देख सकते हैं।