रायपुर। भारतमाला परियोजना में हो रही देरी से किसानों के माथे में बल पड़ रहा है। यह योजना पूरे होने में अभी काफी वक्त लगेगा। इस योजना के धरातल में आने से सुविधाओं में भारी इजाफा होगा। भारतमाला परियोजना आरंग से शुरू होकर नांदगांव मार्ग हाईवे टेडेसरा में जुडेगी। जिसकी दूरी लगभग 92.5 किलोमीटर होगी। प्रस्तावित योजना 6 लेन मार्ग है। जिसमें लगभग 2689 किसानों की भूमि प्रभावित होगी और इन किसानों को अरबों रूपये में सरकार को भूगतान करना है। भूगतान की देरी को लेकर किसानों में चिंता है।
जमीन अधिग्रहण के साथ ही इस प्रोजेक्ट में टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। 2 स्टेज में काम तय किया गया है। पहले स्टेज में टेडेसरा से ग्राम खट्टी तक करीब 44 किमी का काम होगा। 2 कार्य एजेंसियों से इसे कराया जाएगा। खट्टी से आरंग तक 48.5 किमी का काम होगा। करीब 1577 करोड़ रुपए की लागत से सिक्सलेन का निर्माण किया जाना है। बायपास पर 6 बड़े और 27 छोटे पुल, 167 पुलिया, 2 फ्लाई ओवर, 2 ओवर और 4 अंडरब्रिज का निर्माण होगा।
इस पूरे मामले में प्रारंभिक नोटिफिकेशन 20 फरवरी 2018 के बाद से जितना भी लेट होगा किसानों को करीब 12 प्रतिशत का ब्याज भी देना है। इसलिए केंद्र ने पुन: इसे लेकर राज्य को रिमाइंडर जारी था। किसानों ने 817 फलदार, 1743 इमारती, 3785 अन्य प्रजाति के वृक्ष, नलकूप 172, फेंसिंग 69 व मकान-शेड 17 के मुआवजे के लिए मांग की।
पाटन के 714 किसान, दुर्ग के 635 किसान, राजनांदगांव के 139, अभनपुर के 544 किसान तथा आरंग के 613 किसान प्रभावित बताये जा रहे है। सूत्रों के मुताबिक 11 सौ एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है।
अधर में लटका भारतमाला प्रोजेक्ट…. देरी से चिंतित है जनता और किसान
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