दुर्ग। 24 अक्टूबर, 2022, (सीजी संदेश) : थाना अम्लेष्वर क्षेत्रांतर्गत समृद्धि ज्वेलर्स में हत्या एवं लूट के अंतर्राज्यीय स्तर के 04 दुर्दांत आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने 24 घंटे के अंदर की गिरफ्त में ले लिया है। घटना का मास्टरमाइंड पूर्व में रायपुर के थाना टिकरापारा, डीडी नगर की हत्या एवं लूट का जेल अभिरक्षा से फरार आरोपी ही निकला। रायपुर, बिलासपुर एवं सरगुजा रेंज से समन्वय स्थापित कर अंतर्रा ज्यीय स्तर बिहार एवं यू.पी व राज्य के अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। पुलिस में आरोपियों से घटना में प्रयुक्त वाहन होण्डा सिटी, माेटर सायकल, पिस्टल, कट्टा एवं घटना में लूटा हुआ माल भी बरामद कर लिया है।
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वाराणसी एवं दुर्ग के व्यापारिक संघ सहित आम जनाें ने की दुर्ग पुलिस की त्वरित कार्य वाही की सराहना।
पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग महोदय द्वारा टीम काे नगर्द इ नाम देने की घाेषणा।
20 अक्टूबर काे प्रार्थी तनिष्क सोनी पिता सुरेन्द्र सोनी उम्र 20 वर्ष निवासी वुड आई लैण्ड कालोनी ग्राम अमलेश्वर के मकान नम्बर जी/13 फेस 03 थाना उपस्थित होकर लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया कि मेरे पिता सुरेन्द्र सोनी की दुकान समृध्दि ज्वेलर्स के नाम से तिरंगा चैक बजरंग काम्प्लेक्स ग्राम अमलेश्वर मेन राेड में स्थित है, जिसमे मेरे पिताजी बैठते है, मै भी उनका सहयोग करता हूं, हमेशा की तरह मेरे पिताजी सुरेन्द्र सोनी 20 अक्टूबर काे करीबन 10.30 बजे दुकान खोलने गये थे, मै उस वक्त अपने घर में था, करीब 12.30 बजे मेरे दुकान में लगे सीसीटीवी जिसका कनेक्शन मेरे माेबाईल फोन पर है, मैने माेबाईल फाेन से अपने दुकान का लाईव विडियों देख रहा था, उस दौरान मेरे दुकान में मेरे पिताजी के अलावा दो और व्यक्ति मौजूद थे, जिनको मेरे पिताजी उनकाे अंगुठी दिखा रहे थे, उनमे से एक व्यक्ति चितकबरा रंग की कमीज पहना था तथा दुसरा व्यक्ति का दाहिना हाथ कटा हुआ था, इसके बाद मै अपने माेबाईल से दुकान का फुटेज देखना बंद कर दिया, करीब 1.00 बजे के आसपास मै पुनः फुटेज देखना शुरू किया तो दुकान में वे दोनो लड़के काउण्टर अंदर घुसकर लाकर से मुझे सामान निकालते दिखे लेकिन मेरे पिताजी दुकान मुझे दुकान में दिखाई नही दिये, तब मै घर से तुरन्त निकल कर अपने दुकान के लिये आया। दुकान आते वक्त थाना अमलेश्वर के सामने दाहिने तरफ खुड़मुड़ा रोड के तरफ बाईक से तीन व्यक्तियों काे जाते देखा, जिनमे एक व्यक्ति चितकबरे कलर का कमीज पहने हुये गाड़ी चलाते दिखाई दिया, जिसे मै पहचान लिया, उनमे से दो व्यक्तियाें काे मैने फुटेज में अपने पिताजी से सामान दिखाते हुये देखा था, इसके बाद मै दुकान के अंदर आया और काउण्टर के अंदर झांका तो मेरे पिताजी लहुलुहान नीचे फर्स पर गिरे पड़े थे तथा लाकर खुला हुआ था, उसमे रखे हुये साेने चांदी के ज्वेलरी गायब थे, मै तुरंत अपने पड़ाेसी प्रभु साहू जिनका हमारे दुकान के बगल में एक दुकान के बाद हिमांशु मोबाईल के नाम से दुकान है, उनको बताया, और अपनी मां एसरी साेनी को फाेन से घटना की सूचना दिया तथा थाना अमलेश्वर में आकर इसकी सूचना दिया, इसके बाद डायल 112 की गाड़ी से अपने पिताजी को ओम अस्पताल रायपुरा लेकर गया, जहां ओम अस्पताल से मेकाहारा रिफ्रर करने पर अपने परिजनो काे फाेन करके घटना के बारे मे बताया तथा उनके साथ अपने पिताजी काे मेकाहारा अस्पताल रायपुर लेकर गया, जहां मेकाहारा अस्पताल रायपुर में चेक करने के पश्चात डाक्टराे द्वारा मेरे पिताजी की मृत्यु हाे जाना बताये। मेरे पिता सुरेन्द्र साेनी को दाेनाे अज्ञात व्यक्तियाें ने लूट करने के इरादे से अपने पास रखे कट्टा से गोली चलाकर प्राण घातक हमला किया, जिससे उनकी माैत हो गई। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना प्रभारी अमलेष्वर द्वारा घटना स्थल पहुंचकर घटना की जानकारी प्राप्त करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों काे अवगत कराते हुए थाना अमलेष्वर में अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध धारा 302, 394, 397, 449 भादवि एवं 25, 27 आम्र्स एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
उक्त सनसनीखेज घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुये पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग बद्रीनारायण मीणा के मार्गदर्षन में पुलिस अधीक्षक डाॅ.अभिषेक पल्लव के द्वारा स्वयं घटना स्थल उपस्थित हाेकर घटना स्थल का अवलोकन किया गया, हत्या एवं लूट की घटना में संलिप्त अज्ञात आरोपियों की शीघ्र्र गिरफ्तारी एवं पतासाजी करने हेतु आवष्यक निर्देष दिये गये, जिसके परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) संजय ध्रुव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनन्त साहू, नगर पुलिस अधीक्षक, (भिलाई नगर) निखिल रखेचा, नगर पुलिस अधीक्षक, (दुर्ग) वैभव बैंकर, नगर पुलिस अधीक्षक, (छावनी) प्रभात कुमार, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी (पाटन) देवांष राठौर एवं उप पुलिस अधीक्षक (अपराध) नसर सिद्विकी के मार्गदर्शन में एवं ए.सी.सी.यू प्रभारी निरीक्षक संतोष मिश्रा, थाना प्रभारी अमलेष्वर निरीक्षक राजेन्द्र यादव के नेतृत्व में एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट एवं दुर्ग पुलिस के विभिन्न थानाें में पदस्थ चुनिंदा अधिकारी एवं कर्मचारियों की विषेष टीम गठित कर कार्यवाही हेतु लगाया गया। टीम द्वारा घटना स्थल का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया गया। घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीव्ही कैमरों के साथ-साथ आराेपियों द्वारा फरार होने वाले संभावित मार्गो का सीसीटीव्ही फूटेज प्राप्त का उनका सूक्ष्मता से अवलाेकन प्रारंभ किया गया। घटना स्थल समृध्दि ज्वेलर्स में लगे सीसीटीव्ही का अवलोकन से ज्ञात हुआ कि 02 व्यक्ति दुकान से कुछ समान की खरीदारी करने के बहाने से अंदर आये जिसमें से एक व्यक्ति का आधा हाथ नहीं है। दुकान के मालिक सुरेन्द्र साेनी के उपर फायरिंग करते हुए दुकान में रखे समान को लुट कर फरार हाे गये। आराेपियाें द्वारा घटना के उपरांत फरार हाेने वाले संभावित मार्गाे में लगे सीसीटीव्ही फूटेज का अवलोकन करते हुए ज्ञात हुआ कि आराेपियों द्वारा घटना के लिए जिस मोटर सायकल क्रमांक JH12N2701 का उपयोग किया गया है। जो ग्राम कुन्दाली रायपुर के पास छोडकर फरार हाे गये। सीसीटीव्ही फूटेज में माेटर सायकल के आगे एक होंडा सिटी कार क्रमांक DL4CA2592 जाते हुए दिखायी दे रही थी, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि आरोपियों द्वारा मोटर सायकल छाेड़कर भ्व्छक्। होंडा सिटी से भागे है। इसी दाैरान काेडरमा झारखण्ड से यह जानकारी प्राप्त हुई की मोटर सायकल का मालिक राजेश कुमार सिंह है जाे सिक्योरिटी एजेंसी में ट्रेडिंग का काम करता है, उसके अपने मालिक अभिषेक राठौर के कहने पर अपनी मोटर सायकल काे सौरभ कुमार सिंह काे चलाने हेतु दिया गया था, सौरभ कुमार सिंह द्वारा मोटर सायकल नहीं लौटाने पर थाना बोधगया में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। साथ ही यह भी जानकारी प्राप्त हुयी की सौरभ कुमार सिंह का एक हाथ नहीं है। आराेपियों द्वारा घटना के उपरांत प्रयुक्त कार को रायपुर में देखे जाने से तत्काल टीम रवाना हुयी इस दौरान 03ः02 मिनट पर उक्त कार तरपोंगी रायपुर के टाेल प्लाजा में बिलासपुर की ओर जाते हुये दिखी सूचना पर बिलासपुर पुलिस को हिर्री टोल प्लाजा भेजा गया जानकारी प्राप्त हुयी 03ः50 मिनट पर उक्त कार हिर्री टाेल प्लाजा क्रास कर चुकी थी। टीम द्वारा आरोपियों के निवास की ओर जाने वाले संभवित टोल प्लाजा काे चेक करते हुए आगे बढ़ रही थी अगले दिन होंडा सिटी कार काे वाराणसी के आई.टी.एम.एस कैमेरे में सर्च करने पर शहर के अंदर प्रवेश होना पाया गया एवं शहर से बाहर नहीं निकला ज्ञात हुआ। जिससे यह विष्वास हाे गया की आरोपीगण वाराणसी में रूके हुए है। टीम द्वारा अपनी रफ्तार तेज कर सीधे वाराणसी प्रवेश किया जाकर गाड़ी की पता-तलाश किया जाने लगा इसी दाैरान पुलिस अधीक्षक दुर्ग अभिषेक पल्लव ने वाराणसी कमिशनरेट में संपर्क स्थापित कर उक्त घटना की जानकारी दी गयी चूंकि गाड़ी को वाराणसी जंक्षन के पास होने की संभावना से वहाँ के आर.पी.एफ. काे भी इसकी सूचना दी गयी। इसी दाैरान दुर्ग टीम काे गाड़ी नजर आ गयी। जो गाड़ी चालू कर वहां से भाग रहे थे। टीम द्वारा आराेपियों का लगातार पीछा किया गया एवं वहां के आरपीएफ द्वारा थोड़ी देर के लिये यातायात बाधित कर दिया गया जिससे आरोपियों की वाहन आगे नहीं बड़ पायी और दुर्ग टीम जिसका नेतृत्व निरीक्षक एसीसीयू संतोष मिश्रा कर रहे थे की टीम ने फूर्ति से घेराबंदी करते हुए आराेपियों काे धर दबोचा। टीम द्वारा आराेपियों को अपने कब्जे में लेकर समीप के थाना सिगरा वाराणसी ले जाकर पूछताछ करने से आराेपियों के कब्जे से घटना में लूटे हुए सोना चांदी के आभूषण एवं घटना में प्रयुक्त पिस्टल एवं देषी कटृटा बरामद हुआ। घटना का मास्टर माइंड अनुपम झा उर्फ अभिषेक झा है जिसने साैरभ कुमार सिंह, अभय कुमार भारती एवं आलोक कुमार यादव के साथ लूट के उद्देष्य से अम्लेष्वर जिला दुर्ग छत्तीसगढ़ में रेकी किया गया एवं सौरभ कुमार सिंह एवं अभय कुमार भारती अम्लेष्वर तिरंका चैक स्थित समृध्दि ज्वेलर्स के मालिक सुरेन्द्र सोनी की हत्या कर दुकान से लूट की घटना को अंजाम दिया गया। उक्त आरोपियों में थाना रायपुर सिविल लाईन, थाना टिकरापारा, थाना डीडी नगर में लूट और हत्या का अपराध घटित करने वाले आराेपी अनुपम झा उर्फ अभिषेक झा जाे पेशी के दौरान न्यायालय से फरार हो गया था। उक्त कार्य वाही में एन्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट के निरीक्षक संताेष मिश्रा, सउनि शमित मिश्रा, पूर्ण बहादुर, आरक्षक शहबाज खान, विक्रांत यदु, काेमल राजपूत, एवं आरपीएफ वाराणसी के निरीक्षक अंजुलता द्विवेदी एवं आरक्षक रमेश यादव का आरोपियों की घेराबंदी कर पकड़ने में उल्लेखनीय योगदान रहा। तकनीकी साक्ष्य एकत्र एवं सीडीआर एनालिसिस करने में प्र.आरक्षक एसीसीयू चन्द्रषेखर बंजीर का योगदान रहा। साथ ही इस पुरी प्रकरण को सुलझाने में एसीसीयू एवं दुर्ग जिले के चुनिंदा पुलिस अधिकारियाें एवं कर्मचारियाें का उल्लेखनीय योगदान रहा। जिनके द्वारा सभी टोल प्लाजा, सीसीटीव्ही विभिन्न जिलों एवं राज्यों से स्थापित करना जैसा कार्य किया। जिसके परिणाम स्वरूप दुर्ग पुलिस काे सफलता मिली।