नील नितिन मुकेश ने यूं तो बतौर एक्टर अपनी पहचान पुख्ता की है, लेकिन अब अपनी आगामी फिल्म से वे बतौर निर्माता अपनी मैनेजेरियल और आर्टिस्टिक एबिलिटीज का जायजा ले रहे हैं। इस मुलाकात में नील ने सिनेमा में अपनी पारिवारिक एंट्री और भविष्य की संभावनाओं के बारे में बताया।
काफी कठिन रहा और उससे ज्यादा यह जरूरी भी था। कठिन इसलिए क्योंकि आप एक ऐसी फील्ड से बिलॉन्ग करते हैं, जहां हर फ्राइडे आपको खुद को प्रूव करना पड़ता है। आप कुछ नया करना चाहते हैं तो लोग सवाल करने लगते हैं कि ये क्यों कर रहा है? ये इसका काम तो नहीं है। आज की जनरेशन और इस समय में अगर आपमें कला है, कॉन्फिडेंस है, टैलेंट है तो जरूर वह काम करें। मैं तो आज कई प्रोड्यूसर्स को देख रहा हूं, जो एक्टिंग कर रहे हैं। अगर प्रोड्यूसर, एक्टर बन सकते हैं तो एक्टर, प्रोड्यूसर क्यों नहीं बन सकता है? यह मेरा एक सिंपल-सा लॉजिक है, पर मेरा मानना है कि आर्ट की फील्ड में कोई बैरियर नहीं होना चाहिए।
बिल्कुल सही, कोई आदमी एक कदम आगे बढ़ा रहा है तो आप पहले ही कैसे डिसाइड कर सकते हैं कि यह नहीं कर सकता। मैं भी इस बात को नहीं मानता। मेरे कॅरिअर की शुरुआत के पहले से कहा जाता था कि एक गायक का बेटा गायक ही बनता है, वह निर्देशक नहीं बन सकता।
सबसे जरूरी है कि आपके विजन मैच करने चाहिए। अगर डायरेक्टर को एक बीएमडब्ल्यू धमाके में उड़ाने के लिए चाहिए तो वह क्यों उसी गाड़ी के साथ सीक्वेंस करना चाहता है। इसके पीछे भी एक कहानी होगी। वह समझना जरूरी है। बाकी काम तो बजट में ही होने हैं। मुझे प्रोडक्शन में स्तरीय मनोरंजक फिल्में बनानी हैं। उन टैलेंटेड लोगों को अवसर देने हैं, जिन्हें अवसर नहीं मिल पा रहे हैं। मुझे भी किसी ने चांस दिया था तो मैं एक्टर बना।
मेरा मानना है कि आर्ट की फील्ड में कोई बैरियर नहीं होना चाहिए: नील नितिन मुकेश
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