भिलाई। आँल इंडिया सेन्ट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू )के आहृान पर ‘देशव्यापी भारत बचाओ, मजदूर बचाओ’ अभियान: 1 से 9 अगस्त की शुरुआत आज ऐक्टू कार्यालय, सेक्टर- 6 में की गई। इस अवसर पर एक पर्चा जारी किया गया।जिसमें कहा गया है कि मोदी का “आत्मनिर्भर भारत” एक छलावा है, वस्तुतः भारत को बेचने का नुस्खा है। मोदी के इस “देश बेचो अभियान” के खिलाफ मजदूरों को एकजुट होकर संघर्ष के लिए लामबंद होना होगा।
भारत बचाओ, मजदूर बचाओ अभियान की मांगें
▪️सभी असंगठित मजूदरों को, खेत एवं ग्रामीण और प्रवासी समेत, पूरा लॉकडाउन वेतन और कम से कम अगले छः महीने तक 10,000 रु. प्रतिमाह निर्वाह-भत्ता और मुफ्त राशन सुनिश्चित करो।
▪️ छँटनी, वेतन कटौती, डीए पर रोक और सामाजिक सुरक्षा में कटौती बंद करो।
▪️ देश की संपत्ति बेचना बंद करो; निजीकरण, निगमीकरण और विनिवेशीकरण बंद करो. कृषि संबंधी किसान-विरोधी, काॅरपोरेट व बाजार-परस्त तीनों अध्यादेश वापस लो।
▪️भाजपा शासित राज्यों में श्रम कानूनों के निलंबन को वापस लो. 44 श्रम कानूनों को खत्म कर मजदूरों की गुलामी के चार कोड बनाना बंद करो।
▪️12 घंटे का कार्य दिवस नहीं चलेगा, यह अमानवीय आदेश रद्द करो।
▪️ कोरोना की आड़ में श्रमिकों के अधिकार छीनना बंद करो; सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों का जेलों में डालना बंद करो।
▪️बेरोजगारी पर रोक लगाओ. नरेगा को मजबूत बनाओ– इसके तहत प्रत्येक मजदूर को सालाना न्यूनतम 200 दिनों का काम और न्यूनतम रू. 500 दैनिक मजदूरी सुनिश्चित करो. इस कानून को शहरी गरीबों के लिए भी लागू करो।
▪️महंगाई और जमाखोरी पर रोक लगाओ. आवश्यक वस्तु अधिनियम को खत्म करना बंद करो. खाद्य सुरक्षा मजबूत करो।