भिलाई 10 सितंबर (सीजी संदेश)। बारह साल तक हाईकोर्ट में केस लडऩे के बाद अजय इण्डस्ट्रीज के संचालक को जीत मिली है। भारी औद्योगिक क्षेत्र हथखोज भिलाई में प्लांट नं. 19 सी हेतु मेसर्स अजय इण्डस्ट्रीज द्वारा पहले आओ पहले पाओ औद्योगिक नीति के तहत आवेदन वर्ष 2010 में किया गया था। लेकिन उसके तीन साल बाद यहां जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र को आवेदन करने वाले को इस विभाग द्वारा पुराने दर पर 6 एकड़ जमीन आबंटित किया गया था। जबकि पहले आवेदन करने वाले अजय इण्डस्ट्रीज के संचालक से नये दर पर रजिस्ट्री कराने बार बार दबाव डाला जा रहा था और पुराने दर पर जमीन आबंटित नही किया जा रहा था। जिसके कारण अजय इण्डस्ट्रीज के संचालक द्वारा इस मामले की याचिका हाईकोर्ट में दायर किया गया था। उच्च न्यायालय के न्यायाधीय राजेन्द्र चंद्र सिंह सामंत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है कि अजय इण्डस्ट्रीज को भी पुराने दर पर औद्योगिक क्षेत्र हथखोज में भूमि आबंटित किया जाये। ज्ञातव्य हो कि भारी औद्योगिक क्षेत्र हथखोज भिलाई में प्लांट नं. 19 सी हेतु मेसर्स अजय इण्डस्ट्रीज द्वारा पहले आओ पहले पाओ औद्योगिक नीति के तहत आवेदन वर्ष 2010 में किया गया था। मामला 2015 से हाईकोर्ट में लंबित मामले का जिसका निराकरण उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेन्द्र चंद्र सिंह सामंत ने करते हुए अपने फैसले में उक्त औद्योगिक भूखण्ड को पुराने दर पर ही आबंटन किए जाने का आदेश जारी किया है। न्यायालय ने भारी औद्योगिक क्षेत्र में सतना मिनरल्स एण्ड मेटल प्रा.लि. को 6 एकड़ भूखण्ड का आबंटन पुराने दर पर संचालनालय उद्योग द्वारा किया गया था। जिसके परिपेक्ष्य में अजय इण्डस्ट्रीज को भी पुराने दर पर ही भूखण्ड आबंटन का आदेश उच्च न्यायालय ने दिया है। वर्ष 2022 में मेसर्स कृष्णा इण्डस्ट्रीज के नाम से दो पार्टनर ने उक्त भूखण्ड को अपने अधिपत्य में दर्शाते हुए विभाग से रजिस्ट्री कराने का प्रयास किया था लेकिन मामला हाईकोर्ट में लंबित होने के कारण सफल नहीं हो सके। अब हाइकोर्ट से 12 वर्ष की लंबी लड़ाई के बाद अजय इण्डस्ट्रीज के संचालक को बड़ी राहत मिली है। दूसरी ओर उच्च न्यायालय के आदेश के परिपेक्ष्य में उद्योग विभाग द्वारा प्लाट 19 सी का विधिवत पंजीयन अजय इण्डस्ट्रीज के नाम से कर दिया गया है।