भिलाई। नीट 2019 की प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हुए है, सभी विद्यार्थी फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु पात्र है, इसमें न्यूनतम अर्हता की बाध्यता नहीं हैं। जिन विद्यार्थियों ने नीट में 76 अंक से कम प्राप्त किये है उनका काउंसलिंग हेतु रजिस्ट्रेशन नही हो पा रहा था। अब वे विद्यार्थी फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते है। चिकित्सा शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर द्वारा जल्द ही प्रवेश हेतु काऊंसलिंग की तिथि जारी की जायेगी। अपोलो कॉलेज छ.ग. की सर्वप्रथम संस्था है, जिसके स्वयं की 7 एकड़ भूमि में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित महाविद्यालय भवन है। अपोलो कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी छत्तीसगढ़ आयुष स्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय रायपुर से संबद्ध व चिकित्सा शिक्षा विभाग छ.ग. शासन से मान्यता प्राप्त है जिसकी विशेषताएं स्वयं का 100 शैय्यायुक्त अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित नर्सिंग होम, 430 बिस्तर युक्त जिला चिकित्सालय दुर्ग में शासकीय जिला चिकित्सालय में फिजियोथैरेपी केन्द्र व सदर बाजार दुर्ग में स्थित बुद्धिसागर औषधालय में अपोलो फिजियोथैरेपी केन्द्र में का संचालन किया जा रहा है। जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय सेक्टर-9, भिलाई में क्लीनिकल प्रशिक्षण, छात्र-छात्राओं के पृथक-पृथक छात्रावास, शासन द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, विषय विशेषज्ञ एवं अनुभवी डाक्टरों द्वारा अध्यापन, समय-समय पर सेमीनार का आयोजन, अपोलो हॉस्पिटल हैदराबाद एवं पं. दीनदयाल उपाध्याय इंस्टिट्यूट फॉर फिजिकली हैंडिकेप्ट इंस्टीट्यूट नई दिल्ली, निरतार, कटक, उड़ीसा में शैक्षणिक भ्रमण हेतु ले जाया जाता है। यहां के विद्यार्थी जवाहर लाल नेहरू अस्पताल एवं शोध केन्द्र भिलाई, जिला चिकित्सालय दुर्ग, वृद्धाश्रम, पुलगांव, स्नेह संपदा विद्यालय, एमपी. नर्सिंग होम में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यहां के छात्रों को एजुकेशनल प्रोग्राम के तहत पं. दीनदयाल इंस्टीट्यूट फार फिजियोथैरेपी दिल्ली, बाम्बे हॉस्पीटल इंदौर व कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (किम्स) हैदराबाद ले जाया जाता है। इन दिनों चिकित्सा के क्षेत्र में फिजियोथैरेपी एक वरदान के रूप में उभरी है। दिनों दिन बढ़ रही तंत्रकीय एवं अन्य शरीरिक समस्याओं के कारण फिजियोथैरेपिस्ट की मांग भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में बढ़ी है। फिजियोथैरेपी एक प्रकार की भौतिक चिकित्सा प्रणाली है। उक्त पद्धति शारीरिक गतिविधियों का स्मरण, आकलन तथा पुन: स्थापित करती है। फिजियोथैरेपी जन्म से और बाद में बनी शारीरिक विकलांगता, गठियारोग, लकवा, हृदय-श्वसन रोग, आर्गनामिक्स, जराचिकित्सा, खेल संबंधी क्षति एवं सरल प्रसव में सहायता प्रदान करती है। फिजियोथैरेपी एक अत्याधुनिक शीघ्र प्रगतिशील चिकित्सा पद्धति है जिसमें विशेष व्यायाम, उष्मा चिकित्सा मेनिपुलेशन आदि प्रक्रियाओं से मरीजों का उपचार किया जाता है।
फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रम में प्रवेश तिथि जल्द होगी जारी
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