भिलाई। केंद्र सरकार की कार्पोरेटपरस्त और कर्मचारी व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ ऐक्टू सहित देश की 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों के एकजुट आव्हान पर 3 जुलाई को राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन में भिलाई से ऐक्टू, सीटू, इंटक, एटक और एचएमएस ने भाग लिया। सभी श्रम-संगठनों ने सेंट्रल एवेन्यू व संयंत्र मार्गों में विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ऐक्टू ने सेंट्रल एवेन्यू के 7 मिलियन चौक, सेक्टर-6 में मोर्चा सम्हाल रखा था। विरोध-प्रदर्शन के इस मौके पर ऐक्टू-कार्यकर्ताओं ने प्रमुख मांगों के साथ काला बिल्ला लगाकर तथा बैनर, झंडे व पोस्टर लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार की तमाम जनविरोधी, श्रमिकविरोधी और कार्पोरेटपरस्त नीतियों का भंडाफोड़ करते हुए सरकार के खिलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की। विरोध-प्रदर्शन के माध्यम से ऐक्टू ने जिन मांगों को उठाया उनमें
▪️41 कोयला खदानों की नीलामी वापस लो।
▪️रेल्वे, कोल, भेल, सेल, बीएसएनएल, डिफेंस, बैंक, बीमा सहित सार्वजनिक क्षेत्रों का विनिवेशीकरण व निजीकरण बंद करो।
▪️देश के प्राकृतिक संसाधनों को कार्पोरेट घरानों को सौंपना बंद करो।
▪️श्रमकानूनों को स्थगित करने का फैसला रद्द करो।
▪️12 घंटे कार्यदिवस का आदेश वापस लो।
▪️प्रवासी मजदूरों के वेतन व रोज़गार की गारंटी करो।
▪️मनरेगा में 200 दिन काम और 500/- रूपये न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करो।
▪️डीज़ल-पेट्रोल की मूल्यवृद्धि वापस लो।
▪️प्रतिमाह 10 हजार रूपये लॉकडाउन भत्ता दो।
▪️कोरोना की आड़ में जन-विरोधी व राष्ट्र-विरोधी फैसले थोपना बंद करो।
▪️केंद्रीय वेतन-सूची प्रणाली (Central pay roll system) एकतरफा लागू करना बंद करो एवं हर महीने वेतन पर्ची दिया जाये।
▪️एनजेसीएस के लंबित मुद्दों का जल्द निराकरण किया जाये एवं अफोर्डेबिलिटी क्लाज़ हटाकर सेल कर्मियों का लंबित वेतन समझौता जल्द संपन्न कराएँ।
▪️सेल कर्मियों के लिए वैतनिक क्वारंटाइन अवकाश सुनिश्चित किया जाये।
इस विरोध-प्रदर्शन में इमामुद्दीन, ए जी कुरैशी, अशोक मिरी, भुवन लाल साहू, रूपेश कोसरे, श्याम लाल साहू, जीवन लाल कुर्रे, बृजेंद्र तिवारी, विनोद प्रसाद, रविंद्र कुमार यादव, अंकुश कुमार, अविंदर बाघ, भुवनेश्वर, आर पी चौधरी, देवानंद चौहान सहित बड़ी संख्या में संयंत्र कर्मियों ने भाग लिया।