कई बार हम अपनी कुछ जरूरतों को पूरा करने या इमरजेंसी के लिए क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने का बारें में सोचते हैं. लेकिन, क्या आपको पता है की वो कौन-सी बातें हैं जिनका ध्यान क्रेडिट कार्ड लेते वक्त हमें हमेशा रखना चाहिए. क्रेडिट कार्ड केवल एक पेमेंट टूल ही नहीं है, अगर सई मायनों में अगर देखा जाए तो अपने खर्च पैटर्न के अनुसार समझदारी से क्रेडिट कार्ड का चुनाव करना चाहिए। इसके बार नियंत्रित तरीके से इसका यूज करें. तभी इसका भरपूर फायदा ले पाएंगे. इसीलिए एक नया क्रेडिट कार्ड लेते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
कहीं बिगाड़ न लेना अपना क्रेडिट स्कोर
अब मार्केट में मौजूद सभी क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल नहीं किए जा सकते. इसीलिए केवल उन्ही कार्ड्स को शॉर्टलिस्ट करें जिसमें आपको ज्यादा फायदा रहे. यानि आपको कार्ड के मागदंडो को पूरा करना चाहिए. जैसे की मिनिमम इनकम संबंधी शर्त. जिस कार्ड को आप पाने के योग्य नहीं हैं, उसके लिए अप्लाई करने से आपका एप्लिकेशन रिजेक्ट हो जाएगा और आपके क्रेडिट कार्ड हिस्ट्री पर बेकार की हार्ड इंक्वायरी की वजह से आपके क्रेडिट स्कोर में गिरावट आ सकती है।
पहले एनुअल फीस के बारे में लें
बेनेफिट्स देने वाले कई प्रीमियम ट्रेडिट कार्ड्स पर एक एनुअल फीस भी लगती है. इसे अपने कार्ड, अकाउंट को एक्टिव करने के लिए देना ही पड़ता है. ऐसे में आप जीरो एनुअल फीस वाला कार्ड भी ले सकते हैं. लेकिन, उस पर लिमिटेड बेनेफिट्स मिलते हैं. एनुअल फीस वाला कार्ड लेने से पहले ये जरूर देख लें कि आपको उस फीस के बदले में कोई एक्सट्रा बेनेफिट मिल भी रहा है या नहीं. जैसे रिवॉर्ड पॉइंट्स, ज्वाइनिंग गिफ्ट्स या फिर इएमआई।
कहां और कैसे खर्च करना है ये सोचकर खरिदें
क्रेडिट कार्ड पर तरह-तरह के बेनेफिट्स और सुविधाएं मिलती है. लेकिन, आपको अपने सामान्य क्रेडिट कार्ड खर्च के पैटर्न के अनुसार सबसे अच्छा कार्ड लेना चाहिए. जैसे अगर आप अपने कार्ड का इस्तेमाल केवल ऑनलाइन पर खर्च करने के लिए करना चाहतें हैं तो आपको एक ऐसा कार्ड चुनना चाहिए जो ऑनलाइन खर्च पर एक्सट्रा कैशबैक या ज्यादा रिवॉर्ड पॉइंट्स देता हो. अगर अगर आप ज्यादा ट्रेवलिंग करते हैं एक ऐसा ट्रेवल क्रेडिट कार्ड लेना ठीक रहेगा जो आपको एयर माइल्स कंप्लीमेंट्री ट्रैवल इंश्योरेंस या फिर फ्री लाउंज एक्सिस दिला सकता हो।
तय समय पर बिल का भुगतान
क्रेडिट कार्ड यूज करें तो सबसे पहले इस बात का ख्याल रखें कि आपका जो बकाया रकम हो उसका भुगतान तय समय पर कर दिया जाए। अगर आप तय तारीख पर इसका भुगतान नहीं करते हैं तो आपको इसके लिए अधिक ब्याज दर चुकाना होगा। आपके लिए सबसे बड़ी समस्या तब खड़ी हो सकती है जब आप पुराने बिल का भुगतान किए बगैर नई खरीदारी करना शुरू कर दें।
30 फीसद से ज्यादा न करें खर्च
आप अपनी तय लिमिट में 30 फीसद से ज्यादा खर्च न करें। आप जिस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं वह एक तय लिमिट के साथ आता है। बैंक आपके क्रेडिट हिस्ट्री और रीपेमेंट हिस्ट्री देखकर आपकी रकम तय करते हैं। अगर आपका क्रेडिट लिमिट एक लाख का है तो आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप उसका 30 फीसद ही खर्च करें। जैसे कि एक लाख के लिए आप तीस हजार खर्च करें।
क्रेडिट कार्ड फी के बारे में जानकारी जुटा लें
जब भी क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करें तो इससे जुड़े और चार्ज के बारे में पता लगा लें। कई सारे क्रेडिट कार्ड जॉइनिंग फी, लेट फी के साथ मिलते हैं। इसलिए आप ऐसी कार्ड लें जिसपर आपको कोई चार्ज नहीं देना पड़ता हो।
कस्टमर केयर सर्विस
क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करने से पहले हमेशा बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी की ग्राहक सेवा के बारे में पूछताछ कर लें। भविष्य में, अगर आपको क्रेडिट कार्ड से संबंधित कोई समस्या होती है और कस्टमर सर्विस अच्छी नहीं है तो फिर आपको परेशानी हो सकती है। क्योंकि आज-कल क्रेडिट कार्ड को लेकर धोखाधड़ी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसलिए बेहतर कस्टमर सर्विस होना जरूरी है।
क्रेडिट कार्ड के कर्ज से छुटकारा चाहते हैं तो इन बातों का रखें ध्यान
यदि आप अपनी जरूरत, समझदारी और क्षमता के अनुसार क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, तो यह एक बेहतरीन मनी मैनेजमेंट टूल साबित हो सकता है. लेकिन, जब इसका जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने लगते हैं, तो यह आपको कर्ज के जाल में तेजी से फंसा लेता है. ऊंची ब्याज दरें, लेट पेमेंट फीस और इंट्रेस्ट फ्री अवधि विद्ड्रॉल इसकी बड़ी वजह है. क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दरों की बात की जाए, तो यह 47 फीसदी सालाना तक होती हैं. यदि आप भी क्रेडिट कार्ड के जाल में फंस गए हैं तो इससे बाहर निकलने का एक सबसे बेहतर तरीका यह है कि आप पर्सनल लोन लेकर एक ही बार में क्रेडिट कार्ड के कर्ज से निजात पा सकते हैं।
कैसे मदद करता है पर्सनल लोन?
बकाया क्रेडिट कार्ड बिल पर ब्याज दरें अमूमन सभी तरह के लोन से ज्यादा होती हैं. क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले ब्याज को फाइनेंस चार्ज के तौर पर वसूला सकता है, जोकि सालाना 47 फीसदी हो सकता है. यदि मिनिमम पेमेंट भी नहीं गया है तो बकाया राशि में 1000 रुपये तक लेट पेमेंट फीस लगता है।
इसके विपरित यदि आप पर्सनल लोन लेते हैं तो इस पर सालाना 10.99 से 24 फीसदी तक ही ब्याज देना पड़ता है. यह आपके क्रेडिट स्कोर, लोन अमाउंट और जॉब प्रोफाइल पर निर्भर करता है. ऐसे में पर्सनल लोन के जरिए क्रेडिट कार्ड का भुगतान कर कर्ज के जाल से निजात पाई जा सकती है।
आसान भुगतान
पर्सनल लोन लेकर क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाना खासकर तब और मददगार होता है, जब आप पर मल्टीपल कार्ड का बकाया हो. आप अपनी बकाया राशि को ईएमआई में कन्वर्ट करा सकते हैं लेकिन मल्टीपल कार्ड का मतलब है मल्टीपल रेट और ईएमआई देने की अलग—अलग समय अवधि. पर्सनल लोन के जरिए आप सभी बकाया को एक ही इंटरेस्ट रेट पर एक ही तारीख, ईएमआई और लोन (5 साल की अवधि तक) में चुका सकते हैं।
इंटरेस्ट फ्री अवधि का लाभ
इंटरेस्ट फ्री अवधि का मतलब यह है कि क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन की तारीख और बिल भुगतान की तारीख से है, जिसमें पेमेंट करना होता है. ट्रांजैक्शन के आधार पर यह अवधि 52 दिन होती है. यदि आप पूरी बकाया राशि एक ही तारीख पर चुका देते हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर कोई ब्याज चुकाने का जरूरत नहीं होती है. हालांकि, यदि आप तय तारीख पर क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाते हैं, तो आपको यह सुविधा नहीं मिलती है. ऐसे में सभी नए क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर बकाया राशि चुकाने तक फाइनेंस चार्ज देना पड़ता है. इसलिए अपने मौजूदा क्रेडिट कार्ड बिल का एकमुश्त भुगतान पर्सनल लोन के जरिए कर दें. जिससे कि आपको इंटरेस्ट फ्री अवधि का लाभ आगे भी क्रेडिट कार्ड पर मिलता रहे।
पर्सनल लोन लेते समय इन बातों का रखें ख्याल
क्रेडिट कार्ड के कर्ज से मुक्ति पाने के लिए यदि आप पर्सनल लोन के लिए लेंडर यानी बैंक में अप्लाई करना चाहते हैं तो इससे बचें. क्योंकि, जब भी आप नए कर्ज या क्रेडिट कार्ड के लिए बैंक में अप्लाई करेंगे तो वे आपकी क्रेडिट रिपोर्ट क्रेडिट ब्यूरो से हासिल करेंगे. इस तरह की क्रेडिट रिपोर्ट रिक्वेस्ट को सख्त जांच के रूप में माना जाता है और ब्यूरो प्रत्येक जांच पर आपका क्रेडिट स्कोर कुछ अंक घटा सकते हैं. इससे आगे आपका क्रेडिट स्कोर और लोन लेने की क्षमता कम हो जाएगी. इसकी बजाय आप आनलाइन मार्केट में कर्ज देने वाली कंपनियों के पर्सनल लोन की तुलना कर उपयुक्त लोन के लिए अप्लाई करें. आनलाइन मार्केटप्लेस की कंपनियां भी क्रेडिट ब्यूरो से जांच कराती हैं लेकिन इनके आवेदन को सख्त जांच के रूप में नहीं लिया जाता है. न ही इस पर क्रेडिट ब्यूरो आपका क्रेडिट स्कोर कम करते हैं।
रिपेमेंट क्षमता के आधार पर चुनें लोन टेन्योर
पर्सनल लोन का आपकी ईएमआई की रकम और इंटरेस्ट की लागत तय करने में अहम रोल होता है. लंबी अवधि के लोन पर ईएमआई की रकम कम होती है लेकिन ब्याज अधिक चुकाना पड़ता है. वहीं, कम अवधि के लोन पर ईएमआई अधिक और ब्याज पर खर्च कम होता है. ऐसे में रिपेमेंट क्षमता के आधार पर लोन का टेन्योर चुनें।
दूसरे लोन विकल्पों से तुलना करें
पर्सनल लोन लेने से पहले दूसरे वैकल्पिक लोन विकल्पों पर विचार कर लें. जैसेकि प्रॉपर्टी पर लोन, टॉप अप होम लोन, सिक्युरिटी पर लोन और गोल्ड लोन जैसे विकल्प भी आप अपना सकते हैं क्योंकि इन पर ब्याज दरें पर्सनल लोन से कम हो सकती है. अधिकांश क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली कंपनियां क्रेडिट कार्ड बैलेंस मौजूदा कार्ड होल्डर से दूसरे क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले को ट्रांसफर करने का भी विकल्प देती हैं। क्रेडिट कार्ड धारक अपने मौजूदा बकाये को ईएमआई में भी तब्दील करा सकता है, जिस पर ब्याज दर तुलनात्मक रूप से फाइनेंस चार्जेस से कम होती है।
मौजूदा निवेश से आपका रिटर्न
एफडी, डेट, म्यूचुअल फंड जैसे निवेश से आपको पर्सनल लोन की ब्याज की तुलना में कम रिटर्न मिलता है. हालांकि इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल फंड से रिटर्न जब बाजार तेज हो तो पर्सनल लोन पर लगने वाले ब्याज से अधिक हो सकता है. इसलिए, अपने बॉन्ड या फफिक्स इनकम इन्वेस्टमेंट का इस्तेमाल भी क्रेडिट कार्ड का बकाया चुकाने के लिए कर सकते हैं. बशर्ते आपका इन निवेश को लेकर कोई शार्ट टर्म लक्ष्य न हो. किसी भी वित्तीय आपदा में अपने इमरजेंसी फंड का जहां तक संभव हो इस्तेमाल करने से बचें।