
भिलाई। स्कूल, नेहरू नगर, भिलाई में आयोजित ‘प्रज्ञोत्सव के दूसरे दिन भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी, ओडिसी शास्त्रीय संगीत का सकल एवं समूह नृत्य का आयोजन उमंग एवं उत्साह के साथ किया गया। उत्सव का शुभारंभ शाला की प्रचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी के द्वारा वहाँ उपस्थित सभी गणमान्यों अतिथियों व निर्णायकगण का स्वागत कर अभिनंदन किया गया। उन्होंने शाला में आए सभी प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी संस्कृति की धरोहर नृत्य व संगीत है जो लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ती है साथ ही साथ यह हमें शारीरिक एवं मानसिक शांति भी प्रदान करती है।
शाला के डायरेक्टर एम.एम. त्रिपाठी ने कहा कि इस प्रज्ञोत्सव के माध्यम से बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव है। इस कार्यक्रम के माध्यम से कलाकार को अपनी कलाओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन करने का मौका मिल रहा है और वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए पूरी तन्मयता से इसमें भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों का उत्साह वर्धन करते हुए उनके उच्चकोटि के अनूठे प्रदर्शन की सराहना की, उन्होंने कहा कि बच्चों के भीतर छिपी इस विलक्षण प्रतिभा एवं नियमित कार्यो से हटकर कुछ नया करने का अवसर प्रदान करने हेतु मंच प्रदान करना ही इस प्रज्ञोत्सव का उद्देश्य रहा है। इसमें एकता एवं समानता की भावना परिलक्षित होती है।
इस अवसर पर कृष्णा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमेन एम.एम. त्रिपाठी, श्रीमती कृष्णा त्रिपाठी, डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी, प्राचार्या श्रीमती सविता त्रिपाठी, उपप्राचार्या श्रीमती रीता थॉमस हेड मिस्ट्रेस श्रीमती मोनिका सेन गुप्ता, श्रीमती भासवती रामपाल आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के निर्णायक गण श्रीमती श्वेता नायक, खुशी जैन, सुधीर सिंग, सलब प्रतिभागियों की प्रतिभा को देखकर बहुत खुश हुए।
और उन्होंने कहा कि आज नृत्य व संगीत केवल मनोरंजन व हर्षोल्लास का माध्यम ही नहीं बल्कि इस कला से जुड़कर कलाकार अपने जीवन का लक्ष्य बनाकर उस ओर अग्रसर हो सकता तथा देश-विदेश में अपने तथा अपने देश का नाम रौशन कर सकता है। आज की प्रस्तुति ने सभा में उपस्थित दर्शको को झूमने पर मजबूर कर दिया साथ ही तालियों की गडग़ड़ाहट से हॉल गूँज उठा।
विभिन्न राज्यों से आए लगभग 150 प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
मंच संचालन में श्रीमती स्वाति जैन, श्रीमती सुनिता त्रिपाठी, अपने मुखोद्गार से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाती रहीं। कार्यक्रम को सफल बनाने में शाला के म्यूजिक व आर्ट डिपार्टमेंट की श्रीमती ज्योति शर्मा, प्रकाश उमरे, सपन भट्टाचार्य, अरमान डेनियल, भूपेंद्र साहू, कामता प्रसाद, श्रीमती धनेश्वारी एवं राजेश्वरी का योगदान प्रशंसनीय रहा।