नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी के प्रति जागरूक करने में शिक्षकों की भी रहे सक्रिय भागीदारी

दुर्ग। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शिक्षक दिवस के अवसर पर आज पाटन विकासखण्ड में ग्राम पंचायत घुघुवा (क) में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला प्रांगण में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में जिले में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 35 शिक्षकों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षक हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं। शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ हैं। शिक्षक हमारी प्रेरणा का स्त्रोत होते हैं जो हमारी जीवन में आने वाली अनेक बाधाओं का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए तैयार करते हैं। उन्होंने डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के संबंध में कहा कि अपने त्याग और समर्पण के साथ कार्य करते हुए वे राष्ट्रपति बने किन्तु उनकी हार्दिक इच्छा रही कि उन्हें शिक्षक के रूप में ही याद किया जाए। इसलिए उनके जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक का स्थान बेहद ऊंचा है। अभिभावक बच्चे को जन्म देता है लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्जवल भविष्य का निर्माण करता है। राष्ट्रनिर्माण में शिक्षक की बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सार्वजनिक हित के कार्यों में संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए योजना के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ करने में इस योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने शिक्षकों को भी नरवा-गरूवा-घुरवा-बाड़ी योजना के संबंध में लोगों को जागरूक करने और योजना की क्रियान्वयन में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि राज्य की प्रमुख समस्या कुपोषण को दूर करने के लिए शासन द्वारा 2 अक्टूबर से विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस अवसर पर दुर्ग संभागायुक्त श्री दिलीप वासनीकर, कलेक्टर श्री अंकित आनंद, रविशंकर विश्वविद्यालय के भूतपूर्व कुलपति श्री एसके पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी व बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।