
भिलाई। इस्पात नगरी भिलाई के सिविक सेंटर स्थित कला मंदिर में भिलाई इस्पात संयंत्र के सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता ने संयंत्र बिरादरी से सीधे संवाद किया। उन्होंने भिलायंस को वर्तमान वित्तवर्ष में आने वाली चुनौतियों से उबरने के लिए आव्हान करते हुए कहा कि हमें प्राथमिकता के साथ भारतीय रेलवे की माँग के अनुरूप रेल्स की आपूर्ति सुनिश्चित करने की चुनौती है। हमारे समक्ष मॉडेक्स इकाइयों को सुचारू रूप से प्रचालित करने की एक अन्य चुनौती भी है। चूँकि भिलाई इस्पात संयंत्र एक एकीकृत संयंत्र है अत: रेलवे की माँग के अनुरूप आपूर्ति सुनिश्चित करने में इन इकाइयों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
आरंभ में उप महाप्रबंधक (बीई) योगेश शास्त्री ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में कहा कि 1 जून से भिलाई इस्पात संयंत्र के सीईओ का पदभार ग्रहण करने के बाद यह मेरा संयंत्र बिरादरी को पहला सम्बोधन है। भिलाई इस्पात संयंत्र सेल परिवार का बहुत बड़ा प्लांट है। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के कार्मिकों में ट्रिमेंडस पोटेंशियल है। जिसके कारण भिलाई हर क्षेत्र में उत्कृष्ट रहा है।
ंउन्होंने सम्बोधित करते हुए आगे कहा कि ऑटो सेक्टर, निर्माण सेक्टर, इन्फ्रास्ट्रक्चर आदि में मंदी के कारण सेल को भी मंदी का सामना करना पड़ रहा है। मानसून के कारण भी इस्पात उद्योग प्रभावित होता है। और मानसून के बाद स्टील सेक्टर में उछाल की पूरी संभावना है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हमें एबीपी के लक्ष्यों को पूर्ण करना है। वर्तमान वित्तवर्ष के शेष बचे हुए महीनों में प्राइम रेल्स के उत्पादन को लक्ष्य के अनुसार पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तवर्ष के प्रथम तिमाही में संयंत्र ने लगभग उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त कर लिया। हमारे लिये नकद अर्जित करना एक बहुत बड़ी चुनौती है, जिसे प्राप्त करने हेतु हमें भरसक प्रयास करना होगा।
हमारे इस्पात निर्माण प्रक्रिया में खदानों की भी अहम् भूमिका है। हम दल्ली-राजहरा खदानों में घटते भंडार के मद्देनजर लौह अयस्क की आपूर्ति हेतु और अब ज्यादा दिनो तक निर्भर नहीं रह सकते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए दल्ली राजहरा-रावघाट रेलवे लाइन का विस्तार किया जा रहा है, जो प्रगति पर है।
इस अवसर पर उन्होंने आगे कहा कि हमें एक साथ मिलकर प्रत्येक को अपनी भूमिका अदा करनी होगी। किस तरह से हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकेंगे, इस जानकारी को हमें आपस में बाँटना होगा, इसे सभी को सुनिश्चित करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विषयों सुरक्षा, वित्तीय परिणाम आदि पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। तत्पश्चात् विषय से संबंधित विचार-विमर्श हुआ। इस संवाद सत्र में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (संकार्य) श्री पी के दाश, कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) श्री बी पी नायक, कार्यपालक निदेशक (सामग्री प्रबंधन) श्री एस के खैरूल बसर, कार्यपालक निदेशक (खदान एवं रावघाट) श्री मानस बिस्वास, निदेशक प्रभारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ) डॉ एस के इस्सर, कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री के के सिंह एवं महाप्रबंधक प्रभारी (परियोजनाएँ) श्री ए के भट्टा तथा महाप्रबंधकगण और विभागाध्यक्ष सहित वरिष्ठ अघिकारीगण उपस्थित थे।