
भिलाई। श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी, भिलाई में ग्रंथालय विज्ञान के जनक डॉ. एस.आर. रंगनाथन के 127वीं जयंती के अवसर पर ग्रंथालय विभाग के द्वारा रंगनाथन जयंती समारोह का आयोजन महाविद्यालय के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या एवं निदेशक डॉ. (श्रीमती) रक्षा सिंह, महाविद्यालय के अति. निदेशक डॉ. जे. दुर्गा. प्रसाद रॉव मंच पर आसीन थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने माँ सरस्वती एवं डॉं. रंगनाथन के तैलचित्र के समक्ष द्वीप प्रज्जवलन एवं पूजन अर्चन कर समारोह का शुभारंभ किया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह, अति. निदेशक डॉ. जे.दुर्गा प्रसाद रॉव एवं अन्य अतिथियों का स्वागत ग्रंथालय विभाग के स्टॉफ गौरव चौाहान, आर. विष्णु, डेविड राजू एवं मंटु चक्रवर्ती के द्वारा पौधों से किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. (श्रीमती) रक्षा सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में जिस पेपर लेस लाइब्रेरी की कल्पना की जा रही है, छात्रों के लिए यह सुविधा फायदेजनक रहेगी। महाविद्यालय के अति. निदेशक डॉ. जे.दुर्गा प्रसाद रॉव ने आज का युग सूचना विस्फोट का युग है जिसमें दिन प्रतिदिन नये नये पठनीय सामग्री आ रही है। डिजिटल लाइब्रेरी वर्तमान समय की मांग है। महाविद्यालय के लाइब्रेरियन डॉ. ओ.पी. पटेल ने छात्रों को ग्रंथालय विज्ञान के जनक डॉं. रंगनाथन के संक्षिप्त जीवन परिचय से अवगत करवाते हुए जानकारी दी कि भारत के ग्रंथालय की आज के परिपेक्ष्य में जो दशा एवं दिशा है इसमें रंगनाथन का विशेष योगदान रहा है। वर्तमान युग को ई-संसाधनो का युग कहा जाता है और पेपरलेस ग्रंथालय की कल्पना की जा रही है। इसी तारतम्य में महाविद्यालय ग्रंथालय द्वारा सुविधाओ ंका विस्तार करते हुए हाइब्रिड लाइब्रेरी स्थापित की गयी है। जिसमें छात्रों को पुस्तकें एवं अन्य रिडिग मटेरियल भौतिक स्वरूप के साथ-साथ इलेक्ट्रानिक स्वरूप में भी उपलब्ध है।