भिलाई 24 फरवरी : वामपंथी पार्टियों भाकपा (माले) लिबरेशन, माकपा, भाकपा व ट्रेड यूनियनों एटक, सीटू, ऐक्टू, एच एम एस, इस्पात श्रमिक मंच द्वारा आज दमन विरोधी दिवस का पालन करते हुए राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर, दुर्ग को मिलकर एक ज्ञापन सौंपा गया .ज्ञापन किसान आंदोलन के दौरान जेलों में बंद निर्दोष किसानों की बिना शर्त रिहाई और झूठे केसों व जारी किए जा रहे नोटिस रदद् करने के विषय में दिया गया।
ज्ञापन में कहा गया है कि पिछले छह महीनों से देश के किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित कुछ अन्य मांगों के लिए विभिन्न तरीकों से और विभिन्न स्तरों पर लड़ रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में, पिछले तीन महीनों से, किसान अनिश्चित काल के लिए दिल्ली के आसपास धरना लगाए हुए है, लेकिन सैकड़ों किसानों और आन्दोलन समर्थकों को भारत सरकार और कई राज्य सरकारों द्वारा जेलों में डाल दिया गया है और झूठे मामले बनाए गए हैं।
आज पूरे देश में “दमन-विरोधी दिवस” मनाते हफ दर्ज पुलिस मामलों को खारिज कर दिया जाना चाहिए और उन्हें तुरंत बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए।
किसानों और उनके संघर्ष के समर्थक व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ में दर्ज झूठे पुलिस मामलों को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
दिल्ली पुलिस, एनआईए और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा संघर्ष में शामिल किसानों को डराने-धमकाने के लिए भेजे जा रहे नोटिस को तुरंत रोका जाना चाहिए और पहले के नोटिस को रद्द कर दिया जाना चाहिए।
दिल्ली की सीमाओं पर किसान मोर्चाें की पुलिस की घेराबंदी के नाम पर, आम आदमी की बंद सड़कों को खोला जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल मे बृजेन्द्र तिवारी, शांत कुमार, विनोद कुमार सोनी,अशोक खातरकर,बंसत उके,प्रेमसिंह चंदेल, मुक्तानंद साहू, गौतम साहू आदि शामिल थे.