अहमदाबाद 22 मार्च : गुजरात में बढ़ते कोरोना के मामलों के चलते शहरों के हालत तो बिगड़ ही रहे हैं, इसके साथ ही लोगों के मन में एक बार फिर से लॉकडाउन लगने की शंका घर कर गई है। ऐसे में लोग अपने घर-परिवार व सामान सहित पलायन कर रहे हैं। प्रदेश के सूरत, राजकोट, भावनगर, अहमदाबाद व राजकोट में कोरोना संक्रमण तेजी पकड़ रहा है, जिसके चलते 26 मार्च से लॉकडाउन लगने की अफवाह ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि, पिछले हफ्ते से मजदूरों का घर लौटने का सिलसिला कुछ ऐसा है कि प्रतिदिन करीब एक हजार मजदूर अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।
आपको बता दे कि पिछले साल लगे लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में एक बार फिर से लोग लॉकडाउन की अफवाह में घर की जाने का फैसला कर रहे हैं। उन्हें डर है कि कहीं पिछले साल जैसा ही लॉकडाउन न लग जाए और खाने के लिए मोहताज न होना पड़े। इसी चिंता में मजदूर अपने परिवार व सामान के साथ घरों की तरफ लौट रहे हैं। वैसे में यह बात बिल्कुल अफवाह है कि, अगले 26 मार्च को लॉकडाउन लग रहा है। चूंकि होली की वजह से ट्रेनों में जगह नहीं है, इसलिए अब गांव जाने के लिए लोग बसों का भी सहारा ले रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ सूरत की पांडेसरा पुलिस ने अफवाह फैलाने के आरोप में ट्रैवल्स एजेंसी से जुड़े कुछ लोगों को हिरासत में लिया है।
पुलिस ने बताया कि होली के त्यौहार के चलते ट्रेनों की संख्या में कमी है, जिस कारण ये सब लोग अफवाह फैलाकर मोटी कमाई करने के चक्कर में हैं। ऐसे में लोग अफवाह को सच मानते हुए अपने-अपने घरों की और बसों का सहारा ले रहे हैं। लॉकडाउन की अफवाह को न फैलने देने के लिए भाजपा के सांसद सीआर पाटिल ने भी साफ किया है कि लॉकडाउन लगने की बात बिल्कुल गलत है, लोगों को शहर छोड़कर जाने की जरूरत नहीं है। वहीं मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी साफ कर दिया है कि अफवाहों पर ध्यान न दें। लॉकडाउन बिल्कुल नहीं लगाया जाएगा। दरअसल, पांडेसरा के वड़ोद गांव के अलावा लिंबायत, डिंडोली से हर दिन 30 से ज्यादा बसें जा रही हैं, इसमें लोग अपने गांव लौट रहे हैं।