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भोपाल में बारिश का आंकड़ा 130 सेंटीमीटर यानि 51 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है
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जो सामान्य से 60 फीसदी ज्यादा है। 2016 के बाद ये सीजन की सबसे ज्यादा बारिश है
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कलियासोत और भदभदा के गेट खोले गए हैं, अब तक 300 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया है

भोपाल. राज्य में गुरुवार की सुबह से बारिश के आसार बने हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, उड़ीसा तट और उसके आसपास कम दवाब का क्षेत्र बना हुआ है, वहीं ऊपरी भाग में हवाओं का चक्रवात बना हुआ है, जिससे राज्य में बारिश जारी है।
भारी बारिश के चलते भोपाल के भदभदा और कलियासोत डैम के गेट खोले गए थे। भदभदा के पांच गेट रात 8 बजे खोले गए, जिसमें दो गेट सुबह 10 बजे बंद हो गए हैं। 14 घंटे में 300 एमसीएफटी पानी निकाला गया है। वहीं कोलार डैम का लेवल 459 मीटर के करीब पहुंच गया है। जबकि भोपाल में बारिश का आंकड़ा 130 सेंटीमीटर यानि 51 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 60 फीसदी ज्यादा है। 2016 के बाद ये सीजन की सबसे ज्यादा बारिश है।
वहीं, आगामी 24 घंटों में रायसेन, राजगढ़, विदिशा, सीहोर, होशंगाबाद सहित 18 जिलों में भारी और नीचम, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, अलिराजपुर सहित 12 जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राज्य के मौसम में बदलाव जारी है। गुरुवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 23, ग्वालियर का 25.4 और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 24.6 सेल्सियस दर्ज किया गया।
खोलने पड़े थे भदभदा और कलियासोत डैम के गेट
इधर, भोपाल में भारी बारिश से पहले से फुल टैंक लेवल पर चल रहे बड़े तालाब में शाम से कैचमेंट का पानी तेजी से आना शुरू हो गया। करीब सात बजे बड़े तालाब का जलस्तर फुल टैंक लेबल से ऊपर पहुंचा ताे भदभदा डैम के पांच और छह नंबर गेट खाेलना पड़े। यहां से पानी छाेड़ा तो कलियासाेत डैम फुल टैंक लेवल पर पहुंच गया। रात आठ बजे कलियासाेत के भी 3 गेट खाेले गए। रात 10 बजे तक दाेनों डैम के गेट खाेलकर पानी बहाया गया।
रपटा पार कर रहे किसान की नाले में बहने से मौत
वहीं खजूरी सड़क इलाके में बुधवार दोपहर तेज बारिश में तूमड़ा गांव का रपटा पार कर रहा एक किसान पानी के तेज बहाव में बह गया। उसका शव दो किमी दूर मिला। पुलिस के मुताबिक तूमड़ा निवासी घनश्याम पाटीदार (62) दोपहर करीब साढ़े तीन बजे खेत से घर लौट रहे थे। वे रपटा पार कर रहे थे तभी घनश्याम पानी के बहाव में बह गए।
मौसम को प्रभावित करने वाले कारक
- उड़ीसा तट एवं उसके आसपास के इलाके में कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। हवा के ऊपरी भाग में से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण पश्चिम दिशा की ओर झुक गया है।
- मानसून ट्रफ मीन सी लेवल पर बीकानेर जयपुर टीकमगढ़ पेंड्रा रोड झारसुगुड़ा से कम दबाव के क्षेत्र वाले उड़ीसा तट तक गया है।
- पूर्वी पश्चिमी सीआर जोन 21 डिग्री उत्तरी अक्षांश में स्थित है, जो 3.1 से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक बना हुआ है जो ऊंचाई के साथ दक्षिण दिशा की ओर झुका हुआ है।