मुंबई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मुंबई पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने विले पार्ले में लोकमान्य सेवा संघ तिलक मंदिर में भगवान गणेश की पूजा की। इसके बाद उन्होंने तीन मेट्रो लाइनों की आधारशिला रखी। तीनों लाइनों का नेटवर्क 42 किमी का होगा।मोदी ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी बड़ी से बड़ी चुनौती में भी पूरी तन्मयता के साथ अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त किया जाता है, ये इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों से हम सब सीख सकते हैं। इसरो के वैज्ञानिक तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक वे अपने लक्ष्य पर नहीं पहुंच जाते।
दोपहर में मोदी औरंगाबाद पहुंचेंगे। यहां औरंगाबाद इंडस्ट्रियल सिटी (एयूआरआईसी) का उद्घाटन करेंगे। मोदी 8वें करोड़ के लाभार्थी को मुफ्त गैस कनेक्शन भी बांटेंगे। पीएम का नागपुर जाने का भी कार्यक्रम था, लेकिन भारी बारिश के कारण इसे रद्द करना पड़ा।
यह हैं तीन मेट्रो लाइन
तीन लाइनों में- 9.2 किलोमीटर लंबी गायमुख से शिवाजी चौक (मीरा रोड) मेट्रो-10 लाइन, 12.7 किलोमीटर लंबी वडाला से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल्स मेट्रो-11 लाइन और 20.7 किलोमीटर लंबी कल्याण से तलोजा मेट्रो-12 लाइन शामिल हैं।
मेट्रो भवन की आधारशिला रखी
मोदी ने मुंबई में अत्याधुनिक मेट्रो भवन की भी आधारशिला रखी। 32 मंजिला यह केंद्र 340 किमी की 14 मेट्रो लाइनों का संचालन और नियंत्रण करेगा। प्रधानमंत्री ने अत्याधुनिक मेट्रो कोच का लोकार्पण किया। यह मेक इन इंडिया के अंतर्गत बनने वाला पहला मेट्रो कोच है।
औरंगाबाद में ‘ऑरिक सिटी’ का करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री औरंगाबाद इंडस्ट्रियल सिटी (एयूआरआईसी) का उद्घाटन करेंगे। इसे ‘ऑरिक सिटी’ का नाम दिया गया है। इसमें 2 हजार मल्टीनेशनल कंपनियां होंगी। ऑरिक का अपना प्रशासनिक भवन होगा। पीएम इसी भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे। ऑरिक सिटी के तहत बनने वाली इमारत और हॉल का भूमिपूजन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 9 नवंबर 2016 को किया था।
क्या खास है इस ऑरिक सिटी में
ऑरिक सिटी के तहत बनाई गई इमारतों पर कुल 129 करोड़ का खर्च आया है। इसका निर्माण 11 हजार 335 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है। इसमें 8 मंजिला इमारतों का निर्माण किया गया है। इमारतों की पांचवीं मंजिल तक विभिन्न कार्यालयों को जगह दी जाएगी। यहां पर ऑरिक का मध्यवर्ती कार्यालय, बैंक और अन्य नागरी सुविधा के जरूरी जगह रखी जाएगी। इमारत का निर्माण कार्य करते समय यह ध्यान रखा गया कि यहां पर उपयोग किए जाने वाले पानी का दोबारा उपयोग किया जा सकेगा। इसके अलावा सोलर एनर्जी का उपयोग, ई-ग्लास का उपयोग, अत्याधुनिक विद्युत सुविधा समेत इमारत के रखरखाव के लिए जरूरी उपाय किए गए हैं।