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विशेष पिछड़ी जनजाति को मिलेगा सीधी भर्ती का लाभ
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प्राथमिक वनोपज, सहकारी समिति केन्द्रों में खुलेंगे प्रसंस्करण केन्द्र
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गरियाबंद में 100 बिस्तर अस्पताल और राजिम में कृषि महाविद्यालय खुलेंगे
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जनता के हित के लिए आरक्षण लागू किया: भूपेश बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज जिला मुख्यालय गरियाबंद में आयोजित वन अधिकार, आजीविका सम्मेलन एवं अभिनंदन समारोह में जिलेवासियों को बड़ी सौगात दी। श्री बघेल ने गरियाबंद जिले के पीपरछेड़ी और इंदागांव को उप तहसील का दर्जा देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने मैनपुर तहसील को राजस्व अनुविभाग का दर्जा दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सौगातों की बारिश करते हुए अंचल के विशेष पिछड़ी जनजाति कमार एवं भुंजिया जाति के लिए सीधी भर्ती का रास्ता खोल दिया। श्री बघेल ने क्षेत्र में प्रचुर वन सम्पदा की उपलब्धता को देखते हुए जिले के सभी प्राथमिक वनोपज सहाकरी समितियों में 20-20 लाख रूपए की लागत से प्रारंभिक प्रसंस्करण केन्द्र खोलने की घोषणा की। श्री बघेल ने कहा कि इससे जिले के लोगों को वन सम्पदा का बेहतर मूल्य मिलेगा और आजीवका में वृद्धि होगी। उन्होंने जिला मुख्यालय गरियाबंद में 100 बिस्तर अस्पताल और गरियाबंद जिले के राजिम में कृषि महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गरियाबंद में आयोजित वन अधिकार, आजीविका एवं अभिनंदन समारोह के विशाल जनसभा को छत्तीसगढ़ी में सम्बोधित करते हुए कहा कि गरियाबंद जिला धार्मिक, सांस्कृति और प्राकृतिक रूप से सम्पन्न है। यहां विकास की असीम सम्भावनाएं है। श्री बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के सन् 1985 में कुल्हाड़ीघाट प्रवास को याद करते हुए कहा कि श्री राजीव गांधी कुल्हाड़ीघाट जैसे आदिवासी और वनाचंल क्षेत्र में आकर कंदमूल खाये थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी और समाज के पिछड़े तबके के लोगों के हित में कार्य करती रही है। श्री बघेल ने राज्यवासियों को कुल 82 प्रतिशत देने के फैसले पर कहा कि संविधान और मंडल आयोग के सिफारिश के आधार पर ही हमने राज्य की जनता के हित के लिए ईमानदारी से लागू किया है। जनसंख्या के आधार पर अब सभी वर्गो को आरक्षण का लाभ मिलेगा। श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति पुरखों का सपना और स्वाभिमान के लिए कृत संकल्पित है। कुंभ मेला को हमने राजिम पुन्नी मेला का नाम दिया। राज्य के संस्कृति को सहेजते हुए हरेली, विश्व आदिवासी दिवस, कर्मा जयंती और तीजा पर्व पर भी सार्वजनिक अवकाश दिये। श्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के आदिवासियों के लिए वन अधिकार पत्र को और सुगत तरीके से निराकरण कर रही है। जिले में लगभग 22 हजार वन अधिकार पत्र वितरित किये। श्री बघेल ने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ है। हम इसे नई पहचान देकर और समृद्ध करेंगे।
कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री तथा गरियाबंद जिले के प्रभारी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि गरियाबंद जिले में पर्यटन के विकास के लिए कार्य किया जायेगा। लघु वन प्रसंस्करण केन्द्र खोले जायेंगे। श्री साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री ने ई-टेंडर प्रक्रिया को खत्म करके युवाओं को एक नया अवसर प्रदान किया है। अब युवा 50 लाख रूपए तक के कार्य मैन्युअल टेंडर के माध्यम से कर सकेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के कार्य प्रणाली में भी जनता की सहूलियत के अनुसार आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है। यातायात संबंधी नियम को शिथिल किया गया है और जुआ-सट्टा जैसे आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए प्राथमिक रूप से थानेदार को जिम्मेदार बनाया गया है। जेल में बंद निरापराध आदिवासियों के रिहाई पर भी सरकार संवेदनशील तरीके से पहल कर रही है। उन्होंने देवभोग क्षेत्र के दूषित पेयजल वाले 68 स्कूलों में रिमूअल प्लॉट लगाने की जानकारी भी दी।
वन एवं खाद्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हमने जनता से किये गये वादे को पूरा किया। नई सरकार के शपथ के साथ ही 14 हजार करोड़ रूपए का किसानों का कर्ज माफ किया। श्री अकबर ने कहा कि हमने प्रत्येक परिवार को 35 किलो चावल देने के वादे को पूरा किया है। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए 30 हजार करोड़ रूपए किसानों के खाते में सीधे दिए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की असली ताकत यहां के किसान है। हम किसानी से संबंधित फुड प्रोसेसिंग, मक्का, टमाटर, गन्ना आधारित उद्योग लगाने की दिशा में अनेक कार्य कर रहे हैं। धान आधारित उद्योग लगाने की तैयारी है। स्थानीय विधायक श्री अमितेश शुक्ल ने अपने सम्बोधन में राज्य सरकार की योजनाओं की जिक्र करते हुए कहा कि यह सरकार गांव, गरीब और किसानों की हितैषी है।