
छत्तीसगढ़ में निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण लागू किया जा सकता है। इसको लेकर नगरीय निकाय मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि जरूर होना ही चाहिए। वहीं प्रदेश में आरक्षण बढ़ाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन कोई मायने नहीं रखती है। जनसंख्या के आधार पर आरक्षण में बढ़ोतरी की जा सकती है। हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का कहीं उल्लंघन नहीं किया है। दरअसल, आरक्षण नीति को लेकर कैबिनेट मंत्री शनिवार को मीडिया से बात कर रहे थे। राजधानी स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे मंत्री डहरिया ने एक सवाल के जवाब में निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू किए जाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा, निजी क्षेत्र में आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। गरीबों को इसका लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गांव और गरीबों के लिए लगातार काम कर रही है।
रायपुर के पुलिस ग्राउंड में 15 अगस्त को हुए स्वतंत्रता दिवस के मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण को लेकर बड़ी घोषणा की थी। इसके तहत अब अनुसूचित जाति वर्ग को 12 की बजाए 13 और पिछड़ा वर्ग को 14 की जगह 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण 32 प्रतिशत यथावत है। इससे राज्य में अब आरक्षण 58 प्रतिशत से बढ़कर 72 प्रतिशत हो जाएगा।