रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा क्षेत्र से पांच बार के विधायक कवासी लखमा वर्तमान में आबकारी और उद्योग मंत्री हैं। लखमा अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। उनके बिगड़े बोल के कारण अब तो सरकार भी चिंतित होने लगी और प्रशासनिक तंत्र में भी भीतर ही भीतर नाराजगी होने लगी है। सरकार को इस बात की चिंता है कि लखमा के बयानों के कारण न केवल प्रशासन, बल्कि दूसरे वर्ग के लोग भी नाराज न हों, जिससे प्रदेश और जनता को नुकसान हो जाए।
लखमा का शिक्षक दिवस के कार्यक्रम का वीडियो वायरल हुआ है। वीडियो के मुताबिक सुकमा जिले के पावारास स्कूल के बच्चों से उन्होंने जो कुछ कहा, वह आइएएस और आइपीएस वर्ग को नाराज करने वाली है। वायरल वीडियो में लखमा बच्चों से यह कहते दिख रहे हैं कि बड़ा नेता बनना है, तो एसपी-कलेक्टर की कॉलर पकड़ो। आबकारी मंत्री के इस बोल की प्रशासनिक महकमे में आलोचना हो रही है। कोई अधिकारी खुलकर नाराजगी नहीं जता पा रहा, क्योंकि लखमा सरकार में कद्दावर मंत्री हैं। इसके पहले लखमा ने देश के उद्योगपतियों को नाराज करने वाली बात कही थी।
उन्होंने विधानसभा सदन में कहा था कि बस्तर को निजी उद्योगपतियों के हाथ बिकने नहीं देंगे, अडाणी को खनन के लिए घुसने नहीं देंगे। लखमा का यह बयान बैलाडीला के कोल ब्लॉक को लेकर था। उन्होंने अडाणी के लिए कहा था, लेकिन सारे उद्योगपतियों को निशाने पर लेते हुए। उनके इस बयान पर लोगों की यह प्रतिक्रिया था कि मंत्री के ऐसे बोलने पर दूसरे राज्यों या देशों के उद्योगपति छत्तीसगढ़ आना नहीं चाहेंगे। इससे औद्योगिक विकास प्रभावित होगा, जबकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उत्तरप्रदेश के उद्योग समूहों को छत्तीसगढ़ आने का न्योता दिया है। लखमा भी खुद कनाडा के उद्योग समूहों से मिलने गए थे और उन्हें छत्तीसगढ़ आने के लिए कहा था।
पहले भी बिगड़े बोल
– नौ अप्रैल को दंतेवाड़ा के बालूद की चुनावी सभा में लखमा ने बैलाडीला के 13 नम्बर की डिपॉजिट खदान पर कहा था कि क्या यह खदान मोदी के बाप की है? इसकी भाजपा ने तीखी आलोचना की थी।
– 24 फरवरी को जगदलपुर में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में एक पत्रकार के सवाल पूछने पर लखमा ने कहा था, पत्रकार आरएसएस की भाषा बोलने लगे हैं। इसका मीडियाकर्मियों ने विरोध किया था।
लखमा का यू-टर्न, बोले-तोड़- मरोड़कर पेश किया बयान
लखमा के बयान की आलोचना होने लगी, तो उन्होंने यू-टर्न लिया। सारा दोष मीडिया पर डाल दिया और कहा कि उनके बयान को मीडिया तोड़-मरोड़कर पेश करता है। उनका कहना है कि उन्होंने स्कूली बच्चों से कहा था कि बड़ा नेता बनने के लिए सड़क की लड़ाई लड़नी होती है।