
भिलाई। भ्रष्ट नगर निगम को सुधारने का जिम्मा लिए हुए हैं आयुक्त। भ्रष्टाचार के गढ़ कहे जाने वाले निगम में हर विषय पर जांच चल रही है लेकिन जांच ऐसी कि किसी भी घोटाले में अब तक जांच पूर्ण नहीं हो पाई है। जांच पूर्ण होने के पहले ही आयुक्त का ट्रांसफर हो जाता है। अपने दम में चलने वाले नगर निगम की स्थिति देखते ही बनती है। जहां एक ओर योजनाओं का अंबार है वहीं दूसरी ओर घोटलेबाजों की कहानी भी है। आईए बात करते हैं वर्तमान आईएएस ऋतुराज रघुवंशी की जिन्होंने पद संभालते ही कुछ फेरबदल किए हैं। आयुक्त के कार्य को लेकर शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। आयुक्त ने कम समय में अपनी छाप आम जनमानस पर छोड़ी है।
आम जनमानस से जुड़ी हुई कोई भी फाईल किसी भी अधिकारी के पास नहीं रुक रही है। हर कार्यों की समीक्षा स्वयं कर रहे हैं। सुबह से शाम-रात कर अपने कार्य में डटे रहना। नियम-कानून से हर कार्य को अंजाम देना, अवैध कब्जे, लाइसेंस एवं छापा दल पर राजनीति दबाव या फोन आने पर नहीं सुनना, ठेकेदारों द्वारा फाईल लेकर घूमने की प्रथा को बंद करना वर्तमान स्थिति का नजारा है। भिलाई इस्पात संयंत्र के अरबों रुपए के अचल संपत्ति को कुर्की करने का नोटिस तामिल किया है। जो संवाददाता को देखने और सुनने मिला।
नगर निगम 8 जून 1998 के गठन के पश्चात पहले आयुक्त के रुप में एस.बी. सिंह हुए उनके बाद 19वां नंबर के आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी का नाम आता है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि तत्तकालीन आयुक्त एसबी सिंह को खुद छत्तीसगढ़ की पुलिस जमीन घोटाले मामले में खोज रही है। वर्तमान में फरार चल रहे हैं। घोटालों के मामले में जल वितरण पानी टैंकर घोटाला, डीजल घोटाला, एलईडी घोटाला, मकान दुकान के आबंटन में, निर्माण कार्य एवं गार्डन, जिम, पेवर ब्लाक, मच्छर उन्मूलन, सफाई व्यवस्था में करोड़ों रुपए के घोटाले उजागर हुए हैं। जिस फाईल को देखो सभी का यही हाल है। सावधान…घोटालों की कई फाईलें निगम से गायब है। जिस पर एफआईआर भी सुपेला थाने में दर्ज हुई है।